ग्वालियर। अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य समूह और विवादों का चोली दामन का साथ है. यहां आए दिन कोई न कोई नया विवाद सामने आता रहता है. इसी कड़ी में अब सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अधीक्षक की नियुक्ति को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है. सुपर स्पेशलिटी अधीक्षक डॉ. गौरी शंकर गुप्ता की नियुक्ति के बाद उनके द्वारा निजी अस्पताल का फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाने के लेकर शिकायत की गई थी. यह मामला कोर्ट में चला गया. (gwalior jyarogya hospital dispute)
कोर्ट ने दिए थे जांच के निर्देशः कोर्ट ने इस मामले में निष्पक्ष जांच कराने के निर्देश भी गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के डीन को दिए थे. इसमें बकायदा एक कमेटी गठित कर इसकी जांच करने के निर्देश दिए थे. अब वह जांच सामने आ गई है. जांच में यह सिद्ध हो गया है कि उनके द्वारा जो निजी अस्पताल का अनुभव प्रमाण पत्र लगाया गया था, वह फर्जी है. जांच कमेटी ने पत्र लिखकर उसे अस्पताल से डॉक्टर से संबंधित दस्तावेज की पुष्टि करने का निवेदन किया था. सामने आने के बाद भी आज तक अधीक्षक डॉ. गौरी शंकर गुप्ता पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. (gajra raja medical college gwalior)
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इससे साफ जाहिर हो रहा है कि गजरा राजा मेडिकल कॉलेज की जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब काम खुलेआम हो रहा है. मेडिकल कॉलेज के डीन अभी भी इस मामले के कोर्ट में होने का हवाला दे रहे हैं, जबकि संभागीय आयुक्त का कहना है कि इस मामले में जो भी कमियां सामने आएंगी, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया था कि जिस समय उन्होंने निजी अस्पताल में पदस्थ होने की बात कही उस समय यह शासकीय सेवा में श्योपुर और भिंड जिले में पदस्थ थे. (fake certificate in gwalior) वहीं इस मामले को लेकर संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना का कहना है कि अगर जांच में यह स्पष्ट होता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.