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Raghogarh Madhya Pradesh Election Result 2023 LIVE: राघोगढ़ राजशाही सीट पर BJP अब तक नहीं खोल पाई खाता, क्या इस बार भाजपा चखेगी जीत का स्वाद

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 13, 2023, 11:41 AM IST

Updated : Dec 3, 2023, 6:41 AM IST

LIVE Raghogarh, Madhya Pradesh Vidhan Sabha Chunav, Assembly Elections Result 2023 News Updates: मध्यप्रदेश में 17 नवम्बर को विधानसभा के लिए मतदान होगा, प्रदेश में आचार सहिंता लागू हो चुकी है. बीजेपी और कांग्रेस चुनाव प्रचार में जुट चुकी हैं, राघोगढ़ विधानसभा में बीजेपी ने प्रत्याशी घोषित कर दिया और कांग्रेस के पास एक मात्र दावेदार उम्मीदवार राघोगढ़ राजघराना है. किसे टिकट मिलेगा, यह पहले से तय है. चुनाव के समय ETV Bharat लाया है प्रदेश की 230 विधानसभा के चुनावी समीकरण, एक नजर राघोगढ़ विधानसभा सीट के समीकरण-

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राघोगढ़ विधानसभा सीट

Raghogarh Assembly Seat: एमपी विधानसभा के चुनाव की घोषणा हो चुकी है, राजनैतिक दल भी चुनाव की तैयारी में जुटे हैं. बीजेपी-कांग्रेस पूरे दमखम से सत्ता का युद्ध लड़ने को बेकरार है, सबकी निगाहें इस बार कुछ ऐसी वीआईपी सीट पर टिकी हैं जहां चुनाव नेता नहीं, जनता लड़ती है. ऐसी ही राजशाही सीट है मध्यप्रदेश निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 31 राघोगढ़. ये सीट रागौगढ़ राजघराने की जागीर बन चुकी हैं, कांग्रेस यहां पिछले 46 वर्षों से राजा, छोटे राजा या बाबा साहेब की बदौलत बुलंद है, तो वहीं बीजेपी अब तक यहां एंट्री की चाबी ढूंढ़ रही है. इस बार सीट से कांग्रेस ने जयवर्धन सिंह पर फिर से भरोसा जताया है. इनके अलावा बहुजन समाज पार्टी ने धर्मेंद्र गजराम सिंह यादव और हीरेंद्र सिंह बंटी को चुनावी मैदान में उतारा है. आइये जानते हैं इस बार क्या समीकरण बन रहे राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र में.

राघोगढ़ विधानसभा सीट की खासियत: राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र राघोगढ़ राज परिवार की विरासत में शामिल है. विजयपुर में बना ऐतिहासिक किला आज भी बेहद खूबसूरत और सुसाजित है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं. इसके साथ ही विधानसभा के विजयपुर में नैश्नल फर्टिलाइजर लिमिटेड द्वारा संचालित एक खाद फैक्ट्री भी है, जो देश की सबसे बड़ी खाद फैक्ट्रियों में शुमार है. यह इस क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार का अहम जरिया है.

राघोगढ़ विधानसभा सीट का पॉलिटिकल सिनारियो: राघोगढ़ विधानसभा राजशाही सीट मानी जाती है, इस सीट पर अब तक राघोगढ़ राज घराने का कब्जा है. यहां 1951 से अब तक 14 बार चुनाव हुए है, जब पहला चुनाव 1951 में हुआ था तब राघोगढ़ के राजा बलभद्र सिंह अखिल भारतीय हिंदू महासभा की और से स्वतंत्र चुनाव लड़े थे और पहले विधायक बने थे. इसके बाद यहां एक बार स्वतंत्र पार्टी और एक बार भारतीय जनसंघ को मौका मिला बाकी 12 बार चुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में रही है.

कहा जा सकता है 1977 से अब तक यह सीट कांग्रेस का अभेद किला बनी हुई है, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (दिग्गी राजा) इसी सीट से 4 बार विधायक रहे, उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह भी दो बार यहां से चुनाव लड़कर विधायक बने. वहीं अब तीसरी पीढ़ी से दिग्विजय सिंह के बेटे और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह भी बीते 10 वर्षों से यहाँ विधायक हैं. कहा जा सकता है कि लाख कोशिशों के बावजूद बीते 46 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी यहां सेंध लगाने का सपना देख रही है.

