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नाबालिग पर अधिकार का मामला: पिता की दलीलों को कोर्ट ने किया खारिज, तो DNA टेस्ट की मांग पर अड़ा - ग्वालियर खंडपीठ

ग्वालियर बेंच (Gwalior Bench) ने एक नाबालिग लड़की पर अधिकार के मामले की सुनवाई 3 सप्ताह के लिए टाल दी है. दरअसल, मामले में एक व्यक्ति ने नाबालिग का पिता होने का दावा किया है, जिसे कोर्ट ने नहीं माना है. फिलहाल, लड़की अपनी सौतेली बहनों के साथ रह रही है.

Gwalior Bench
ग्वालियर खंडपीठ
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Published : Jun 24, 2021, 7:36 AM IST

Updated : Jun 24, 2021, 8:37 AM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench) ने एक नाबालिग लड़की की सुपुर्दगी उसकी सौतेली बहनों को दे दी है. जिस व्यक्ति ने इस नाबालिग लड़की के पिता होने का दावा किया था, उसकी दलीलों को फिलहाल कोर्ट ने नहीं माना है. नाबालिग ने भी कहा है कि वह अपनी सौतेली बहनों के साथ रहना चाहती है और उस पर हक जताने वाला याचिकाकर्ता उसका पिता नहीं है, बल्कि उसकी बहनों को ट्यूशन पढ़ाने के लिए आने वाला शिक्षक है.

नाबालिग पर अधिकार का मामला
दरअसल, खंडपीठ में उपनगर हजीरा क्षेत्र में रहने वाले कमल किशोर नामक व्यक्ति ने एक याचिका दायर की थी. उसका कहना था कि उसकी दिवंगत पत्नी प्रेमलता से इस नाबालिग लड़की की जन्म हुआ है, लेकिन प्रेमलता के पहले पति से जन्मी तीनों लड़कियों ने उसे अपने पास रखा हुआ है. इस पर हाईकोर्ट ने पुलिस को नोटिस जारी किए थे और लड़की को पेश करने के आदेश दिए थे.

लड़की ने पिता के साथ जाने से किया इंकार
बता दें कि, नोटिस के बाद 14 साल की लड़की को उसकी तीन सौतेली बहन मोहिनी, चेतना और महिमा ने पेश किया था. कोर्ट में लड़की ने अपने कथित पिता के साथ जाने से इंकार कर दिया. अब पिता के अधिवक्ता का कहना है कि लड़की के जैविक पिता होने का सबूत देने के लिए वह न्यायालय में डीएनए टेस्ट कराने की मांग करेंगे. फिलहाल, 3 सप्ताह बाद इस मामले में फिर सुनवाई होगी.

क्या है पूरा मामला
प्रेमलता नामक महिला की शादी श्यामदास से हुई थी, जिससे उसे तीन लड़कियां हुई थी. श्यामदास की मौत होने पर कमल किशोर नामक व्यक्ति से महिला के संबंध हो गए थे, जिससे एक लड़की और जन्मी. हालांकि, पूर्व पति से हुई बेटियों की शादी कमल किशोर और प्रेमलता ने कर दी थी, लेकिन कमल किशोर का कहना है कि प्रेमलता की पहले से जन्मी लड़कियों ने अपना चरित्र संदिग्ध कर रखा है. इसलिए वो अपनी छोटी बेटी को उसकी सौतेली बहनों के साथ रखना नहीं चाहता है.


HC का फैसला: नर्मदा के 300 मीटर के दायरे में हुए निर्माण कार्यों को हटाने के आदेश

डीएनए टेस्ट की मांग
कमल किशोर का यह भी कहना है कि कुछ समय पहले जब प्रेमलता की मौत हो गई तो, वह उसके अस्थि कलश लेकर हरिद्वार गया था. इसी दौरान उसकी नाबालिग बेटी को तीनों बहनें अपने साथ ले गईं. प्रेमलता ने अपनी सभी संपत्ति सबसे छोटी बेटी और कमल किशोर के नाम कर रखी है. बस यही कारण है कि इस परिवार में झगड़ा हो रहा है. कमल किशोर का कहना है कि वह अपनी नाबालिग बेटी को उसकी सौतेली बहनों के चुंगल से मुक्त कराने के लिए डीएनए टेस्ट कराने की याचिका दायर कर रहा है.

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench) ने एक नाबालिग लड़की की सुपुर्दगी उसकी सौतेली बहनों को दे दी है. जिस व्यक्ति ने इस नाबालिग लड़की के पिता होने का दावा किया था, उसकी दलीलों को फिलहाल कोर्ट ने नहीं माना है. नाबालिग ने भी कहा है कि वह अपनी सौतेली बहनों के साथ रहना चाहती है और उस पर हक जताने वाला याचिकाकर्ता उसका पिता नहीं है, बल्कि उसकी बहनों को ट्यूशन पढ़ाने के लिए आने वाला शिक्षक है.

नाबालिग पर अधिकार का मामला
दरअसल, खंडपीठ में उपनगर हजीरा क्षेत्र में रहने वाले कमल किशोर नामक व्यक्ति ने एक याचिका दायर की थी. उसका कहना था कि उसकी दिवंगत पत्नी प्रेमलता से इस नाबालिग लड़की की जन्म हुआ है, लेकिन प्रेमलता के पहले पति से जन्मी तीनों लड़कियों ने उसे अपने पास रखा हुआ है. इस पर हाईकोर्ट ने पुलिस को नोटिस जारी किए थे और लड़की को पेश करने के आदेश दिए थे.

लड़की ने पिता के साथ जाने से किया इंकार
बता दें कि, नोटिस के बाद 14 साल की लड़की को उसकी तीन सौतेली बहन मोहिनी, चेतना और महिमा ने पेश किया था. कोर्ट में लड़की ने अपने कथित पिता के साथ जाने से इंकार कर दिया. अब पिता के अधिवक्ता का कहना है कि लड़की के जैविक पिता होने का सबूत देने के लिए वह न्यायालय में डीएनए टेस्ट कराने की मांग करेंगे. फिलहाल, 3 सप्ताह बाद इस मामले में फिर सुनवाई होगी.

क्या है पूरा मामला
प्रेमलता नामक महिला की शादी श्यामदास से हुई थी, जिससे उसे तीन लड़कियां हुई थी. श्यामदास की मौत होने पर कमल किशोर नामक व्यक्ति से महिला के संबंध हो गए थे, जिससे एक लड़की और जन्मी. हालांकि, पूर्व पति से हुई बेटियों की शादी कमल किशोर और प्रेमलता ने कर दी थी, लेकिन कमल किशोर का कहना है कि प्रेमलता की पहले से जन्मी लड़कियों ने अपना चरित्र संदिग्ध कर रखा है. इसलिए वो अपनी छोटी बेटी को उसकी सौतेली बहनों के साथ रखना नहीं चाहता है.


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डीएनए टेस्ट की मांग
कमल किशोर का यह भी कहना है कि कुछ समय पहले जब प्रेमलता की मौत हो गई तो, वह उसके अस्थि कलश लेकर हरिद्वार गया था. इसी दौरान उसकी नाबालिग बेटी को तीनों बहनें अपने साथ ले गईं. प्रेमलता ने अपनी सभी संपत्ति सबसे छोटी बेटी और कमल किशोर के नाम कर रखी है. बस यही कारण है कि इस परिवार में झगड़ा हो रहा है. कमल किशोर का कहना है कि वह अपनी नाबालिग बेटी को उसकी सौतेली बहनों के चुंगल से मुक्त कराने के लिए डीएनए टेस्ट कराने की याचिका दायर कर रहा है.

Last Updated : Jun 24, 2021, 8:37 AM IST
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