भोपाल। वेतन न मिलने की वजह से ग्वालियर नगर निगम के आउटसोर्स कंपनी ईको ग्रीन के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे. जिसके बाद शहर के अलग-अलग जगहों पर कचरे का ढेर लगा रहा है.सफाई व्यवस्थाओं में लापरवाही बरतने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगर निगम के कमिश्नर संदीप माकिन को जमकर फटकार लगाई. जिसके बाद मुख्यसचिव इकबाल सिंह बैंस को निगम के कमिश्नर को हटाने के निर्देश दिए.
सीएम शिवराज ने लगाई फटकार
मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशभर के कलेक्टर और कमिश्ररों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की. इस दौरान जहां सीएम ने प्रदेश में भू माफियाओं के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम को लेकर भोपाल, इंदौर, खरगौर, पन्ना जिलों के पुलिस अधिकारियों की पुलिस ने पीठ थपथपाई है. वहीं कई अधिकारियों की लापरवाही पर फटकार भी लगाई. ग्वालियर नगर निगम के कमिश्नर संदीप माकिन की लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस से कहा कि बहुत हो गया अब इनकी छुट्टी कर दो.
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सफाई कर्मियों की हड़ताल के दौरान निगम कमिश्नर को हटाए जाने का कर्मचारियों ने स्वागत किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा है कि सफाई कर्मचारियों की हालत पूरे मध्यप्रदेश में बेहद खराब है. मामूली सी सैलरी यानी 6000 रुपये पर यह कर्मचारी आउट सोर्स कंपनियों के माध्यम से लगे हुए हैं. उसमें भी उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल पाता है. इसलिए पूरे मध्यप्रदेश से यह ठेका प्रथा खत्म की जाए और सफाई कर्मियों को स्थाई नियुक्ति प्रदान की जाए.
क्या है पूरा मामला?
शनिवार से नगर निगम के सफाई कर्मी ,आउटसोर्स कर्मचारी और इको ग्रीन कंपनी के विनियमित किए गए कर्मचारियों ने मिलकर संयुक्त रूप से हड़ताल पर थे. जिससे शहर में सफाई व्यवस्था एक बार फिर लड़खड़ा गई है. कर्मचारियों का कहना था की उन्हें सिवाय आश्वासन के अभी तक कुछ नहीं मिला है.
सफाई कर्मियों की हड़ताल
सभी कर्मचारी शनिवार सुबह 6 बजे से महाराज बाड़े पर एकत्रित होकर प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद वे सांसद विवेक नारायण शेजवलकर के घर पहुंचे थे और वहां उन्होंने सांसद की गैरमौजूदगी में उनके घर बाहर बाहर धरना देकर प्रदर्शन किया था. उनका कहना था की इको ग्रीन कंपनी की तर्ज पर नगर निगम के अधिकारी भी सफाई व्यवस्था पर काम कर रहे हैं. वह दो पारियों में 400 कर्मचारियों से रोज काम ले रहे हैं, लेकिन जब वेतन देने की बात आती है तो एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते हैं. ऐसे में आउटसोर्स कर्मचारी और इकोग्रीन के कर्मचारियों को बार-बार हड़ताल करना पड़ रहा है. कचरा सेंटर पर लगे सुरक्षा गार्डों को भी लंबे रास्ते से वेतन नहीं मिला है.
हड़ताली कर्मचारियों को नगर निगम आयुक्त ने 24 घंटे में वेतन देने का भरोसा दिया था, लेकिन वह भी उनके खाते में नहीं पहुंचा. शहर के 21 वार्डों में 100 फ़ीसदी कचरा कलेक्शन नहीं होने से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. शहर में शुक्रवार रात तक 200 से भी ज्यादा कचरा विभिन्न स्थानों पर पड़ा रहा. वहीं सांसद विवेक शेजवलकर ने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया था कि वे नगर निगम कमिश्नर से बात करके उनकी समस्या दूर करने का प्रयास करेंगे.