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बीजेपी नेता डॉ. एएस भल्ला के राहत नहीं, सहारा हॉस्पिटल को लेकर लगी याचिका खारिज - बसंत विहार स्थित डॉ भल्ला की हॉस्पिटल

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने शहर के जाने-माने नाक कान गला रोग विशेषज्ञ और बीजेपी नेता डॉ एएस भल्ला को कोर्ट से राहत नहीं मिली. हाईकोर्ट ने सहारा हास्पिटल पर चल रही जिला प्रशासन की कार्रवाई पर लगाई गई याचिका को, दस्तावेज के अभाव में खारिज कर दिया है.

BJP leader Dr. AS Bhalla No relief
डॉ एएस भल्ला को राहत नहीं
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Published : Dec 6, 2019, 8:28 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने शहर के जाने-माने नाक कान गला रोग विशेषज्ञ और बीजेपी नेता डॉ. एएस भल्ला को कोर्ट से राहत नहीं मिली. हाईकोर्ट ने सहारा हॉस्पिटल पर चल रही जिला प्रशासन की कार्रवाई पर लगाई गई याचिका को दस्तावेज के आभाव में खारिज कर दिया. वहीं डॉ भल्ला ने प्रशासन पर पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.

डॉ एएस भल्ला को राहत नहीं

डॉ भल्ला को पूर्व में 5 दिसंबर तक का स्टे ऑर्डर जिला न्यायालय से मिला था, जिसकी समय अवधि खत्म होने तक कोई उचित जवाब न मिलने पर प्रशासन ने फिर कार्रवाई शुरू कर दी. इसी दौरान डॉ भल्ला ने जिला न्यायालय के साथ ही हाई कोर्ट में भी याचिका दाखिल कर रखी थी, लेकिन जिला कोर्ट और हाईकोर्ट में एक साथ सुनवाई होने के कारण डॉ. भल्ला हाईकोर्ट में लोवर कोर्ट का ऑर्डर पेश नहीं कर सके, जिस कारण उनकी याचिका खारिज हो गई.

जिला प्रशासन ने बसंत विहार स्थित डॉ. भल्ला की हॉस्पिटल सहारा पर पार्किंग सहित दूसरी अनियमितताओं को लेकर शुक्रवार को कार्रवाई की, जिसमें हॉस्पिटल का आगे का बड़ा हिस्सा तोड़ दिया गया, जिसमें मेडिकल स्टोर, रिसेप्शन शामिल हैं. हालांकि जिला न्यायालय में सुनवाई पूरी होने के बाद, कोर्ट नें उन्हें 16 दिसंबर तक की राहत दी है. कोर्ट के आदेश के बाद फिलहाल जिला प्रशासन भी अपनी कार्रवाई रोक चुका है.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने शहर के जाने-माने नाक कान गला रोग विशेषज्ञ और बीजेपी नेता डॉ. एएस भल्ला को कोर्ट से राहत नहीं मिली. हाईकोर्ट ने सहारा हॉस्पिटल पर चल रही जिला प्रशासन की कार्रवाई पर लगाई गई याचिका को दस्तावेज के आभाव में खारिज कर दिया. वहीं डॉ भल्ला ने प्रशासन पर पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.

डॉ एएस भल्ला को राहत नहीं

डॉ भल्ला को पूर्व में 5 दिसंबर तक का स्टे ऑर्डर जिला न्यायालय से मिला था, जिसकी समय अवधि खत्म होने तक कोई उचित जवाब न मिलने पर प्रशासन ने फिर कार्रवाई शुरू कर दी. इसी दौरान डॉ भल्ला ने जिला न्यायालय के साथ ही हाई कोर्ट में भी याचिका दाखिल कर रखी थी, लेकिन जिला कोर्ट और हाईकोर्ट में एक साथ सुनवाई होने के कारण डॉ. भल्ला हाईकोर्ट में लोवर कोर्ट का ऑर्डर पेश नहीं कर सके, जिस कारण उनकी याचिका खारिज हो गई.

जिला प्रशासन ने बसंत विहार स्थित डॉ. भल्ला की हॉस्पिटल सहारा पर पार्किंग सहित दूसरी अनियमितताओं को लेकर शुक्रवार को कार्रवाई की, जिसमें हॉस्पिटल का आगे का बड़ा हिस्सा तोड़ दिया गया, जिसमें मेडिकल स्टोर, रिसेप्शन शामिल हैं. हालांकि जिला न्यायालय में सुनवाई पूरी होने के बाद, कोर्ट नें उन्हें 16 दिसंबर तक की राहत दी है. कोर्ट के आदेश के बाद फिलहाल जिला प्रशासन भी अपनी कार्रवाई रोक चुका है.

Intro:ग्वालियर
हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने शहर के जाने-माने नाक कान गला रोग विशेषज्ञ और भाजपा नेता डॉ एएस भल्ला को राहत प्रदान नहीं की है डॉ भल्ला ने निचली कोर्ट द्वारा दिए गए स्टे के आधार पर हाई कोर्ट से राहत मांगी थी लेकिन वे यह साबित करने में असफल रहे कि कार्रवाई वाले दिन यानी शुक्रवार को स्टे यथावत है।


Body:ग्वालियर जिला प्रशासन ने डॉ भल्ला के बसंत विहार स्थित सहारा हॉस्पिटल पर पार्किंग सहित दूसरी अनियमितताओं को लेकर भारी भरकम अमले के साथ शुक्रवार को कार्रवाई शुरू की थी इसमें हॉस्पिटल का आगे का बड़ा हिस्सा तोड़ दिया गया जिसमें मेडिकल स्टोर रिसेप्शन और आने जाने का रास्ता था जिस समय अस्पताल में तुडाई चल रही थी उस समय दोपहर में अस्पताल के लोग जिला न्यायालय का स्टे ऑर्डर लेकर पहुंचे जिसमें 16 दिसंबर तक यथावत स्थिति रखने के आदेश जारी किए गए थे लेकिन यह आदेश हाई कोर्ट में पेश नहीं किया गया वही पार्किंग आम रास्ते पर होती है इसका भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोई उत्तर नहीं दिया गया।


Conclusion:सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने डॉ भल्ला की रिट पिटिशन को खारिज कर दिया हांलाकि डॉ भल्ला ने प्रशासन पर पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर कार्रवाई करने का आरोप लगाया था लेकिन हाईकोर्ट उनकी इस दलील से सहमत नहीं हुआ। तुढ़ाई के दौरान शहर में प्रैक्टिस करने वाले दूसरे डॉक्टर भी वहां पहुंच गए थे लेकिन वह प्रशासनिक अधिकारियों के सामने कुछ नहीं कर सके।
बाइट प्रतीप विसौरिया... शासकीय अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
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