गुना। शिवपुरी के बदरवास थाना अंतर्गत सुमेला गांव के पास शिवपुरी-गुना फोरलेन हाइवे पर बैठी पांच गाय की मौत अज्ञात वाहन की टक्कर से हो गई, शिवपुरी जिले में हादसे का शिकार हुई गायों की मौत का यह पहला मामला नहीं हैं. जिले की अलग-अलग सड़कों पर आए दिन गाय हादसों का शिकार हो रहीं है, कई गाय बारिश के मौसम में सूखे स्थान पर बैठना पसंद करतीं है, जिसके लिए उनके पास एक ही विकल्प बचता हैं सड़कों पर बैठना. ऐसे में कई गांव हाइवे के किनारे बसे हुए हैं, जिसके चलते गाय गांव से निकलकर आवारा पशुओं की तरह हाइवे पर बैठ जाती हैं और कभी भी हादसे शिकार होकर उनकी मौत हो जाती हैं. हालांकि हर रोज हो रहीं इन गायों की मौत की जिम्मेदारी न गाय मालिक लेता है और न ही प्रशासन से ले कर सरकार. यही वजह है कि गाय लगातार हादसे का शिकार होकर मौत की आगोश में समाती जा रहीं हैं. Guna Road Accident
जिले में है गौशालाओं की भारी भरमार: शिवपुरी जिले पंचायत स्तर की सभी योजनाओं का लाभ बखूबी लिया जाता है, योजना धरातल पर भी आती है लेकिन जिस उद्देश्य के लिए सरकारें लाखों करोड़ों रुपए खर्च जिस उद्देश्य के लिए करतीं है उन योजनाओं के उद्देश्य को पूरा नहीं किया जाता. शिवपुरी जिलेभर में 587 पंचायते हैं कुछ एक पंचायत ऐसीं होंगी जहां गौशाला स्वीकृत नहीं हुई होगी, बाकी अधिकतर पंचायतों में गौशाला स्वीकृत हुईं और बन भी गई. ज्यादातर पंचायतों में गोशाला की बिल्डिंग बन के तैयार खड़ी है, परन्तु जिस उद्देश्य के लिए यह गौशालाओ को बनाया गया था वह आज भी अधूरा है. जिलेभर की पंचायतों में अब गौशाला तो हैं, परन्तु उनमें गौवंश को नहीं जाता है. यही वजह है गौ वंश सड़कों पर हैं और जिम्मेदार मौन.
उज्जैन में सड़क पर पांच घंटे तक तड़पती रहीं गायें, इलाज के अभाव में 12 की मौत, डॉक्टर सस्पेंड
पालकों पर भी होनी चाहिए कार्रवाई: ज्यादातर दुर्घटना के बाद मृत व घायल गायों के मालिक सामने नही आते हैं, गौवंश मालिक भी बेपरवाह तरीके से बेजुबान गौवंश को सड़कों पर लावारिस खुला छोड़ देते है जिससे बढ़ी संख्या में गौवंश सड़कों पर दिन-रात भटकते व बैठे रहते हैं. इस कारण कई बार आवागमन अवरुद्घ हो जाता है, गौवंश के कारण वाहन चालकों का मार्ग से निकलना मुश्किल हो जाता है. इसको लेकर कई बार लोगों ने शिकायत की, लेकिन जिम्मेदार इस पर जरा भी ध्यान देने को तैयार नहीं है, इसके चलते नागरिक परेशानी उठाने को मजबूर हैं. क्षेत्र के पशुपालकों की गैर जिम्मेदारी व हठधर्मिता के कारण नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, हालत यह है कि पशुपालक गायों को भटकने के लिए खुला छोड़ देते हैं और वह मार्ग के बीच में ही कहीं भी बैठ जाती हैं. इस कारण मार्ग बाधित हो जाता है, वाहन चालक हार्न बजाते रहते हैं, लेकिन इन पशुओं पर इसका कोई असर नहीं होता है. कई बार ये पशु आपस में लड़ते भी हैं, जिसकी वजह से कई वाहनों को नुकसान हो जाता है. मार्ग से गुजरने वाले लोगों को घायल होने का डर रहता है, इसलिए दोषी मवेशी पालकों के खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जरूरत महसूस की जा रही है.