ETV Bharat / state

कुदरत ने छोड़ा तो कोरोना ने रुलाया, मजदूर नहीं मिलने से किसान परेशान

गुना जिले में कोरोना के डर से मजदूर घर के बाहर नहीं निकल रहे हैं. वहीं इस साल हार्वेस्टर भी काफी कम संख्या में आए हैं.

Farmers upset due to not getting laborers due to Corona
मजदूर नहीं मिलने से किसान परेशान
author img

By

Published : Apr 5, 2020, 11:35 AM IST

गुना। जिले में किसान की फसल हर साल कहीं पाले से तो कहीं ओले से खराब हो जाती थी. लेकिन इस बार फसल तो अच्छी आई है लेकिन काटने के लिए मजदूर नहीं है. वहीं हार्वेस्टर भी पहले की तुलना में कम आए हैं. जिसके चलते किसान की फसल खेत में ही तैयार खड़ी है और किसान काफी परेशान है.

मजदूर नहीं मिलने से किसान परेशान
बिसोनिया गांव के बृजलाल यादव बताते हैं कोरोना बीमारी के चलते मजदूर घरों से नहीं निकल रहे हैं. वहीं हर साल जो कटाई हार्वेस्टर से 450 से 500 रुपये बीघा लगती थी. जो इस बार 800 से 900 रुपए बीघा हो गई है. फिर भी इतने हार्वेस्टर मौजूद नहीं हैं, जिससे पूरे रकबे की फसल कट सके. ऐसे में जितने रकबा फसल अभी खड़ी हुई है. यदि समय पर फसल नहीं कटी तो गेहूं खेतों में ही झड़ जाएगा.


हरिपुर गांव के हरवीर बताते हैं फसल पूरी तरह पक चुकी है, आवारा मवेशी फसल में घुसकर नुकसान कर रहे हैं. लेकिन मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. जिससे अच्छी फसल आने के बाद भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं हार्वेस्टर मालिक हरभजन बताते हैं पटियाला से यहां आया हूं. लगभग 5 से 6 सालों से यहां कटाई करने आता हूं. लेकिन कोरोना की वजह से इस बार धंधा मंदा है. किसान भी परेशान हैं और महामारी के चलते फोरमैन भी नहीं मिल रहे हैं. किसी के पास जाते नहीं है तो ज्यादा बात नहीं कर पाते हैं, पैसे लेने में भी डर लगता है. एक गाड़ी पर हम चार लोग रहते हैं और 10000 का डीजल लग जाता है. लेकिन अभी तक केवल 200 बीघा की कटाई कर पाए हैं. जिससे काफी घाटा लग रहा है. अब जब तक धंधा होगा रुकेंगे फिर चले जाएंगे।

वहीं हार्वेस्टर मालिक गुरसेवक सिंह का कहना है कि कोरोना महामारी की वजह से धंधा कोई खास नहीं है. उन्होंंने प्रशासन से मांग की है कि स्पेयर पार्ट्स की दुकान 5 बजे की बजाय 7 बजे तक खोली जाए. साथ ही सारे देश में डीजल के एक दाम किए जाएं ताकि हमें व्यापार करने में आसानी हो सके.

गुना। जिले में किसान की फसल हर साल कहीं पाले से तो कहीं ओले से खराब हो जाती थी. लेकिन इस बार फसल तो अच्छी आई है लेकिन काटने के लिए मजदूर नहीं है. वहीं हार्वेस्टर भी पहले की तुलना में कम आए हैं. जिसके चलते किसान की फसल खेत में ही तैयार खड़ी है और किसान काफी परेशान है.

मजदूर नहीं मिलने से किसान परेशान
बिसोनिया गांव के बृजलाल यादव बताते हैं कोरोना बीमारी के चलते मजदूर घरों से नहीं निकल रहे हैं. वहीं हर साल जो कटाई हार्वेस्टर से 450 से 500 रुपये बीघा लगती थी. जो इस बार 800 से 900 रुपए बीघा हो गई है. फिर भी इतने हार्वेस्टर मौजूद नहीं हैं, जिससे पूरे रकबे की फसल कट सके. ऐसे में जितने रकबा फसल अभी खड़ी हुई है. यदि समय पर फसल नहीं कटी तो गेहूं खेतों में ही झड़ जाएगा.


हरिपुर गांव के हरवीर बताते हैं फसल पूरी तरह पक चुकी है, आवारा मवेशी फसल में घुसकर नुकसान कर रहे हैं. लेकिन मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. जिससे अच्छी फसल आने के बाद भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं हार्वेस्टर मालिक हरभजन बताते हैं पटियाला से यहां आया हूं. लगभग 5 से 6 सालों से यहां कटाई करने आता हूं. लेकिन कोरोना की वजह से इस बार धंधा मंदा है. किसान भी परेशान हैं और महामारी के चलते फोरमैन भी नहीं मिल रहे हैं. किसी के पास जाते नहीं है तो ज्यादा बात नहीं कर पाते हैं, पैसे लेने में भी डर लगता है. एक गाड़ी पर हम चार लोग रहते हैं और 10000 का डीजल लग जाता है. लेकिन अभी तक केवल 200 बीघा की कटाई कर पाए हैं. जिससे काफी घाटा लग रहा है. अब जब तक धंधा होगा रुकेंगे फिर चले जाएंगे।

वहीं हार्वेस्टर मालिक गुरसेवक सिंह का कहना है कि कोरोना महामारी की वजह से धंधा कोई खास नहीं है. उन्होंंने प्रशासन से मांग की है कि स्पेयर पार्ट्स की दुकान 5 बजे की बजाय 7 बजे तक खोली जाए. साथ ही सारे देश में डीजल के एक दाम किए जाएं ताकि हमें व्यापार करने में आसानी हो सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.