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कला का अद्भुत नजारा: पानी में तैरी 'पत्थर की नाव', साढ़े 4 किलो की नाव में विराजे भगवान राम - ज्योतिरादित्य सिंधिया

ग्वालियर के एक शिल्पकार ने कला का एक अद्भुत नमूना पेश किया है. शिल्पकार ने साढ़े चार किलो की नाव बनाकर पानी में तैरा दी. इस कला को देखकर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अचंभित हो गए. कलाकाल ने इस नाव में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और केवट को विराजमान किया है. पत्थर की नाव को देखकर लोग इसे चमत्कार ही समझ रहे है. हालांकि शिल्पकाप दीपक का कहना है कि यह एक कला का नमूना है. इसे बनाने में मेहनत तो बहूत लगी है लेकिन यह कोई चमत्कार नहीं है.

stone boat floating on water
पानी पर तैरती पत्थर की नाव
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Published : Oct 27, 2021, 3:55 PM IST

Updated : Oct 27, 2021, 5:44 PM IST

ग्वालियर। रामायण काल में श्रीराम का नाम लिखे पत्थर को तेरने की कथाएं आपने जरूर सुनी होगी. ऐसा ही एक अनोखा चमत्कार ग्वालियर के रहने वाले एक शिल्पकार ने कर दिखाया. राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित शिल्पकार दीपक विश्वकर्मा ने साढ़े 4 किलो के पत्थर की ऐसी नाव बनाई है जो पानी में तैरती है. इस नाव में केवट के साथ प्रभु श्री राम, माता जानकी और भगवान लक्ष्मण के साथ केवट विराजमान है. शिल्पकार की इस कला को देखकर हर कोई हैरान हो गया. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस पत्थर की नाव को देखकर हैरत में आ गए.

पानी पर तैरती पत्थर की नाव

24 घंटे काम कर 40 दिन में तैयार की पत्थर की नाव

शिल्पकार दीपक विश्वकर्मा की अद्भुत कला को देखकर हर कोई हैरत में आ गया है. क्योंकि हर किसी ने सिर्फ रामायण काल में श्रीराम लिखे हुए पत्थरों को तेरने की कथा सुनी है. यह शिल्पकार दीपक विश्वकर्मा की अद्भुत कला का नमूना है. शिल्पकार दीपक विश्वकर्मा इस नाव को तैयार करने के लिए सबसे पहले 4.5 किलो का पत्थर लिया. दीपक लगातार 40 दिनों तक इस पत्थर की अद्भुत नाव को बनाने के लिए दिन-रात एक कर दिए. दीपक विश्वकर्मा के द्वारा बनाई गई इस अद्भुत नाव में श्रीराम माता जानकी और भगवान लक्ष्मण के साथ केवट भी मौजूद है.

stone boat floating on water
पानी पर तैरती पत्थर की नाव

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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की कलाकार की तारीफ

दीपक विश्वकर्मा एक राष्ट्रीय शिल्पकार है. इस अद्भुत कला के जरिए वह कई अवार्ड अपने नाम कर चुके हैं. इस बार दीपक द्वारा बनाई गई साढ़े 4 किलो की पत्थर की नाव सूर्खियां बटोर रही है. यह नाव पानी में ऐसे तैर रही है, जैसे कोई कागज की नाव है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब इस नाव को देखा तो वह भी हैरान रह गए. सिंधिया ने दीपक विश्वकर्मा की इस कला की जमकर तारीफ की. इससे पहले भी दीपक विश्वकर्मा इससे छोटी पत्थर की नाव तैयार कर चुके हैं.

Jyotiraditya Scindia was surprised to see boat
ज्योतिरादित्य सिंधिया भी नाव देखकर हुए हैरान

ग्वालियर के व्हाइट स्टोन से तैयार हुई नाव

शिल्पकार दीपक विश्वकर्मा ने बताया कि इस नाव को तैयार करने के लिए कई प्रकार के पत्थरों की तलाश की गई. उसके बाद विश्व प्रसिद्ध ग्वालियर के व्हाइट स्टोन पत्थर से इस नाव को तैयार करने का प्लान किया. देश और दुनिया में टिंडमिंट पत्थर के नाम से मशहूर ग्वालियर का यह पत्थर काफी सॉफ्ट है. इसकी चमक बाकी पत्थरों से अलग है.

