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जिले में पहले चाइल्ड गाइडेंस क्लीनिक की शुरूआत, बच्चों का खेल के माध्यम से होगा मानसिक विकास

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Published : Sep 7, 2019, 3:14 PM IST

ग्वालियर में चाइल्ड गाइडेंस क्लीनिक शुरू किया गया है जहां मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को विशेष ट्रेनिंग, कसरत, खेलकूद के जरिए उनका मानसिक और बौद्धिक विकास किया किया जा रहा है.

पहला चाइल्ड जिले में गाइडेंस क्लीनिक की शुरूआत

ग्वालियर। जिले के मेंटल हॉस्पिटल में मानसिक रूप से बीमार और व्यावहारिक रूप से अविकसित बच्चों के लिए चाइल्ड गाइडेंस क्लीनिक शुरू किया गया है. जहां बच्चों को स्पेशल ट्रेनर द्वारा कसरत, खेलकूद जैसी गतिविधियों से उनका शारीरिक, मानसिक और व्यावहारिक विकास किया जाता है.

पहला चाइल्ड जिले में गाइडेंस क्लीनिक की शुरूआत

प्रदेश के एकमात्र चाइल्ड गाइडेंस क्लीनिक में अभी तक करीब 50 बच्चों ने पंजीयन कराया है. खास बात यह है कि दिल्ली-मुंबई के बाद ग्वालियर में ये क्लीनिक खोला गया है. जहां बच्चों को खेलकूद, कसरत और बौद्धिक विकास की गतिविधियों के जरिए उन्हें ठीक करने की कवायद जा रही है.

स्पेशल ट्रेनर दीपा लक्षवानी इन बच्चों को ट्रेन्ड करती हैं. हर सप्ताह मंगलवार, शुक्रवार को यहां बच्चों को उनके पेरेंट्स के साथ बुलाया जाता है. एक बच्चे को करीब 20 मिनट का समय देकर दिमाग की एकाग्रता का पाठ पढ़ाया जाता है. यह क्लीनिक नाबालिग बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है और यह पूरी तरह नि:शुल्क है.

ग्वालियर। जिले के मेंटल हॉस्पिटल में मानसिक रूप से बीमार और व्यावहारिक रूप से अविकसित बच्चों के लिए चाइल्ड गाइडेंस क्लीनिक शुरू किया गया है. जहां बच्चों को स्पेशल ट्रेनर द्वारा कसरत, खेलकूद जैसी गतिविधियों से उनका शारीरिक, मानसिक और व्यावहारिक विकास किया जाता है.

पहला चाइल्ड जिले में गाइडेंस क्लीनिक की शुरूआत

प्रदेश के एकमात्र चाइल्ड गाइडेंस क्लीनिक में अभी तक करीब 50 बच्चों ने पंजीयन कराया है. खास बात यह है कि दिल्ली-मुंबई के बाद ग्वालियर में ये क्लीनिक खोला गया है. जहां बच्चों को खेलकूद, कसरत और बौद्धिक विकास की गतिविधियों के जरिए उन्हें ठीक करने की कवायद जा रही है.

स्पेशल ट्रेनर दीपा लक्षवानी इन बच्चों को ट्रेन्ड करती हैं. हर सप्ताह मंगलवार, शुक्रवार को यहां बच्चों को उनके पेरेंट्स के साथ बुलाया जाता है. एक बच्चे को करीब 20 मिनट का समय देकर दिमाग की एकाग्रता का पाठ पढ़ाया जाता है. यह क्लीनिक नाबालिग बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है और यह पूरी तरह नि:शुल्क है.

Intro:ग्वालियर- ग्वालियर के मेंटल हॉस्पिटल यानी मानसिक आरोग्यशाला में मानसिक रूप से बीमार एवं व्यावहारिक रूप से अविकसित बच्चों के लिए चाइल्ड गाइडेंस क्लीनिक शुरू किया गया है। यहां बच्चों को एक स्पेशल ट्रेनर द्वारा कसरत खेलकूद जैसी गतिविधियों से उनका शारीरिक मानसिक और व्यावहारिक विकास किया जाता है।


Body:ग्वालियर के इस स्पेशल और प्रदेश के एकमात्र क्लीनिक में अभी तक करीब 50 बच्चों ने यहां पंजीयन कराया है। खास बात यह है कि दिल्ली मुंबई के बाद ग्वालियर में ये क्लीनिक खोला गया है जहां बच्चों को खेलकूद कसरत और बौद्धिक विकास की गतिविधियों के जरिए उन्हें ठीक करने की कवायद की जा रही है।


Conclusion:स्पेशल ट्रेनर दीपा लक्षवानी इन बच्चों को ट्रेन्ड करती हैं हर सप्ताह मंगलवार शुक्रवार को यहां बच्चों को उनके पेरेंट्स के साथ बुलाया जाता है बाद में एक बच्चे को करीब 20 मिनट का वक्त देकर उसे दिमाग की एकाग्रता का पाठ पढ़ाया जाता है। यह क्लीनिक नाबालिग बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है और यह पूरी तरह निशुल्क भी है।
बाइट डॉक्टर संजय लहारिया... प्रभारी एवं मनोचिकित्सक मानसिक आरोग्यशाला ग्वालियर
बाइट प्रियंका भटनागर पीड़ित बच्चे की मां
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