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गुना एसपी के इस प्रोजेक्ट से अपराधों में आई कमी, डीजीपी भी कर चुके हैं तारीफ

गुना एसपी के वारंट तामीली प्रोजेक्ट के चलते जिले में अपराधियों की धरपकड़ तेजी से होने लगी है, जिससे पहले की तुलना में अपराधों में कमी आई है. जिसकी तारीफ करते हुए डीजीपी ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की बात कही है.

गुना एसपी के प्रोजेक्ट से अपराधों में आई कमी
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Published : Aug 21, 2019, 6:07 PM IST

गुना। जनवरी 2019 को पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा ने जब कार्यभार संभाला था, तभी से उन्होंने अपराध में कमी लाने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया था, इसी के तहत उन्होंने वारंट तमीली को लेकर नई कार्ययोजना तैयार की. जिसके चलते पुलिस का सूचना तंत्र भी मजबूत हुआ है और पहले की तुलना में अपराध में 60-70 फीसदी तक कमी आई है.

गुना एसपी के प्रोजेक्ट से अपराधों में आई कमी
ये है वारंट तामीली की नई प्रक्रियाइससे पहले वारंट तामीली हर पुलिस थाने में सिर्फ एक ही सिपाही करता था, वारंट तामील नहीं होने से पुलिस अधिकारियों को हमेशा कोर्ट की नाराजगी झेलनी पड़ती थी. इस बदलाव के लिए एसपी ने वारंट तामीली प्रोजेक्ट लागू किया. जिसमें अब कोर्ट से जारी होने वाले वारंट पहले पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंचते हैं, जहां कंप्यूटर में फीड करने के बाद वारंट संबंधित पुलिस थाने को भेज दिया जाता है.थाने में वारंट भेजे जाने के बाद वारंट तामीली की रिपोर्ट उस थाना प्रभारी को 11 बजे तक पुलिस अधीक्षक को व्हाट्सएप ग्रुप में भेजना होता है. इस प्रोजेक्ट में सिपाहियों के अलावा बीट में ड्यूटी पर जाने वाले अलग-अलग सिपाही से लेकर उप निरीक्षक तक वारंट तामीली करेंगे.


इस प्रोजेक्ट से पुलिस की दस्तक गांव-गांव में बढ़ी है. वहीं अपराधियों के गांव में छिपे होने की जानकारी पर उनकी धरपकड़ भी होने लगी है. भोपाल में आयोजित एक बैठक में डीजीपी ने गुना के वारंट तामीली की प्रशंसा करते हुए इस प्रोजेक्ट को पायलट प्रोजेक्ट माना और पूरे प्रदेश में इसे लागू करने की बात भी कही है.

गुना। जनवरी 2019 को पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा ने जब कार्यभार संभाला था, तभी से उन्होंने अपराध में कमी लाने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया था, इसी के तहत उन्होंने वारंट तमीली को लेकर नई कार्ययोजना तैयार की. जिसके चलते पुलिस का सूचना तंत्र भी मजबूत हुआ है और पहले की तुलना में अपराध में 60-70 फीसदी तक कमी आई है.

गुना एसपी के प्रोजेक्ट से अपराधों में आई कमी
ये है वारंट तामीली की नई प्रक्रियाइससे पहले वारंट तामीली हर पुलिस थाने में सिर्फ एक ही सिपाही करता था, वारंट तामील नहीं होने से पुलिस अधिकारियों को हमेशा कोर्ट की नाराजगी झेलनी पड़ती थी. इस बदलाव के लिए एसपी ने वारंट तामीली प्रोजेक्ट लागू किया. जिसमें अब कोर्ट से जारी होने वाले वारंट पहले पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंचते हैं, जहां कंप्यूटर में फीड करने के बाद वारंट संबंधित पुलिस थाने को भेज दिया जाता है.थाने में वारंट भेजे जाने के बाद वारंट तामीली की रिपोर्ट उस थाना प्रभारी को 11 बजे तक पुलिस अधीक्षक को व्हाट्सएप ग्रुप में भेजना होता है. इस प्रोजेक्ट में सिपाहियों के अलावा बीट में ड्यूटी पर जाने वाले अलग-अलग सिपाही से लेकर उप निरीक्षक तक वारंट तामीली करेंगे.


इस प्रोजेक्ट से पुलिस की दस्तक गांव-गांव में बढ़ी है. वहीं अपराधियों के गांव में छिपे होने की जानकारी पर उनकी धरपकड़ भी होने लगी है. भोपाल में आयोजित एक बैठक में डीजीपी ने गुना के वारंट तामीली की प्रशंसा करते हुए इस प्रोजेक्ट को पायलट प्रोजेक्ट माना और पूरे प्रदेश में इसे लागू करने की बात भी कही है.

