गुना : गुना में गर्भवती महिला के साथ हुई घटना देख और सुनकर आपकी आंखें शर्म से झुक जाएंगी. आप बहुत देर तक कुछ सोचने और समझने की स्थिति में भी नहीं रह सकेंगे. शायद आपके रोंगटे काफी देर तक खड़े ही रहें. गुना में जो गुनाह हुआ वो एक महिला के महिला होने का है, गुनाह है छोड़े जाने पर भी अपनी मर्जी से जीवन चुनने का, गुनाह है उस देह को धरने का जिसका दंड सदियों से स्त्री उठा रही हैं.
9 फरवरी को क्या हुआ था ?
तारीख 9 फरवरी, दिन मंगलवार और दोपहर का समय...जगह थी गुना के सिरसी थाना क्षेत्र का बांसखेड़ी गांव, पांच महीने की गर्भवती महिला को उसका पति छोड़ देता है. कहता है अब मैं तुम्हें नहीं रख सकता. बाद में ससुर और जेठ ने आकर उसे घर चलने को कहा, लेकिन महिला ने मना कर दिया. जिसके बाद दरिंदगी की हदों को पार करते हुए उसके साथ मारपीट की गई. महिला के कंधे पर गांव के ही एक किशोर को बैठाकर तीन किलोमीटर तक ऊबड़-खाबड़ रास्ते पर नंगे पैर घुमाया गया. रास्ते में महिला को लाठी-डंडे से पीटा गया और पत्थर से मारा.
MP में नहीं थम रहा महिलाओं पर अत्याचार, पढ़िए गुना की ये खबर
पति को छोड़ दूसरे युवक के साथ रह रही थी महिला
महिला जहां रह रही थी उस गांव का नाम सांगई हैं. यहां से ससुराल बांसखेड़ी तक लगभग तीन किलोमीटर नंगे पैर ले जाई गई, उस महिला की कल्पना कीजिए जिसके पेट में उसी 'खानदान' का चिराग सांसें ले रहा है जो उसके साथ हैवानियत की हदें पार कर रहे थे. महिला बमौरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत राय स्थित दगडफला गांव की है जो भील समाज से आती है, महिला की पहली शादी बांसखेड़ी निवासी एक युवक से हुई थी. बाद में वह एक अन्य युवक के साथ सांगई में रहने लगी. महिला को उसके पति ने छोड़ दिया था, जिसके बाद वो एक दूसरे व्यक्ति के साथ रह रही थीं. जिससे नाराज ससुराल वालों ने महिला से ये बर्बरता की.
मत मारो, लेकिन किसी ने नहीं सुनी
महिला ने बताया कि दो महीने पहले पति सीताराम मुझे सांगई गांव में डेमा के घर छोड़कर इंदौर चले गए. तब उन्होंने कहा था कि ‘मैं तुम्हें अब नहीं रख सकता, तुम उसी के साथ ही रहो. 6 फरवरी को मेरे ससुर गुनजरिया वारेला, जेठ कुमार सिंह, केपी सिंह और रतन आए और घर चलने के लिए कहा, इसके बाद बांसखेड़ी गांव यानि उसके पूर्व ससुराल चलने को कहा. यह रास्ता तीन किलोमीटर का है. वहीं जब महिला ने इसका विरोध किया तो जबरदस्ती की. महिला ने कहा कि मेरे पेट में पांच महीने का गर्भ है. फिर भी ससुर और जेठ मुझे घसीटते रहे, डंडे, पत्थर, बल्ले से पैरों पर मारते रहे. इस दौरान पति ने फोन कर अपने परिवार वालों से मुझे छोड़ने के लिए भी कहा, लेकिन उसकी भी किसी ने नहीं सुनीं.
आरोपियों पर कई धाराओं में मुकदमा दर्ज
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 294, धारा 323, धारा 506 के तहत केस दर्ज किया है. सभी धाराएं जमानती हैं, इनमें तीन महीने से लेकर दो साल तक की सजा हो सकती है. गुना एसपी राजीव कुमार मिश्रा ने कहा कि घटना मेरे पदभार संभालने से पूर्व हुई है. इस घटना के दो-तीन अलग-अलग वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं. सिरसी पुलिस ने मारपीट की धाराओं में महिला के पूर्व ससुराल के चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने सरकार को घेरा
पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि 'प्रदेश के गुना जिले के बांसखेड़ी गांव में एक गर्भवती महिला के साथ घटित घटना बेहद शर्मशार करने वाली है, इंसानियत व मानवता को तार- तार कर देने वाली है. एक गर्भवती महिला के कंधे पर एक युवक को बैठाकर उसका नंगे पैर जुलूस निकाला गया, रास्ते भर उसकी लाठी- डंडों से बेरहमी से पिटाई की गयी. उन्होंने कहा कि शिवराज जी, ये हम कैसे प्रदेश में जी रहे हैं, क्या यही आपका सुशासन है ? एक महिला के साथ ये कैसा अमानवीय व्यवहार है ? एक महिला का जुलूस निकलता रहा और कोई रोकने वाला नहीं ? कहां सोता रहा आपका पुलिस प्रशासन ?
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने क्या कहा: गुना घटना को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दुखद बताते हुए कहा कि पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि आरोपियों पर गैर जमानती धाराएं लगाई जाएंगी. गृह मंत्री ने कहा कि घटना 9 फरवरी की है.
सवाल यह है कि आखिर गुना के गुनहगार कौन ?
अब सवाल उठता है कि गुना के गुनहगार कौन है.. क्या सरकार है, शायद नहीं. निश्चित तौर पर हम, और हमारी सोच. जिन्हें इस तरह की घटनाएं मात्र न्यूज से अधिक कुछ नहीं लगती. हम जो संवेदना के स्तर पर शून्य हो चुके हैं, हम जो एक गर्भवती की पीड़ा पर भी नहीं पसीजते, हम जिनके लिए स्त्री मात्र एक तमाशा बन कर रह गई है.