ग्वालियर। स्थानीय निकाय के चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज होती जा रही है. स्थानीय सरकार पर किसका कब्जा हो इसे लेकर बहस शुरू होने के साथ ही एक नई बहस भी इन दिनों चल रही है. कांग्रेस ने एक बार फिर ईवीएम को लेकर सवाल खड़े किए हैं, कांग्रेस की मांग है कि स्थानीय निकाय के चुनाव में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं जिससे निष्पक्षता कायम रह सके.
कांग्रेस का मानना है कि स्थानीय निकाय के चुनाव में बैलेट पेपर इस्तेमाल होने से तमाम तरह की शंकाओं पर विराम लग सकेगा. क्योंकि ईवीएम से चुनाव पर उन देशों में भी रोक लग चुकी है, जिन्होंने इसे इजाद किया था. अमेरिका जैसे विकसित देश में भी ईवीएम का उपयोग पूरी तरह से बंद कर दिया है और वहां बैलेट पेपर से चुनाव होते हैं. इस बारे में कांग्रेस का यह भी कहना है कि ईवीएम क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर आधारित है, इसलिए उसमें छेड़छाड़ की संभावना कहीं ज्यादा होती है.
ईवीएम की निष्पक्षता पर समय-समय पर राजनीतिक दल अपनी आपत्तियां दर्ज कराते रहे हैं. चुनाव आयोग को इस मांग पर ध्यान देना चाहिए और ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से निगम के चुनाव कराए जाने चाहिए. वहीं भाजपा ने कांग्रेस की इस मांग को बेबुनियाद और गैरवाजिब बताया है. बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि हैदराबाद में भी बैलेट पेपर से चुनाव हुए हैं. वहां कांग्रेस की स्थिति चौथे नंबर की रही है. इसलिए कांग्रेस को चुनाव में आम लोगों के बीच जाकर उनका विश्वास हासिल करना चाहिए, ना कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाना चाहिए.