2003 में तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी की लाख कोशिशों के बावजूद यहां का वोटर राघोगढ़ राजघराने से वफादारी निभा रहा है, जो यहां बीजेपी का खाता नहीं खुलने दे रहा है. अब 2023 विधानसभा में बीजेपी ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के घर में घुसने के लिए दिग्विजय सिंह के बेहद खास भरोसेमंद और करीबी रहे पूर्व विधायक मूल सिंह चौहान के बेटे 'हीरेंद्र सिंह बंटी बना' को बीजेपी से टिकट दिया है, लेकिन क्षेत्रीय नेताओं ने तो बीजेपी को प्रत्याशी बदलने लिए पत्र तक लिखा है. हालांकि कांग्रेस ने टिकट की घोषणा तो नहीं की, लेकिन यहां से वर्तमान विधायक जयवर्धन सिंह एक बार फिर चुनाव लड़ेंगे, इसमें दोराय नहीं है.

राघोगढ़ विधानसभा सीट का 2018 का रिजल्ट: विधानसभा के पिछले चुनाव 2018 में हुए थे, इस चुनाव में राघोगढ़ सीट कांग्रेस के विधायक जयवर्धन सिंह को कांग्रेस ने दोबारा चुनाव लड़ाया था, उन्हें जनता के 98,268 वोट मिले थे. वहीं भाजपा ने भूपेन्द्र सिंह रघुवंशी को मौका दिया था, लेकिन वे 51571 वोट ही हांसिल कर सके और दूसरे नंबर पर आए, यहां जीत का अंतर 46,697 मतों का रहा.

राघोगढ़ विधानसभा सीट का 2013 का रिजल्ट: साल 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने पहली बार पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को चुनाव मैदान में उतार दिया था. राजघराने का प्रत्याशी होने का फायदा मिला और उन्हें आवाम के 99,041 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी रहे बीजेपी के राधेश्याम धाकड़ कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाये और उन्हें सिर्फ 39,837 वोट ही मिले. इस बार भी जीत कांग्रेस की हुई और जयवर्धन सिंह पहली बार विधायक बने, इस चुनाव जीत का अन्तर 59,204 वोट का था.

राघोगढ़ विधानसभा सीट का 2008 का रिजल्ट: विधानसभा में 2008 में जब चुनाव हुए तो कांग्रेस ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की जगह इस बार पूर्व विधायक मूल सिंह दादा भाई को अपना प्रत्याशी बनाया, चुनाव हुए तो कांग्रेस के मूल सिंह को 40019 वोट हासिल हुए. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने बार चुनाव का टिकट भूपेन्द्र रघुवंशी को दिया, जिन्हें चुनाव में 32,331 वोट ही मिले. जीत का अन्तर 7,688 वोट का रहा था.

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राघोगढ़ विधानसभा सीट के मतदाता: विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 31 राघोगढ़ के मतदाताओं की अगर बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 45 हजार 580 है. इनमें पुरुष मतदाता 1,32,228 हैं, जबकि महिला मातदाओं की संख्या 1,13,347 है. वहीं क्षेत्र में 5 थर्ड जेंडर मतदाता भी शामिल हैं, जो इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

राघोगढ़ विधानसभा सीट के जातिगत समीकरण: बात राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र के जातीय समीकरणों की करें तो यहां अनुसूचित जाति लगभग 40 हजार, मतदाता हैं, वहीं धाकड़ वोटर भी करीब 35 हजार के लगभग है. क्षेत्र में यादव 32 हजार, ब्राह्मण 24 हजार और मीणा समाज के लगभग 20 हजार मतदाता हैं, जो चुनाव अपनी अहम भूमिका निभाते हैं. वहीं शेष अन्य समाज के मतदाता हैं.

