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मैरिज गार्डन एसोसिएशन की दोनों याचिका खारिज, 2012 के पहले से रजिस्टर्ड गार्डन को विशेष शर्त पर अनुमति - gwalior high coart

ग्वालियर हाईकोर्ट ने मैरिज गार्डन एसोसिएशन की दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है. वहीं जिनके पास 40 फ़ीसदी एरिया पार्किंग के लिए आरक्षित है उन्हें संचालन की अनुमति दी है.

Both petitions of marriage garden association dismissed in gwalior
याचिकाकर्ता के वकील
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Published : Jan 8, 2020, 5:04 PM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने मैरिज गार्डन एसोसिएशन की दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है. बता दें कि एसोसिएशन ने खुद को पक्षकार बनाने और फिलहाल मैरिज गार्डन संचालन की अनुमति अंतरिम तौर पर मांगी थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.

मैरिज गार्डन एसोसिएशन की दोनों याचिकाएं खारिज


दरअसल नियम विरुद्ध चल रहे मैरिज गार्डन को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका पर मैरिज गार्डन एसोसिएशन ने इंटरविनर बन कर दो रिलीफ मांगे थे. जिसमें उन्होंने खुद को पक्षकार बनाए जाने और गार्डंन का संचालन फिलहाल चलने देने की अपील की थी. वहीं हाईकोर्ट ने 2012 के पहले रजिस्टर्ड उन गार्डन को संचालन की अनुमति दी है जिनके पास 40 फ़ीसदी एरिया पार्किंग के लिए आरक्षित है.


बता दें कि हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन से 2012 से पहले और बाद में रजिस्टर्ड मैरिज गार्डन की सूची भी मांगी है. अब इस मामले में 20 जनवरी को सुनवाई होगी. गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने नियम विरुद्ध चल रहे पांच दर्जन से ज्यादा मैरिज गार्डन को सील कर दिया है.

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने मैरिज गार्डन एसोसिएशन की दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है. बता दें कि एसोसिएशन ने खुद को पक्षकार बनाने और फिलहाल मैरिज गार्डन संचालन की अनुमति अंतरिम तौर पर मांगी थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.

मैरिज गार्डन एसोसिएशन की दोनों याचिकाएं खारिज


दरअसल नियम विरुद्ध चल रहे मैरिज गार्डन को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका पर मैरिज गार्डन एसोसिएशन ने इंटरविनर बन कर दो रिलीफ मांगे थे. जिसमें उन्होंने खुद को पक्षकार बनाए जाने और गार्डंन का संचालन फिलहाल चलने देने की अपील की थी. वहीं हाईकोर्ट ने 2012 के पहले रजिस्टर्ड उन गार्डन को संचालन की अनुमति दी है जिनके पास 40 फ़ीसदी एरिया पार्किंग के लिए आरक्षित है.


बता दें कि हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन से 2012 से पहले और बाद में रजिस्टर्ड मैरिज गार्डन की सूची भी मांगी है. अब इस मामले में 20 जनवरी को सुनवाई होगी. गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने नियम विरुद्ध चल रहे पांच दर्जन से ज्यादा मैरिज गार्डन को सील कर दिया है.

Intro:ग्वालियर
हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने मैरिज गार्डन एसोसिएशन को फौरी राहत प्रदान की है। लेकिन हाईकोर्ट ने मैरिज गार्डन एसोसिएशन की उन दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने खुद को पक्षकार बनाने और फिलहाल मैरिज गार्डन संचालन की अनुमति अंतरिम तौर पर मांगी थी।


Body:दरअसल नियम विरुद्ध चल रहे मैरिज गार्डंस को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका प्रचलित है ।इस याचिका पर मैरिज गार्डन एसोसिएशन ने इंटरविनर बन कर दो रिलीफ मांगे थे जिसमें उन्होंने खुद को पक्षकार बनाए जाने और गार्डंस का संचालन फिलहाल चलने देने की अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने उनकी अपील को खारिज कर दिया है ।लेकिन कोर्ट में 11 साल बाद लगाई गई एक पुनर्विचार याचिका में मैरिज गार्डन संचालकों को फौरी तौर पर राहत दी है।


Conclusion:हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन से 2012 पहले के रजिस्टर्ड गार्डन को इस शर्त के साथ संचालन की अनुमति दी है जिनके पास 40 फ़ीसदी एरिया पार्किंग के लिए आरक्षित है। कोर्ट ने जिला प्रशासन से 2012 से पहले और बाद में रजिस्टर्ड मैरिज गार्डन की सूची भी मांगी है। अब इस मामले में 20 जनवरी को सुनवाई होगी। गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने नियम विरुद्ध चल रहे 5 दर्जन से ज्यादा मैरिज गार्डन को सील कर दिया है।
बाइट नवनिधि पढ़रया... याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
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