ग्वालियर। ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के तहत मोती महल बैजा ताल के नजदीक बने रीजनल आर्ट एंड क्राफ्ट डेवलपमेंट सेंटर में शिल्प कला के विकास के साथ कलाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही उन्हें शहर के बीचों-बीच स्थित इस क्राफ्ट सेंटर के जरिए अपने उत्पादों को बेचने के लिए मार्केटिंग का भी मौका मिलेगा.
चौपाल का आयोजन
स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन ने रीनल आर्ट एंड क्राफ्ट डेवलपमेंट सेंटर को विकसित किया है. इसके तहत यहां मंगलवार शाम को स्थानीय कलाकारों को चौपाल के जरिए बुलाया गया था. इस चौपाल कार्यक्रम में हस्तशिल्प एवं हथकरघा विभाग के सहायक संचालक पुष्प राजन सहित कई वरिष्ठ शिल्पियों ने कलाकारों को संबोधित किया.
अफसरों का कहना है कि ग्वालियर कला के क्षेत्र में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है. शिल्पिओं के कार्य को प्रशिक्षण का लाभ देकर उन्हें मार्केटिंग का भी बेहतर मौका मिले, यह स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन की कोशिश है. क्षेत्रीय आर्ट एंड क्राफ्ट सेंटर में एक तरह से शिल्पियों के लिए हब बनाया गया है, जहां उन्हें लकड़ी और पत्थर की मशीनों से अपनी कला को उकेरने का मौका मिलता है. यहां कलाकारों ने पहले भी कई कलाकृतियां बनाकर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है.
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हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास विभाग के सहायक संचालक पुष्प राजन ने बताया कि क्षेत्रीय आर्ट एंड क्राफ्ट सेंटर में इसी महीने शिल्पियों को एक प्रोत्साहन और मार्गदर्शन के लिए 2 महीने का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा, जिसमें 30 शिल्पी भाग ले सकेंगे. उन्हें मास्टर ट्रेनर सहित दो सहायकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा. शिल्पियों को 300 रुपये का मानदेय भी दिया जाएगा. इस सेंटर के जरिए स्थानीय कलाकारों की प्रतिभा को उकेरने और उन्हें एक बेहतर बाजार उपलब्ध कराने की कोशिश स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन कर रहा है.