गुना। बढ़ते पर्यावरण और ध्वनि प्रदूषण के चलते एनजीटी ने पटाखे जलाने पर कई जगह सख्ती बरतते हुए रोक लगाई है. ताकि पटाखों से होने वाले नुकसान से बचा जा सके. इसी के चलते कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कुमार पुरूषोत्तम ने भी इनसे लिए आदेश जारी किए है. उन्होंने कहा है कि मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से नवम्बर 2019 की स्थिति में जारी परिवेशीय वायु गुणवत्ता की रिपोर्ट के अनुसार गुना का एयर क्वालिटी इण्डेक्स -63 था, जो संतुष्टीकारक दर्शाया गया है. आगामी कुछ दिनों में ठण्ड प्रारंभ होने के कारण व त्यौहारों के दौरान बहुत अधिक संख्या में पटाखों के उपयोग से परिपेशीय वायु गुणवत्ता और अधिक खराब होने की आशंका है.
उन्होंने गुना में आने वाले दिवाली, गुरूपर्व, नववर्ष इत्यादि त्यौहारों के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर्यावरण प्रदुषण खराब होने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा पारित आदेश के पालन में जिला गुना में भी संपूर्ण राजस्व सीमा में पटाखों के प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है. जारी आदेश कहा गया है कि संपूर्ण जिला गुना के क्षेत्रान्तर्गत केवल ग्रीन क्रेकर्स के प्रस्फोटन की अनुमति रहेगी, अन्य समस्त प्रकार के पटाखों का विक्रय और उपयोग प्रतिबंधित रहेगा. इन ग्रीन क्रेकर्स को फोड़ने की अनुमति रात 8 बजे से 10 बजे तक (दो घण्टे) के लिए होगी. बाकी समय में सभी प्रकार के पटाखों (ग्रीन केकर्स सहित) को भी फोड़ने की अनुमति नहीं होगी.
वहीं उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा -188 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आएगा. यह आदेश 12 नवंबर 2020 से 01 जनवरी 2021 तक प्रभावशील रहेगा और उक्त प्रभावशील अवधि में उक्त आदेश का उल्लंघन धारा-188 भारतीय दण्ड विधान अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आएगा.