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दुष्कर्मी पिता को आजीवन कारावास: कोर्ट ने कहा- बच्ची के ऊपरी घाव तो भर सकते हैं, लेकिन अंतरात्मा पर लगे घाव कभी नहीं भरे जा सकते - pita ko umrkaid

पाक्सो कोर्ट ने अपनी 10 साल की बेटी से दुष्कर्म(rapist father) करने वाले पिता को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी पर 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. दो साल पहले रिपोर्ट लिखाने वाली बच्ची की मां और नानी कोर्ट में अपने बयानों से पलट गईं थी. लेकिन मेडिकल टेस्ट में बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई. कोर्ट ने इसी को आधार पर मानकर पिता को दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई

rapist father got life imprisonment
दुष्कर्मी पिता को आजीवन कारावास
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Published : Aug 29, 2021, 7:50 AM IST

गुना। गुना जिले की विशेष पॉक्सो अदालत ने अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी पिता (rapist father) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 30 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. 6 दिसम्बर 2020 को रात में पीड़िता का पिता शराब पीकर आया और नशे की हालत में अपनी बच्ची के साथ गलत काम किया. जब पीड़िता चिल्लाई तो उसकी मा की नींद खुल गई. आरोपी ने पीड़िता की मां के साथ भी मारपीट की.

बच्ची की मां और नानी पहुंचीं थाने

जनवरी 2020 को बच्ची और उसकी मां नाना-नानी के घर गए थे. यहां पर मां ने बच्ची के साथ की जा रही हरकत के बारे में बच्ची की नानी को बताया. इसके बाद नाना-नानी दोनों बच्ची और उसकी मां को लेकर कैंट थाने पहुंचे. (rapist father) पुलिस ने आरोपी पिता पर दुष्कर्म का केस दर्ज किया. साथ ही उस पर पॉक्सो एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई. पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

कोर्ट में बयान से पलटीं मां-नानी

कोर्ट में लंबी सुनवाई के दौरान बच्ची की मां और नानी दोनों ही पुलिस को दिए बयानों से पलट गईं. बच्ची की मां और नानी ने कहा कि उन्होंने कोई FIR दर्ज नहीं कराई है. नानी ने कहा कि वह तो रिपोर्ट कराने थाने गई ही नहीं. साथ ही कोर्ट में यह भी कहा कि बच्ची का पिता ही केवल घर में इकलौता कमाने वाला है. उसके ऊपर ही सभी बच्चों की जिम्मेवारी है, इसलिए पिता (rapist father) को जेल से रिहा किया जाए.

मेडिकल में हुई थी रेप की पुष्टि

कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर माना कि बच्ची के साथ दुष्कर्म(rapist father) हुआ है. आरोपी के वकील ने पिता के प्रति नरम रुख अपनाए जाने का निवेदन किया, लेकिन कोर्ट ने सभी दलील खारिज कर दी.

घर से खींचकर महिला के साथ किया दुष्कर्म, पुलिस ने 12 घंटों में आरोपियों को किया गिरफ्तार

अदालत ने क्या कहा?

फैसला सुनाते हुए विशेष न्यायधीश वर्षा शर्मा ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बच्ची के साथ ऐसी गंभीर घटना हुई और उसकी मां ने उसका पक्ष नहीं लिया. यहां तक की बच्ची को कोर्ट के सामने झूठ बोलने पर मजबूर किया गया. बच्ची के ऊपरी घाव तो भर सकते हैं, लेकिन उसकी अंतरात्मा में जो चोट लगी है, वह घाव कभी नहीं भरे जा सकते.

गुना। गुना जिले की विशेष पॉक्सो अदालत ने अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी पिता (rapist father) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 30 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. 6 दिसम्बर 2020 को रात में पीड़िता का पिता शराब पीकर आया और नशे की हालत में अपनी बच्ची के साथ गलत काम किया. जब पीड़िता चिल्लाई तो उसकी मा की नींद खुल गई. आरोपी ने पीड़िता की मां के साथ भी मारपीट की.

बच्ची की मां और नानी पहुंचीं थाने

जनवरी 2020 को बच्ची और उसकी मां नाना-नानी के घर गए थे. यहां पर मां ने बच्ची के साथ की जा रही हरकत के बारे में बच्ची की नानी को बताया. इसके बाद नाना-नानी दोनों बच्ची और उसकी मां को लेकर कैंट थाने पहुंचे. (rapist father) पुलिस ने आरोपी पिता पर दुष्कर्म का केस दर्ज किया. साथ ही उस पर पॉक्सो एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई. पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

कोर्ट में बयान से पलटीं मां-नानी

कोर्ट में लंबी सुनवाई के दौरान बच्ची की मां और नानी दोनों ही पुलिस को दिए बयानों से पलट गईं. बच्ची की मां और नानी ने कहा कि उन्होंने कोई FIR दर्ज नहीं कराई है. नानी ने कहा कि वह तो रिपोर्ट कराने थाने गई ही नहीं. साथ ही कोर्ट में यह भी कहा कि बच्ची का पिता ही केवल घर में इकलौता कमाने वाला है. उसके ऊपर ही सभी बच्चों की जिम्मेवारी है, इसलिए पिता (rapist father) को जेल से रिहा किया जाए.

मेडिकल में हुई थी रेप की पुष्टि

कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर माना कि बच्ची के साथ दुष्कर्म(rapist father) हुआ है. आरोपी के वकील ने पिता के प्रति नरम रुख अपनाए जाने का निवेदन किया, लेकिन कोर्ट ने सभी दलील खारिज कर दी.

घर से खींचकर महिला के साथ किया दुष्कर्म, पुलिस ने 12 घंटों में आरोपियों को किया गिरफ्तार

अदालत ने क्या कहा?

फैसला सुनाते हुए विशेष न्यायधीश वर्षा शर्मा ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बच्ची के साथ ऐसी गंभीर घटना हुई और उसकी मां ने उसका पक्ष नहीं लिया. यहां तक की बच्ची को कोर्ट के सामने झूठ बोलने पर मजबूर किया गया. बच्ची के ऊपरी घाव तो भर सकते हैं, लेकिन उसकी अंतरात्मा में जो चोट लगी है, वह घाव कभी नहीं भरे जा सकते.

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