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निर्माणाधीन 1000 बिस्तरों वाले अस्पताल का काम ठप, मजदूर कोरोना संक्रमित मिलने पर परिसर कंटेनमेंट जोन घोषित - ग्वालियर में कोरोना

ग्वालियर में बहुप्रतीक्षित 1000 बिस्तरों वाले अस्पताल के निर्माण का काम पिछले 6 दिनों से ठप पड़ा है. बिहार से आए कुछ मजदूरों के संक्रमित मिलने के बाद दूसरे अन्य राज्यों के मजदूर दहशत में है. कंटेंटमेंट क्षेत्र घोषित किए जाने के बाद मजदूर खाने पीने के लिए परेशान हो रहे हैं.

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Published : Jul 21, 2020, 1:39 AM IST

ग्वालियर। शहर के बहुप्रतीक्षित 1000 बिस्तरों वाले अस्पताल के निर्माण का काम पिछले 6 दिनों से ठप पड़ा है. बिहार से आए कुछ मजदूरों के संक्रमित मिलने के बाद दूसरे अन्य राज्यों के मजदूर दहशत में हैं. कंटेंनमेंट क्षेत्र घोषित किए जाने के बाद मजदूर खाने पीने के लिए परेशान हो रहे हैं.

1000 बिस्तरों वाले अस्पताल का काम ठप

दरअसल जयारोग्य अस्पताल परिसर के नजदीक ही 1000 बिस्तरों वाले अस्पताल का निर्माण पिछले 7 साल से चल रहा है. इस विशालकाय भवन के निर्माण के लिए छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड और उड़ीसा के मजदूर भी आए हुए हैं. यह मजदूर निर्माणाधीन भवन के नजदीक ही अस्थाई घरों में रह रहे हैं. 19 जुलाई को बिहार से मजदूरी के लिए आए इन मजदूरों में 8 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं. तभी से दूसरे मजदूरों में दहशत फैल गई है. स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक अन्य मजदूरों के सैंपल नहीं कराए हैं, सिर्फ बिहार के ही मजदूरों के सैंपल लिए गए हैं.

एक साथ 8 मजदूर कोरोना पॉजिटिव

ग्वालियर में कोरोना वायरस संक्रमित मिलने पर दूसरे मजदूर खौफ में है. स्वास्थ्य विभाग ने परिसर को कंटेंनमेंट जोन घोषित कर दिया है और आवाजाही पर रोक लगा दी है. लेकिन अंदर रहने वाले मजदूरों के पास खाने पीने का सामान नहीं बचा है. उन्होंने किसी तरह आलू-प्याज का इंतजाम किया है लेकिन चावल या दूसरी सब्जियां उनके पास नहीं है. वही सभी मजदूरों की जांच रिपोर्ट भी अभी तक नहीं मिल पाई है. जिससे मजदूरों की परेशानी बढ़ी हुई है. वहीं स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि जल्द ही सभी लोगों के कोरोना टेस्ट कराए जाएंगे.

1000 bed hospital under construction
निर्माणाधीन 1000 बिस्तर वाला अस्पताल

ग्वालियर। शहर के बहुप्रतीक्षित 1000 बिस्तरों वाले अस्पताल के निर्माण का काम पिछले 6 दिनों से ठप पड़ा है. बिहार से आए कुछ मजदूरों के संक्रमित मिलने के बाद दूसरे अन्य राज्यों के मजदूर दहशत में हैं. कंटेंनमेंट क्षेत्र घोषित किए जाने के बाद मजदूर खाने पीने के लिए परेशान हो रहे हैं.

1000 बिस्तरों वाले अस्पताल का काम ठप

दरअसल जयारोग्य अस्पताल परिसर के नजदीक ही 1000 बिस्तरों वाले अस्पताल का निर्माण पिछले 7 साल से चल रहा है. इस विशालकाय भवन के निर्माण के लिए छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड और उड़ीसा के मजदूर भी आए हुए हैं. यह मजदूर निर्माणाधीन भवन के नजदीक ही अस्थाई घरों में रह रहे हैं. 19 जुलाई को बिहार से मजदूरी के लिए आए इन मजदूरों में 8 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं. तभी से दूसरे मजदूरों में दहशत फैल गई है. स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक अन्य मजदूरों के सैंपल नहीं कराए हैं, सिर्फ बिहार के ही मजदूरों के सैंपल लिए गए हैं.

एक साथ 8 मजदूर कोरोना पॉजिटिव

ग्वालियर में कोरोना वायरस संक्रमित मिलने पर दूसरे मजदूर खौफ में है. स्वास्थ्य विभाग ने परिसर को कंटेंनमेंट जोन घोषित कर दिया है और आवाजाही पर रोक लगा दी है. लेकिन अंदर रहने वाले मजदूरों के पास खाने पीने का सामान नहीं बचा है. उन्होंने किसी तरह आलू-प्याज का इंतजाम किया है लेकिन चावल या दूसरी सब्जियां उनके पास नहीं है. वही सभी मजदूरों की जांच रिपोर्ट भी अभी तक नहीं मिल पाई है. जिससे मजदूरों की परेशानी बढ़ी हुई है. वहीं स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि जल्द ही सभी लोगों के कोरोना टेस्ट कराए जाएंगे.

1000 bed hospital under construction
निर्माणाधीन 1000 बिस्तर वाला अस्पताल
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