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MP Guna: चारा व भूसे के परिवहन पर सख्ती से रोक, धारा 144 लागू

गुना जिला कलेक्टर ने एक आदेश जारी कर चारा व भूसे के परिवहन पर रोक लगाई है. इसके लिए धारा 144 लागू की गई है. पशुओं को गर्मी के मौसम में पर्याप्त भूसा मिलता रहे, इसके मद्देनजर ये कदम उठाया गया है.

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Published : Mar 15, 2023, 4:54 PM IST

ban transportation of fodder
चारा व भूसे के परिवहन पर सख्ती से रोक

गुना। कलेक्टर ने धारा 144 लागू कर भूसे के परिवहन पर रोक लगा दी है. इससे पहले उप संचालक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने अपने प्रतिवेदन में अवगत कराया कि गुना जिले में वर्तमान में रबी की फसल की कटाई का कार्य प्रारंभ हो चुका है. जिसके बाद चारे व भूसे की उपलब्धता पशुधन के लिये बनाये रखना आवश्यक है. इसे दृष्टिगत रखते हुए भूसे के परिवहन तथा ईंट भट्टों के ईधन के रूप में चारे भूसे का उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाना आवश्यक है.

पशुधन को जरूरी है भूसा : ग्रीष्मकाल में जिले में पशुधन के लिये चारे की उपलब्धता आवश्यक है. कलेक्‍टर फ्रेंक नोबल द्वारा उक्‍त प्रतिवेदन के आधार पर दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये पशुओं के आहार के रूप में उपयोग में लाने वाले समस्त प्रकार के चारा-घास, भूसा एवं पशुओं के द्वारा खाये जाने वाले अन्य किस्म के चारे पर जिला गुना की राजस्व सीमा के बाहर निर्यात प्रतिबंधित करने के आदेश जारी किए गए हैं.

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बगैर परमिशन के परिवहन तो कार्रवाई होगी : कोई भी कृषक, व्यापरी, व्यक्ति, निर्यातक उपरोक्त क्रम में से किसी भी प्रकार के पशुचारे का किसी भी वाहन मोटर रेल, यान अथवा पैदल जिले के बाहर मेरे बिना अनुज्ञा पत्र के निर्यात नहीं करेगा. शासकीय उपयोग के लिये भूसा एवं पशुचारे का परिवहन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति से किया जाएगा. उक्त आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी. ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा तथा आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगा.

गुना। कलेक्टर ने धारा 144 लागू कर भूसे के परिवहन पर रोक लगा दी है. इससे पहले उप संचालक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने अपने प्रतिवेदन में अवगत कराया कि गुना जिले में वर्तमान में रबी की फसल की कटाई का कार्य प्रारंभ हो चुका है. जिसके बाद चारे व भूसे की उपलब्धता पशुधन के लिये बनाये रखना आवश्यक है. इसे दृष्टिगत रखते हुए भूसे के परिवहन तथा ईंट भट्टों के ईधन के रूप में चारे भूसे का उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाना आवश्यक है.

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