ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में इसी महीने 50 बिस्तरों वाला डे-केयर आयुष अस्पताल शुरू होने जा रहा है. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने यूनिवर्सिटी तिराहे पर स्थित मैनेजमेंट भवन को चिन्हित किया है. अस्पताल की ओपीडी में एलोपैथिक, डेंटल, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, नेचुरोपैथी और फिजियोथैरेपी के डॉक्टर मरीजों का इलाज करेंगे. सुबह 9 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक चलने वाली इस ओपीडी में मरीजों को 20 देकर अपना पंजीयन कराना होगा. ओपीडी के लिए जीवाजी विश्वविद्यालय में पहले से ही आयुष डॉक्टर नियुक्त है. एलोपैथिक डॉक्टरों को जल्द ही नियुक्त किया जाएगा.
100 बिस्तरों वाला होगा अस्पताल
डे केयर अस्पताल होने के कारण यहां मरीजों को दिन में भर्ती रखा जाएगा और रात को घर भेज दिया जाएगा. पूरे स्टाफ की नियुक्ति के बाद इसे 100 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाने की योजना है. अस्पताल के लिए विश्वविद्यालय को सभी अनुमति प्रशासन से मिल चुकी है. विश्वविद्यालय के प्रबंधन का मानना है कि अस्पताल में पंचकर्म को प्रमोट किया जाएगा. विश्वविद्यालय के हेल्थ केयर सेंटर में पहले से ही पंचकर्म चिकित्सा चल रही है, लेकिन पंचकर्म के लिए जगह कम होने के कारण कई बार जरूरतमंदों को लौटाना पड़ता है.
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जयारोग्य चिकित्सालय पर कम होगा मरीजों का दवाब
अब यहां संसाधन भी बढ़ाए जाएंगे. महिला और पुरुषों के लिए अलग कक्ष होंगे. यह सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक संचालित किया जाएगा. विश्वविद्यालय के हेल्थ सेंटर में आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक परामर्श पहले से ही दिया जा रहा है. एमबीए के लिए आवंटित भवन को राजमाता तिराहे से हटाकर दूसरे भवन में शिफ्ट किया गया है. उम्मीद की जा रही है कि तीसरे सप्ताह तक यह 50 बिस्तरों वाला अस्पताल शुरू हो जाएगा. इससे जयारोग्य चिकित्सालय में मरीजों का दवाब भी कम हो सकेगा और सिटी सेंटर छेत्र के लोगों को एक स्वास्थ्य सुविधा के रूप में नया अध्याय जुड़ जाएगा.