राघोगढ़ विधानसभा सीट के स्थानीय मुद्दे: हर विधानसभा क्षेत्र की तरह ही राघोगढ़ में भी समस्याएं और स्थानीय मुद्दे हैं, जिनसे जनता विकास की उम्मीद करती है. राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आज भी सड़क, पानी, बिजली, बेरोजगारी जैसी समस्याएं हैं, राजघराने से ताल्लुकात होने से राघोगढ़ नगर में तो अच्छी सड़कें नजर आती हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में अभी भी पक्की सड़कों का इंतजार खत्म नहीं हो पा रहा है. इसके साथ साथ प्रधानमंत्री आवास योजना योजना समेत राज्य सरकार की योजनाओं का भी जनता को पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है.

Raghogarh Assembly Seat: एमपी विधानसभा के चुनाव की घोषणा हो चुकी है, राजनैतिक दल भी चुनाव की तैयारी में जुटे हैं. बीजेपी-कांग्रेस पूरे दमखम से सत्ता का युद्ध लड़ने को बेकरार है, सबकी निगाहें इस बार कुछ ऐसी वीआईपी सीट पर टिकी हैं जहां चुनाव नेता नहीं, जनता लड़ती है. ऐसी ही राजशाही सीट है मध्यप्रदेश निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 31 राघोगढ़. ये सीट रागौगढ़ राजघराने की जागीर बन चुकी हैं, कांग्रेस यहां पिछले 46 वर्षों से राजा, छोटे राजा या बाबा साहेब की बदौलत बुलंद है, तो वहीं बीजेपी अब तक यहां एंट्री की चाबी ढूंढ़ रही है. इस बार सीट से कांग्रेस ने जयवर्धन सिंह पर फिर से भरोसा जताया है. इनके अलावा बहुजन समाज पार्टी ने धर्मेंद्र गजराम सिंह यादव और हीरेंद्र सिंह बंटी को चुनावी मैदान में उतारा है. आइये जानते हैं इस बार क्या समीकरण बन रहे राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र में.

राघोगढ़ विधानसभा सीट की खासियत: राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र राघोगढ़ राज परिवार की विरासत में शामिल है. विजयपुर में बना ऐतिहासिक किला आज भी बेहद खूबसूरत और सुसाजित है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं. इसके साथ ही विधानसभा के विजयपुर में नैश्नल फर्टिलाइजर लिमिटेड द्वारा संचालित एक खाद फैक्ट्री भी है, जो देश की सबसे बड़ी खाद फैक्ट्रियों में शुमार है. यह इस क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार का अहम जरिया है.

राघोगढ़ विधानसभा सीट का पॉलिटिकल सिनारियो: राघोगढ़ विधानसभा राजशाही सीट मानी जाती है, इस सीट पर अब तक राघोगढ़ राज घराने का कब्जा है. यहां 1951 से अब तक 14 बार चुनाव हुए है, जब पहला चुनाव 1951 में हुआ था तब राघोगढ़ के राजा बलभद्र सिंह अखिल भारतीय हिंदू महासभा की और से स्वतंत्र चुनाव लड़े थे और पहले विधायक बने थे. इसके बाद यहां एक बार स्वतंत्र पार्टी और एक बार भारतीय जनसंघ को मौका मिला बाकी 12 बार चुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में रही है.

कहा जा सकता है 1977 से अब तक यह सीट कांग्रेस का अभेद किला बनी हुई है, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (दिग्गी राजा) इसी सीट से 4 बार विधायक रहे, उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह भी दो बार यहां से चुनाव लड़कर विधायक बने. वहीं अब तीसरी पीढ़ी से दिग्विजय सिंह के बेटे और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह भी बीते 10 वर्षों से यहाँ विधायक हैं. कहा जा सकता है कि लाख कोशिशों के बावजूद बीते 46 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी यहां सेंध लगाने का सपना देख रही है.

