ग्वालियर। कटोरा ताल गोला का मंदिर क्षेत्र में मिथिलांचल व पूर्वांचल के लोगों की बड़ी संख्या में मौजूदगी के चलते छठ पूजा के लिए विशेष इंतजाम किया गया था, साथ ही छठी मइया का ये पर्व धार्मिक रीति-रिवाजों और श्रद्धा भाव से मनाया गया. व्रती महिलाएं रंग-बिरंगे परिधानों में घुटने तक पानी में उतर कर भगवान सूर्य की पूजा अर्चना कर अर्घ्य दीं.
लोक रीति-रिवाजों से जुड़े छठ महापर्व में हर व्यक्ति शामिल होता है, इसमें व्रत रखने वाले महिला व पुरुष नंगे पैर रहते हैं. साथ ही छठ पर्व नहाये खाये से शुरू होता है, जो आज सुबह तक विभिन्न रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हो गया.
श्रद्धालुओं का कहना है कि ये पर्व अपने आप में अनूठा है. रामायण और महाभारत काल से इस पर्व का उल्लेख मिलता है, यही एक ऐसा पर्व है जिसमें उगते सूर्यदेव के अलावा डूबते सूर्यदेव की आराधना की जाती है.