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लाचार किसान पर लाठियां बरसाती रही पुलिस, गुना से लेकर भोपाल तक गरमाया सियासी पारा - गुना कलेक्टर

गुना में दलित परिवार पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर सियासत गरम होती जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने पूछा कि शिवराज के राज में ये कैसा जंगल राज है, जबकि पूर्व मंत्री जीतू पवटारी ने भी सरकार पर निशाना साधा है. इस पूरे मामले में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जांच के आदेश दिए हैं, जबकि कीटनाश पीने वाले किसान दंपति की हालत फिलहाल ठीक है. पढ़िए पूरी खबर...

assault with dalit farmers
गुना में दलित किसान पर बर्बरता
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Published : Jul 15, 2020, 11:04 PM IST

भोपाल। गुना में किसान और उसकी पत्नी ने एसडीएम और पुलिस के सामने जहर पीकर आत्महत्या की कोशिश की है, इस मामले को मुद्दा बनाकर कांग्रेस, शिवराज सरकार को घेर रही है. पुलिस की बर्बरता की तस्वीर मध्यप्रदेश के गुना जिले से सामने आयी हैं. जहां किसान लाचार है और पुलिस जान लेने पर उतारू, भला ये कैसी कार्रवाई है. कर्ज लेकर खेती करने वाले किसान दंपति पर पुलिस बिना रुके एक के बाद एक लाठियां बरसा रही और किसान रो रहा है.

लाचार किसान पर लाठियां बरसाती रही पुलिस

मामला सामने आने के बाद सूबे की सियासत गरमा भी गई और विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए शिवराज सरकार को टारगेट पर ले लिया. राज्य के पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर सवाल दाग दिया और पूछ लिया ये कैसा जगल राज है शिवराज जी, जबकि किसान के साथ हुई बर्बरता को लेकर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी भी शिवराज सरकार पर बरस पड़े.

ये है पूरा मामला

दरअसल, गुना के जगनपुर चक गांव में पीजी कॉलेज की इस जमीन पर कई साल से पूर्व पार्षद गप्पू पारदी और उसके परिवार का कब्जा है. उसने ये जमीन राजकुमार अहिरवार को बटिया पर दी थी. मंगलवार दोपहर अचानक गुना नगर पालिका का अतिक्रमण हटाओ दस्ता एसडीएम के नेतृत्व में यहां पहुंचा था और राजकुमार की फसल पर जेसीबी चलवाना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासनिक अमले ने अमानवीयता की सारी हदें पार कर एक किसान परिवार को सार्वजनिक तौर पर इतना प्रताड़ित किया कि उसने सबके सामने जहर पी लिया.

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

इसके बावजूद प्रशासनिक अमल दूर खड़े-खड़े मुस्कराता रहा. अफसर इसे नाटक बताते रहे, लेकिन जब मां-बाप को बेहोश देखकर मासूम बच्चे बिलखने लगे..तो अफसरों को होश आया और आनन-फानन में दम्पती को अस्पताल पहुंचाया गया. राजकुमार के छोटे भाई ने कब्जा हटाने का विरोध किया तो उस पर भी लाठियां भांजी गईं, जबकि कलेक्टर का कहना है कि मामले की जांच के बाद स्थिति साफ होगी, फिलहाल प्रशासन किसान के परिवार की व्यवस्था कर रहा है.

उच्च स्तरीय जांच का भरोसा

जब इस पूरी घटना का वीडियो वायरल हुआ तो गुना से लेकर भोपाल तक सियासी हलचल भी तेज हो गई. उधर कलेक्टर ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं, जबकि आज मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी उच्च स्तरीय जांच का भरोसा दिया है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात भी की है.

पुलिस की कार्रवाई पर खड़े हुए सवाल

अधिकारी और नेता भले ही कुछ कहें, लेकिन इस तरह से एक किसान दंपति पर लाठियां भांजना पुलिस पर कई तरह के सवाल खड़े करती है, क्योंकि अतिक्रमण हटाने पहुंचे अमले के सामने किसान दपंति हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन प्रशासन फसल उजाड़ने पर उतारू दिखा.

भोपाल। गुना में किसान और उसकी पत्नी ने एसडीएम और पुलिस के सामने जहर पीकर आत्महत्या की कोशिश की है, इस मामले को मुद्दा बनाकर कांग्रेस, शिवराज सरकार को घेर रही है. पुलिस की बर्बरता की तस्वीर मध्यप्रदेश के गुना जिले से सामने आयी हैं. जहां किसान लाचार है और पुलिस जान लेने पर उतारू, भला ये कैसी कार्रवाई है. कर्ज लेकर खेती करने वाले किसान दंपति पर पुलिस बिना रुके एक के बाद एक लाठियां बरसा रही और किसान रो रहा है.

लाचार किसान पर लाठियां बरसाती रही पुलिस

मामला सामने आने के बाद सूबे की सियासत गरमा भी गई और विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए शिवराज सरकार को टारगेट पर ले लिया. राज्य के पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर सवाल दाग दिया और पूछ लिया ये कैसा जगल राज है शिवराज जी, जबकि किसान के साथ हुई बर्बरता को लेकर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी भी शिवराज सरकार पर बरस पड़े.

ये है पूरा मामला

दरअसल, गुना के जगनपुर चक गांव में पीजी कॉलेज की इस जमीन पर कई साल से पूर्व पार्षद गप्पू पारदी और उसके परिवार का कब्जा है. उसने ये जमीन राजकुमार अहिरवार को बटिया पर दी थी. मंगलवार दोपहर अचानक गुना नगर पालिका का अतिक्रमण हटाओ दस्ता एसडीएम के नेतृत्व में यहां पहुंचा था और राजकुमार की फसल पर जेसीबी चलवाना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासनिक अमले ने अमानवीयता की सारी हदें पार कर एक किसान परिवार को सार्वजनिक तौर पर इतना प्रताड़ित किया कि उसने सबके सामने जहर पी लिया.

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

इसके बावजूद प्रशासनिक अमल दूर खड़े-खड़े मुस्कराता रहा. अफसर इसे नाटक बताते रहे, लेकिन जब मां-बाप को बेहोश देखकर मासूम बच्चे बिलखने लगे..तो अफसरों को होश आया और आनन-फानन में दम्पती को अस्पताल पहुंचाया गया. राजकुमार के छोटे भाई ने कब्जा हटाने का विरोध किया तो उस पर भी लाठियां भांजी गईं, जबकि कलेक्टर का कहना है कि मामले की जांच के बाद स्थिति साफ होगी, फिलहाल प्रशासन किसान के परिवार की व्यवस्था कर रहा है.

उच्च स्तरीय जांच का भरोसा

जब इस पूरी घटना का वीडियो वायरल हुआ तो गुना से लेकर भोपाल तक सियासी हलचल भी तेज हो गई. उधर कलेक्टर ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं, जबकि आज मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी उच्च स्तरीय जांच का भरोसा दिया है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात भी की है.

पुलिस की कार्रवाई पर खड़े हुए सवाल

अधिकारी और नेता भले ही कुछ कहें, लेकिन इस तरह से एक किसान दंपति पर लाठियां भांजना पुलिस पर कई तरह के सवाल खड़े करती है, क्योंकि अतिक्रमण हटाने पहुंचे अमले के सामने किसान दपंति हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन प्रशासन फसल उजाड़ने पर उतारू दिखा.

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