ग्वालियर। घाटीगांव सोन चिड़िया पक्षी अभयारण्य क्षेत्र में चल रही फैक्ट्रियों पर कार्रवाई अब लटक चुकी है क्योंकि फैक्ट्री संचालकों ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी है.
हाईकोर्ट ने दिसंबर महीने में अभ्यारण क्षेत्र में चल रही फैक्ट्रियों को बंद करने का आदेश दिया था, इसको लेकर वन विभाग ने इन फैक्ट्रियों को 30 दिन में जमीन खाली करने के नोटिस भेजा था. यह अवधि 15 से 20 जुलाई के बीच खत्म हो रही है. वन विभाग के इस आदेश के खिलाफ फैक्ट्री संचालक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये.
घाटीगांव स्थित सोन चिड़िया अभ्यारण क्षेत्र को 1981 में अधिसूचित किया गया था, जिसके तहत अभ्यारण क्षेत्र में किसी प्रकार का कारोबार रहवास या अन्य गतिविधि प्रतिबंधित की गई थी, लेकिन फैक्ट्रियां चल रहीं थीं. इसके अलावा कुछ खदानें भी बंद कर दी गयी हैं, लेकिन अवैध रूप से इन खदानों में आज भी खनन किया जा रहा है.
इस क्षेत्र में चल रही अवैध फैक्ट्रियों के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि फैक्ट्री और रहवास की वजह से अभ्यारण में मौजूद पशु-पक्षी विलुप्त हो रहे हैं. हाईकोर्ट ने दिसंबर 2018 में फैक्ट्रियों को अभ्यारण क्षेत्र से बाहर करने का आदेश दिया था, जिस पर वन विभाग ने सभी फैक्ट्री संचालकों को खाली कराने का नोटिस दिया था, लेकिन फैक्ट्री संचालकों ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी.