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ट्रेन की तरह बनाया सरकारी स्कूल, दूर-दूर से देखने आते हैं बच्चे - government secondary school Chachowda

गुना जिले के चाचौड़ा तहसील के शासकीय माध्यमिक स्कूल को ट्रेन की बोगी की तर्ज पर सजाया गया है. जिससे बच्चों को शिक्षा का एक अलग माहौल मिल सके. इस स्कूल को देखने अन्य स्कूल के बच्चे, अभिभावक और शिक्षक आ रहे हैं.

Made the school on the lines of the train's bogey
स्कूल को बनाया ट्रेन की बोगी की तर्ज पर
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Published : Jan 6, 2020, 7:36 AM IST

Updated : Jan 6, 2020, 7:49 AM IST

गुना। जिले की चाचौड़ा तहसील के शासकीय माध्यमिक विद्यालय देखने में भले ही आपको ट्रेन की बोगी लगे, लेकिन यह वास्तव में स्कूल की बिल्डिंग है. विद्यालय के शिक्षकों ने बच्चों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करने के लिए भवन की रंगाई-पुताई ट्रेन की बोगी की तर्ज पर की है, जिससे बच्चों को शिक्षा का एक अलग माहौल मिल सके.

स्कूल को दे दी ट्रेन की बोगी का शक्ल


स्कूल के नए स्वरुप को देखने आ रहे लोग
जिले का यह पहला शासकीय स्कूल है, जिसे ट्रेन की बोगी की तरह सजाया गया है. इसकी पुताई ऐसे तरीके से की गई है, कि दूर से देखने वाले भी हैरान रह जाते हैं, उन्हें लगता है कि ट्रेन की बोगी खड़ी है. जब यहां से छात्र-छात्राएं आते-जाते हैं तो पूरी स्थिति समझ में आती है. इस स्कूल के नए स्वरूप को देखने के लिए गांव के लोग भी जुट रहे हैं. अन्य स्कूलों के शिक्षक और बच्चे भी इसे देखने आ रहे हैं.

Boundarywall and attractive painting in rooms
बाउंड्रीवॉल और कमरों में आकर्षक चित्रकारी


स्कूल को अंदर से भी सजाया गया
चाचौड़ा में स्थित शासकीय बालक माध्यमिक विद्यालय को अंदर से भी सजाया गया है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक का मानना है कि शिक्षा के क्षेत्र में रूढ़िवादी पद्धति से हटकर नवाचार रूपी गतिविधियां की जा रही हैं. इससे शिक्षा पद्धति में काफी बदलाव आएगा. उन्होंने कहा कि शासकीय विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति का कम होना, अभिभावकों का निजी स्कूलों की ओर आकर्षित होना है.

Made the school on the lines of the train's bogey
स्कूल को बनाया ट्रेन की बोगी की तर्ज पर


शिक्षक ने इसी स्कूल से ली थी प्राइमरी शिक्षा
प्रधान अध्यापक शिखरचंद जैन ने बताया कि इस विद्यालय में मैंने कक्षा 4वीं और 5वीं का अध्ययन किया है. इस बात की खुशी है कि इसी विद्यालय में मैं शिक्षक के पद पर पदस्थ हूं. इस कार्य के लिए मध्यप्रदेश शासन ने स्कूल को फंड भेजा था, जिसका उपयोग कर भवन को ट्रेन की बोगी की तरह सजाया गया है. वहीं अध्यापक ने बताया कि पर्यावरण और जीव-जंतुओं के बारे में बाउंड्रीवॉल, कमरों में आकर्षक चित्रकारी की गई है. कक्षा 6वीं, 7वीं और 8वीं के कमरों में विषय आधारित पेंटिंग की गई है, जिससे कक्षा और परिसर आकर्षक दिखाई देता है.

गुना। जिले की चाचौड़ा तहसील के शासकीय माध्यमिक विद्यालय देखने में भले ही आपको ट्रेन की बोगी लगे, लेकिन यह वास्तव में स्कूल की बिल्डिंग है. विद्यालय के शिक्षकों ने बच्चों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करने के लिए भवन की रंगाई-पुताई ट्रेन की बोगी की तर्ज पर की है, जिससे बच्चों को शिक्षा का एक अलग माहौल मिल सके.

स्कूल को दे दी ट्रेन की बोगी का शक्ल


स्कूल के नए स्वरुप को देखने आ रहे लोग
जिले का यह पहला शासकीय स्कूल है, जिसे ट्रेन की बोगी की तरह सजाया गया है. इसकी पुताई ऐसे तरीके से की गई है, कि दूर से देखने वाले भी हैरान रह जाते हैं, उन्हें लगता है कि ट्रेन की बोगी खड़ी है. जब यहां से छात्र-छात्राएं आते-जाते हैं तो पूरी स्थिति समझ में आती है. इस स्कूल के नए स्वरूप को देखने के लिए गांव के लोग भी जुट रहे हैं. अन्य स्कूलों के शिक्षक और बच्चे भी इसे देखने आ रहे हैं.

Boundarywall and attractive painting in rooms
बाउंड्रीवॉल और कमरों में आकर्षक चित्रकारी


स्कूल को अंदर से भी सजाया गया
चाचौड़ा में स्थित शासकीय बालक माध्यमिक विद्यालय को अंदर से भी सजाया गया है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक का मानना है कि शिक्षा के क्षेत्र में रूढ़िवादी पद्धति से हटकर नवाचार रूपी गतिविधियां की जा रही हैं. इससे शिक्षा पद्धति में काफी बदलाव आएगा. उन्होंने कहा कि शासकीय विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति का कम होना, अभिभावकों का निजी स्कूलों की ओर आकर्षित होना है.

Made the school on the lines of the train's bogey
स्कूल को बनाया ट्रेन की बोगी की तर्ज पर


शिक्षक ने इसी स्कूल से ली थी प्राइमरी शिक्षा
प्रधान अध्यापक शिखरचंद जैन ने बताया कि इस विद्यालय में मैंने कक्षा 4वीं और 5वीं का अध्ययन किया है. इस बात की खुशी है कि इसी विद्यालय में मैं शिक्षक के पद पर पदस्थ हूं. इस कार्य के लिए मध्यप्रदेश शासन ने स्कूल को फंड भेजा था, जिसका उपयोग कर भवन को ट्रेन की बोगी की तरह सजाया गया है. वहीं अध्यापक ने बताया कि पर्यावरण और जीव-जंतुओं के बारे में बाउंड्रीवॉल, कमरों में आकर्षक चित्रकारी की गई है. कक्षा 6वीं, 7वीं और 8वीं के कमरों में विषय आधारित पेंटिंग की गई है, जिससे कक्षा और परिसर आकर्षक दिखाई देता है.

Intro:

गुना जिले की चाचौड़ा तहसील के चाचौड़ा शासकीय माध्यमिक विद्यालय दिखने में भले ही आपको ट्रेन की बोगी लगी, लेकिन यह वास्तव में स्कूल बिल्डिंग हैं। विद्यालय के शिक्षक ने बच्चों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करने के लिए भवन को रंगाई और पुताई ही अलग ढंग से कराई है।
जिले में यह पहला शासकीय स्कूल है, जिसे ट्रेन की बोगी की तरह सजाया गया है। इसकी पुताई ऐसे ढंग से की है कि दूर से देखने वाले ही हैरान रह जाते हैं। उन्हें लगता है कि ट्रेन की बोगी खड़ी है। जब यहां से छात्र-छात्रा आते-जाते हैं तो पूरी स्थिति समझ में आती है। इस स्कूल के नए स्वरूप को देखने के लिए गांव के लोग भी जुट रहे हैं। अन्य स्कूलों के शिक्षक और बच्चे भी इसे देखने आते हैं।
स्कूल काे अंदर से भी सजाया गया
चांचौड़ा में स्थित शासकीय बालक माध्यमिक विद्यालय को अंदर से भी सजाया गया है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक का मानना है कि शिक्षा के क्षेत्र में रूढ़िवादी पद्धति से हटकर नवाचार रूपी जाे गतिविधियां की जा रही हैं उससे शिक्षा पद्धति में काफी बदलाव आए। शासकीय विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति का कम होना तथा अभिभावकों का निजी विद्यालयों की ओर आकर्षित होना भी कई सारे शासकीय विद्यालय से दूर होने के कारण बने हैं।





Body:
शिक्षक ने इसी स्कूल से ली थी प्राइमरी शिक्षा
प्रधान अध्यापक शिखरचंद जैन ने बताया कि इस विद्यालय में मैंने कक्षा 4 व 5 का अध्ययन किया है। इस बात की खुशी है कि इसी विद्यालय में मैं शिक्षक के पद पर पदस्थ हूं। इस कार्य के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा विद्यालय को फंड भेजा था। इसी राशि का उपयोग कर भवन में कार्य किया गया है। इसे अलग रूप देने के लिए ट्रेन की बोगी की तरह ही सजाया गया है।
पर्यावरण, वन्य जीवों की दीवारों पर चित्रकारी की : पर्यावरण एवं जीव-जंतुओं के बारे में बाउंड्रीवॉल एवं कमरों मे आकर्षक चित्रकारी की गई। कक्षा 6,7 व 8 में कमरों में विषय आधारित पेंटिंग है। इससे कक्ष और परिसर आकर्षक दिखाई देता है।Conclusion:वाइट- शिखर चंद जैन प्रधानाध्यापक शासकीय बालक माध्यमिक विद्यालय चाचौड़ा
Last Updated : Jan 6, 2020, 7:49 AM IST
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