2003 में तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी की लाख कोशिशों के बावजूद यहां का वोटर राघोगढ़ राजघराने से वफादारी निभा रहा है, जो यहां बीजेपी का खाता नहीं खुलने दे रहा है. अब 2023 विधानसभा में बीजेपी ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के घर में घुसने के लिए दिग्विजय सिंह के बेहद खास भरोसेमंद और करीबी रहे पूर्व विधायक मूल सिंह चौहान के बेटे 'हीरेंद्र सिंह बंटी बना' को बीजेपी से टिकट दिया है, लेकिन क्षेत्रीय नेताओं ने तो बीजेपी को प्रत्याशी बदलने लिए पत्र तक लिखा है. हालांकि कांग्रेस ने टिकट की घोषणा तो नहीं की, लेकिन यहां से वर्तमान विधायक जयवर्धन सिंह एक बार फिर चुनाव लड़ेंगे, इसमें दोराय नहीं है.

राघोगढ़ विधानसभा सीट का 2018 का रिजल्ट: विधानसभा के पिछले चुनाव 2018 में हुए थे, इस चुनाव में राघोगढ़ सीट कांग्रेस के विधायक जयवर्धन सिंह को कांग्रेस ने दोबारा चुनाव लड़ाया था, उन्हें जनता के 98,268 वोट मिले थे. वहीं भाजपा ने भूपेन्द्र सिंह रघुवंशी को मौका दिया था, लेकिन वे 51571 वोट ही हांसिल कर सके और दूसरे नंबर पर आए, यहां जीत का अंतर 46,697 मतों का रहा.

राघोगढ़ विधानसभा सीट का 2013 का रिजल्ट: साल 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने पहली बार पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को चुनाव मैदान में उतार दिया था. राजघराने का प्रत्याशी होने का फायदा मिला और उन्हें आवाम के 99,041 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी रहे बीजेपी के राधेश्याम धाकड़ कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाये और उन्हें सिर्फ 39,837 वोट ही मिले. इस बार भी जीत कांग्रेस की हुई और जयवर्धन सिंह पहली बार विधायक बने, इस चुनाव जीत का अन्तर 59,204 वोट का था.

राघोगढ़ विधानसभा सीट का 2008 का रिजल्ट: विधानसभा में 2008 में जब चुनाव हुए तो कांग्रेस ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की जगह इस बार पूर्व विधायक मूल सिंह दादा भाई को अपना प्रत्याशी बनाया, चुनाव हुए तो कांग्रेस के मूल सिंह को 40019 वोट हासिल हुए. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने बार चुनाव का टिकट भूपेन्द्र रघुवंशी को दिया, जिन्हें चुनाव में 32,331 वोट ही मिले. जीत का अन्तर 7,688 वोट का रहा था.

Must Read:

राघोगढ़ विधानसभा सीट के मतदाता: विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 31 राघोगढ़ के मतदाताओं की अगर बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 45 हजार 580 है. इनमें पुरुष मतदाता 1,32,228 हैं, जबकि महिला मातदाओं की संख्या 1,13,347 है. वहीं क्षेत्र में 5 थर्ड जेंडर मतदाता भी शामिल हैं, जो इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

राघोगढ़ विधानसभा सीट के जातिगत समीकरण: बात राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र के जातीय समीकरणों की करें तो यहां अनुसूचित जाति लगभग 40 हजार, मतदाता हैं, वहीं धाकड़ वोटर भी करीब 35 हजार के लगभग है. क्षेत्र में यादव 32 हजार, ब्राह्मण 24 हजार और मीणा समाज के लगभग 20 हजार मतदाता हैं, जो चुनाव अपनी अहम भूमिका निभाते हैं. वहीं शेष अन्य समाज के मतदाता हैं.

राघोगढ़ विधानसभा सीट के स्थानीय मुद्दे: हर विधानसभा क्षेत्र की तरह ही राघोगढ़ में भी समस्याएं और स्थानीय मुद्दे हैं, जिनसे जनता विकास की उम्मीद करती है. राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आज भी सड़क, पानी, बिजली, बेरोजगारी जैसी समस्याएं हैं, राजघराने से ताल्लुकात होने से राघोगढ़ नगर में तो अच्छी सड़कें नजर आती हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में अभी भी पक्की सड़कों का इंतजार खत्म नहीं हो पा रहा है. इसके साथ साथ प्रधानमंत्री आवास योजना योजना समेत राज्य सरकार की योजनाओं का भी जनता को पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है.

Last Updated : Dec 3, 2023, 6:41 AM IST
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