Intro:
गुना। वारंट तामीली को लेकर चिंतित पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा ने कार्यभार संभालने के बाद एक नई कार्ययोजना बनाई, इस कार्ययोजना के सुखद परिणाम अब गुना जिले में दिखाई देने लगे हैँ। जहां एक ओर वारंट तामीली के जरिए जहां एक ओर गांव-गांव पुलिस पहुंचने लगी हैं तो वहीं पुलिस का सूचना तंत्र भी मजबूत हुआ जिससे अपराधियों की धरपकड़ होने लगी, जिससे गुना में पूर्व की अपेक्षा अपराधों में 6० से 7० प्रतिशत तक कमी आई है। वारंट तामीली को लेकर एसपी द्वारा किए गए नवाचार की जहां एक ओर सराहना न्यायिक अधिकारी कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश स्तर पर वारंट तामीली की इस कार्ययोजना को पायलट प्रोजेक्ट मानकर पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी पुलिस मु यालय स्तर पर भी शुरू हो गई है।
पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा ने जनवरी 2०19 में गुना पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यभार संभाला था। उस समय वारंट तामीली की स्थिति ये थी कि वारंट तामीली हर पुलिस थाने में एक ही सिपाही करता था, वारंट तामील न होने से पुलिस अधिकारियों को हमेशा न्यायालय की नाराजगी सहना पड़ती थी। इसमें बदलाव के लिए उन्होंने वारंट तामीली प्रोजेक्ट बनाया। जिसमें सिपाहियों का एकाधिकार समाप्त किया और बीट सिस्टम के तहत तय किया कि अब वारंट की तामीली कोई एक सिपाही नहीं बल्कि बीट में ड्यूटी पर जाने वाले अलग-अलग सिपाही से लेकर उप निरीक्षक तक करेंगे। इसको लागू कराया जिसके तहत अब न्यायालय से जारी होने वाले वारंट पहले पुलिस अधीक्षक कार्यालय आते हैं जहां से फोटो कॉपी निकालने के साथ-साथ क प्यूटर में फीड होते हैं उसके ही साथ संबंधित पुलिस थाने को भेज दिए जाते हैं। वारंट की तामीली की रिपोर्ट और मॉनीटरिंग करने वाले संबंधित पुलिस थाने के प्रभारी को सुबह साढ़े दस से 11 बजे व्हाट्सएप ग्रुप पर पुलिस अधीक्षक को करना होती है।
काम न करने वालों को सजा



Body:सूत्र बताते हैं कि वारंट की तामीली करने में हीला हवाली करने वालों पर पुलिस अधीक्षक लोढ़ा अभी तक दो सौ से अधिक पुलिस कर्मियों को कारण बताओ नोटिस दे चुके हैं, कई पुलिस कर्मियों के इन्क्रीमेंट भी रोके हैं। बीते रोज फतेहगढ़ और राघौगढ़ के दो पुलिस कर्मियों के इन्क्रीमेन्ट रोक दिए हैं। इस प्रोजेक्ट के जरिए पूर्व में होने वाली वारंट की तामीली में तीन गुना वृद्धि होने की बात पुलिस अधिकारी स्वीकारते हैं।
ये हुआ पुलिस को फायदा
बताया जाता है कि पुलिस अधीक्षक के इस वारंट तामीली प्रोजेक्ट से पुलिस को ये फायदा हुआ कि बीट सिस्टम के तहत अलग-अलग पुलिस कर्मियों के जाने से गांव-गांव में पुलिस की दस्तक भी बढ़ी है, अपराधियों में डर बढ़ा है। वहीं अपराधियों के गांव में छिपे होने की जानकारी पर उनकी धरपकड़ भी होने लगी है।
न्यायिक और पुलिस अधिकारियों ने की सराहना
सूत्रों ने जानकारी दी कि वारंट की तामीली होने से मामलों की सुनवाई में और तेजी आई है, इसको लेकर कई बार न्यायिक अधिकारी भी पुलिस अधीक्षक की सराहना कर चुके हैं। कुछ समय पूर्व भोपाल में आयोजित एक बैठक में डीजीपी ने गुना के वारंट तामीली को लेकर प्रशंसा ही नहीं की बल्कि इस वारंट तामीली प्रोजेक्ट को पायलट प्रोजेक्ट माना और पूरे प्रदेश में इसे लागू करने की मंशा भी जाहिर की। Conclusion:-न्यायालयों में लंबित मामलों की सुनवाई जो वारंट तामील न होने से लटके रहते थे, उनकी सुनवाई भी कार्ययोजना अनुसार वारंट तामीली कराए जाने से बढ़ी है वारंट तामीली को लेकर जो एकाधिकार रहता था, वह समाप्त होकर सबकी जि मेदारी हो गई है। इसके सुखद परिणाम आ रहे हैं, अपराध भी कम हुए हैं और गांव-गांव पुलिस की सक्रियता बढ़कर मुखबिर तंत्र भी और मजबूत हुआ है। यह बात सही है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने वारंट तामीली को लेकर यहां कार्ययोजना बनाकर कराए जा रहे काम को गंभीरता से लिया है।

बाईट राहुल कुमार लोढ़ा पुलिस अधीक्षक गुना
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