ग्वालियर। कोरोना संक्रमण के चलते सभी प्रशासनिक और चिकित्सकीय गतिविधियों का केंद्र बने कंट्रोल कमांड सेंटर रोजाना करीब पांच दर्जन ऐसे लोगों को चिह्नित कर रहा है, जो होम आइसोलेशन में रहने के बावजूद कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे हैं और अपने घरों से बाहर जाकर स्प्रेडर का काम कर रहे हैं. इन लोगों को कंट्रोल कमांड सेंटर के कर्मचारी न सिर्फ लोकेशन के आधार पर गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों को हिदायत देते हैं, बल्कि उन्हें घरों में जाने की नसीहत भी देते हैं. यदि बार-बार कोई दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उन्हें पुलिस के माध्यम से भी टाइट कराया जाता है.
बाहर घूमकर स्प्रेडर का काम कर रहे संक्रमित लोग
ग्वालियर में रोजाना करीब 50 से 60 लोग ऐसे मिल रहे हैं, जो अपने घरों से बाहर जा रहे हैं और यह लोग कोरोना पॉजिटिव हैं. किसी तरह नियंत्रण में आ रही स्थिति को ऐसे लोग अनजाने में ही बढ़ाने लग जाते हैं, क्योंकि पॉजिटिव लोगों के बाजार में खुलेआम घूमने से संक्रमण बढ़ जाता है. दरअसल स्मार्ट सिटी के मुख्यालय कंट्रोल कमांड सेंटर में कोविड- के मरीजों को सुरक्षा कवच के ऐप के जरिए हर रजिस्टर पॉजिटिव पेशेंट का रिकॉर्ड मेंटेन किया जा रहा है.
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इस रिकॉर्ड में मोबाइल नंबर को भी कंट्रोल कमांड सेंटर में रजिस्टर्ड कराना होता है. इसके बाद कंट्रोल कमांड सेंटर से उसके इलाज रोजाना सुबह-शाम उसके स्वास्थ्य की गतिविधियों की पूरी जानकारी भी ली जाती है इसके अलावा मरीजों को पॉजिटिव रहने के दौरान ट्रैक भी किया जाता है. इसी ट्रैकिंग सिस्टम में रोजाना 50 से 60 लोग पकड़ में आ रहे हैं. हालांकि कोरोना संक्रमण में आपदा अधिनियम के तहत ऐसे लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज हो सकती है. लेकिन कंट्रोल कमांड सेंटर ने फिलहाल किसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है, लेकिन पुलिस को ऐसे लोगों के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिनसे पुलिस अपने हिसाब से पेश आ रही है.