ग्वालियर। आज साहित्य जगत का एक ऐसा सूरज अस्त हो गया है, जो अपनी कला से लोगों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर देता था. जाने-माने हास्यकवि प्रदीप चौबे लोगों को गुदगुदाते थे और अपने हास्य-व्यंग्यों से सामाजिक कुरीतियों और राजनीतिक बुराईयों पर भी कड़ी चोट करते थे. हंसाते-हंसाते वे अपनी कविताओं और व्यंग्य के माध्यम से बड़ी से बड़ी बात कह जाते थे.
प्रसिद्ध हास्यकवि प्रदीप चौबे का आज सुबह कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया. लंबे अरसे से बीमार चल रहे प्रदीप चौबे की ग्वालियर में इलाज के दौरान मौत हो गई. प्रदीप हास्य-व्यंग्य की दुनिया के एक बेताज बादशाह थे, जिनकी रचनाओं ने लाखों दिलों को गुदगुदाया.
प्रदीप चौबे की मौत की खबर ने सबको शून्य में डाल दिया है. पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई है. उनका परिवार गमगीन है, लेकिन उनके परिवार के साथ शहर की हर आंख नम है. साहित्य जगत को मिली यह क्षति अपूरणीय है, जो कभी नहीं भर सकती है. उन्हें याद करते हुए शायर और साहित्यकार काजी तनवीर भावुक हो जाते हैं. उन्होंने नम आंखों से हास्यकवि प्रदीप चौबे को श्रद्धांजलि दी. वहीं प्रदीप चौबे की पत्नी के गमों का अंदाजा लगा पाना मुश्किल है. उन्होंने पुरानी बातें करते हुए प्रदीप चौबे की कई खास खूबियां बताईं.
फिलहाल प्रदीप का परिवार मुंबई से आ रहे उनके बेटे का इंतजार कर रहा है, जिसके आने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.