गुना। जनवरी 2019 को पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा ने जब कार्यभार संभाला था, तभी से उन्होंने अपराध में कमी लाने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया था, इसी के तहत उन्होंने वारंट तमीली को लेकर नई कार्ययोजना तैयार की. जिसके चलते पुलिस का सूचना तंत्र भी मजबूत हुआ है और पहले की तुलना में अपराध में 60-70 फीसदी तक कमी आई है.
गुना एसपी के प्रोजेक्ट से अपराधों में आई कमी ये है वारंट तामीली की नई प्रक्रियाइससे पहले वारंट तामीली हर पुलिस थाने में सिर्फ एक ही सिपाही करता था, वारंट तामील नहीं होने से पुलिस अधिकारियों को हमेशा कोर्ट की नाराजगी झेलनी पड़ती थी. इस बदलाव के लिए एसपी ने वारंट तामीली प्रोजेक्ट लागू किया. जिसमें अब कोर्ट से जारी होने वाले वारंट पहले पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंचते हैं, जहां कंप्यूटर में फीड करने के बाद वारंट संबंधित पुलिस थाने को भेज दिया जाता है.थाने में वारंट भेजे जाने के बाद वारंट तामीली की रिपोर्ट उस थाना प्रभारी को 11 बजे तक पुलिस अधीक्षक को व्हाट्सएप ग्रुप में भेजना होता है. इस प्रोजेक्ट में सिपाहियों के अलावा बीट में ड्यूटी पर जाने वाले अलग-अलग सिपाही से लेकर उप निरीक्षक तक वारंट तामीली करेंगे.
इस प्रोजेक्ट से पुलिस की दस्तक गांव-गांव में बढ़ी है. वहीं अपराधियों के गांव में छिपे होने की जानकारी पर उनकी धरपकड़ भी होने लगी है. भोपाल में आयोजित एक बैठक में डीजीपी ने गुना के वारंट तामीली की प्रशंसा करते हुए इस प्रोजेक्ट को पायलट प्रोजेक्ट माना और पूरे प्रदेश में इसे लागू करने की बात भी कही है.