ग्वालियर। जिले के जीवाजी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को एनएसयूआई के छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हो गई. दरअसल, छात्र अपनी कुछ मांगों को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलना चाहते थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें चेंबर के बाहर ही गेट पर रोक दिया और इस दौरान दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई.
छात्रों ने रखा अपना पक्ष
मामले को लेकर छात्रों का कहना था कि वह अपनी मांगों को लेकर 2 घंटे से कुलपति संगीता शुक्ला के चेंबर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन कुलपति उनकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं है. वह बात करने के लिए अपने अधिकारियों को उनके पास भेज रही है, जबकि उन्हें छात्रों से खुद बात करनी चाहिए.
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यह है छात्रों की मांग
छात्रों ने अपनी मांग को बताते हुए कहा कि पिछले दिनों नरसिंह छात्रों के मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है और जिन अधिकारियों के नाम प्रथम दृष्टया सामने आए हैं ,उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा कि छोटे कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है और उन पर विभागीय जांच बैठा दी गई है. उप-कुलसचिव राजीव मिश्रा और गोपनीय विभाग के कुलदीप चौहान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
परीक्षा को लेकर मांग
छात्रों का यह भी कहना है कि यूजीसी की मीटिंग में कंप्यूटर साइंस ऑपरेटर समेत अन्य पदों को रद्द कर दिया गया था, लेकिन फिर भी विश्वविद्यालय ने इन पदों को भरने के लिए वैकेंसी निकाली हुई है. इसके अलावा स्नातक परीक्षाओं के फार्म भरने की तिथि भी आगे बढ़ाई जाए, होली के कारण कई छात्र जो दूरस्थ इलाकों में हैं वह फार्म भरने में असमर्थ हैं. साथ ही छात्रों ने कोरोना वायरस के मद्देनजर ओपन बुक प्रणाली से परीक्षाएं कराने की मांग की है.
आखिरकार कुलपति ने की छात्रों से बात
छात्रों के 2 घंटे तक हंगामे के बाद आखिरकार कुलपति अपने चेंबर से निकली और उन्होंने छात्रों से सिर्फ 1 मिनट बात की. उन्होंने कहा कि इस मामले में रेक्टर उमेश होलानी को जांच समिति का अध्यक्ष बनाया गया है, इसलिए छात्र उनसे बात कर सकते हैं.