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दीपक विश्वकर्मा ने बताया पत्थर की कोई खासियत नहीं है यह सिर्फ खासियत कला की है. इस नाव की पत्थर को बनाने के लिए पूरी तरह कला का उपयोग किया गया है. यही वजह है कि रात-दिन काम कर इस अद्भुत नाव को तैयार किया. दीपक विश्वकर्मा इससे पहले भी बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन, पीएम नरेंद्र मोदी और सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा भी बना चुके हैं.

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प्रभू श्री राम के लिए कुछ करना था, इसलिए बनाई नाव

ईटीवी भारत से बात करते हुए शिल्पकार दीपक विश्वकर्मा ने बताया कि इस समय पूरे देश भर में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए हर कोई अपना योगदान देना चाहता है. ऐसे में मेरे मन में भी यह ख्याल आया कि प्रभु श्री राम के प्रति मुझे भी कुछ करना चाहिए. इसी उद्देश्य से पत्थर की नाव बनाने का प्लान तैयार किया और यह पूरी तरह सफल रहा. इस पत्थर की नाव में प्रभु श्री राम, माता जानकी और भगवान लक्ष्मण विराजमान है और केवट नाव हाक रहा है.

ग्वालियर। रामायण काल में श्रीराम का नाम लिखे पत्थर को तेरने की कथाएं आपने जरूर सुनी होगी. ऐसा ही एक अनोखा चमत्कार ग्वालियर के रहने वाले एक शिल्पकार ने कर दिखाया. राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित शिल्पकार दीपक विश्वकर्मा ने साढ़े 4 किलो के पत्थर की ऐसी नाव बनाई है जो पानी में तैरती है. इस नाव में केवट के साथ प्रभु श्री राम, माता जानकी और भगवान लक्ष्मण के साथ केवट विराजमान है. शिल्पकार की इस कला को देखकर हर कोई हैरान हो गया. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस पत्थर की नाव को देखकर हैरत में आ गए.

पानी पर तैरती पत्थर की नाव

24 घंटे काम कर 40 दिन में तैयार की पत्थर की नाव

शिल्पकार दीपक विश्वकर्मा की अद्भुत कला को देखकर हर कोई हैरत में आ गया है. क्योंकि हर किसी ने सिर्फ रामायण काल में श्रीराम लिखे हुए पत्थरों को तेरने की कथा सुनी है. यह शिल्पकार दीपक विश्वकर्मा की अद्भुत कला का नमूना है. शिल्पकार दीपक विश्वकर्मा इस नाव को तैयार करने के लिए सबसे पहले 4.5 किलो का पत्थर लिया. दीपक लगातार 40 दिनों तक इस पत्थर की अद्भुत नाव को बनाने के लिए दिन-रात एक कर दिए. दीपक विश्वकर्मा के द्वारा बनाई गई इस अद्भुत नाव में श्रीराम माता जानकी और भगवान लक्ष्मण के साथ केवट भी मौजूद है.

stone boat floating on water
पानी पर तैरती पत्थर की नाव

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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की कलाकार की तारीफ

दीपक विश्वकर्मा एक राष्ट्रीय शिल्पकार है. इस अद्भुत कला के जरिए वह कई अवार्ड अपने नाम कर चुके हैं. इस बार दीपक द्वारा बनाई गई साढ़े 4 किलो की पत्थर की नाव सूर्खियां बटोर रही है. यह नाव पानी में ऐसे तैर रही है, जैसे कोई कागज की नाव है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब इस नाव को देखा तो वह भी हैरान रह गए. सिंधिया ने दीपक विश्वकर्मा की इस कला की जमकर तारीफ की. इससे पहले भी दीपक विश्वकर्मा इससे छोटी पत्थर की नाव तैयार कर चुके हैं.

Jyotiraditya Scindia was surprised to see boat
ज्योतिरादित्य सिंधिया भी नाव देखकर हुए हैरान

ग्वालियर के व्हाइट स्टोन से तैयार हुई नाव

शिल्पकार दीपक विश्वकर्मा ने बताया कि इस नाव को तैयार करने के लिए कई प्रकार के पत्थरों की तलाश की गई. उसके बाद विश्व प्रसिद्ध ग्वालियर के व्हाइट स्टोन पत्थर से इस नाव को तैयार करने का प्लान किया. देश और दुनिया में टिंडमिंट पत्थर के नाम से मशहूर ग्वालियर का यह पत्थर काफी सॉफ्ट है. इसकी चमक बाकी पत्थरों से अलग है.

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Last Updated : Oct 27, 2021, 5:44 PM IST
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