ग्वालियर। जयारोग्य अस्पताल में डॉक्टर का एक अजीबो-गरीब कारनामा सामने आया है. डॉक्टरों ने एक जिंदा महिला को मृत घोषित कर दिया है. इलाज के दौरान डॉक्टरों ने महिला को मृत मानकर परिजनों से शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखने के लिए कहा. परिजन महिला के शव को पीएम हाउस ले गये. जब महिला के पति निरपत सिंह राजपूत ने पत्नी के सीने पर हाथ रखा, तो धड़कन चल रहीं थीं. पत्नी की धड़कन को देखकर पति दंग रह गया. यह देखकर वहां भीड़ इकट्ठा हो गई. परिजन तत्काल महिला को अस्पताल लेकर पहुंचे और इलाज शुरू करवाया. इलाज के 8 घंटे बाद महिला की मौत हो गई. (Jayarogya Hospital Gwalior)
झांसी से किया था रेफर
उत्तर प्रदेश की रहने वाली महिला जामवती (31) का एक्सीडेंट हो गया था. उसे झांसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. गंभीर हालत होने के चलते उसे ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल रेफर कर दिया. बीती रात जामवती को एनेथीसिया देने के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों के निर्देश पर परिजनों ने महिला के शव को पीएम हाउस में भिजवाया. (gwalior doctor negligence)
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने जताई नाराजगी
जब महिला का शव पीएम हाउस पहुंचा तो वहां पति ने देखा कि उसकी सांसे चल रही हैं. उसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और महिला को भर्ती कराया. जहां महिला का इलाज किया गया और इसके 8 घंटे बाद उन्होंने दम तोड़ दिया. इधर जयारोग्य अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही को देखते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने नाराजगी जताई है. (alive woman announced dead in gwalior)
दोषियों पर होगी कार्रवाई
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी होगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर आरकेएस धाकड़ का कहना है कि इस मामले को लेकर जांच कमेटी बना दी है. जांच की जा रही है. इसमें जो भी दोषी होगा उन पर कार्रवाई की होगी.
मरीजों की मौत के बाद सामान वापस नहीं कर रहे अस्पताल, पुलिस से शिकायत
जयारोग्य अस्पताल ग्वालियर चंबल संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है. इस अस्पताल में ग्वालियर चंबल अंचल के साथ-साथ झांसी, टीकमगढ़, अनूपपुर और उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मरीज भी आते हैं. डॉक्टरों के द्वारा इस तरह की लापरवाही ने इस अस्पताल की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है. हाल ही में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. अस्पताल में व्यवस्थाओं के साथ-साथ डॉक्टर मरीजों के साथ लगातार अनदेखी कर रहे हैं. उनके साथ गलत व्यवहार भी किया जाता है.