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गर्भवती पत्नी को स्कूटी से ग्वालियर लेकर पहुंचे धनंजय मांझी से प्रशासन ने की मुलाकात, 5 हजार रुपए का सौंपा चेक - Dhananjay Manjhi arrives Gwalior

झारखंड के धनंजय मांझी अपनी पत्नी को पेपर दिलाने स्कूटी से ग्वालियर पहुंचे थे. जानकारी मिलने के बाद प्रशासन ने उनसे मुलाकात की है और उनकी आर्थिक मदद भी की है.

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धनंजय माझी की प्रशासन ने की आर्थिक मदद
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Published : Sep 4, 2020, 1:16 PM IST

ग्वालियर। झारखंड के धनंजय मांझी अपनी गर्भवती पत्नी को स्कूटी पर बैठाकर ग्वालियर पेपर दिलाने लेकर आए थे. जिसके बाद उनकी मदद के लिए लोग आगे आने लगे हैं. ईटीवी भारत द्वारा चलाई गई दंपति की खबर जैसे-जैसे लोगों के पास पहुंच रही है, वैसे ही लोग इनकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं.

धनंजय मांझी की प्रशासन ने की आर्थिक मदद

जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन ने इस दंपति से संपर्क किया और खर्चे के लिए 5 हजार रुपए का चेक दिया है. साथ ही इनको हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया है. वहीं शहर के कई समाजसेवी ऐसे हैं जो इनकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं.

1150 किलोमीटर स्कूटी चलाकर अपनी गर्भवती पत्नी को उसका पति धनंजय मांझी पेपर दिलाने के लिए ग्वालियर लाया था. पति धनंजय का कहना है कि कोरोना के चलते वाहन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. बस के द्वारा अधिक पैसे मांगे गए थे, वो उनके पास मौजूद नहीं थे.

साथ ही ट्रेन से भी टिकट किया गया था, लेकिन उनकी ट्रेन भी छूट गई थी. इस कारण पत्नी ने पेपर देने की इच्छा जताई और पति धनंजय पत्नी के सपने को पूरा करने के लिए स्कूटी से लंबा सफर तय कर ग्वालियर पहुंच गया है.

ग्वालियर। झारखंड के धनंजय मांझी अपनी गर्भवती पत्नी को स्कूटी पर बैठाकर ग्वालियर पेपर दिलाने लेकर आए थे. जिसके बाद उनकी मदद के लिए लोग आगे आने लगे हैं. ईटीवी भारत द्वारा चलाई गई दंपति की खबर जैसे-जैसे लोगों के पास पहुंच रही है, वैसे ही लोग इनकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं.

धनंजय मांझी की प्रशासन ने की आर्थिक मदद

जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन ने इस दंपति से संपर्क किया और खर्चे के लिए 5 हजार रुपए का चेक दिया है. साथ ही इनको हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया है. वहीं शहर के कई समाजसेवी ऐसे हैं जो इनकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं.

1150 किलोमीटर स्कूटी चलाकर अपनी गर्भवती पत्नी को उसका पति धनंजय मांझी पेपर दिलाने के लिए ग्वालियर लाया था. पति धनंजय का कहना है कि कोरोना के चलते वाहन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. बस के द्वारा अधिक पैसे मांगे गए थे, वो उनके पास मौजूद नहीं थे.

साथ ही ट्रेन से भी टिकट किया गया था, लेकिन उनकी ट्रेन भी छूट गई थी. इस कारण पत्नी ने पेपर देने की इच्छा जताई और पति धनंजय पत्नी के सपने को पूरा करने के लिए स्कूटी से लंबा सफर तय कर ग्वालियर पहुंच गया है.

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