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आर्थिक संटक से गुजर रहे लोगों पर बिजली बिल की मार, प्रशासन से लगाई मदद की गुहार - गुन्या न्यूज

अप्रैल 2019 की खपत काे आधार मान कर अप्रैल 2020 का बिजली बिल बनाने के मामले में सवाल उठने लगे हैं. शहर में लाेगाें के 20 गुना तक ज्यादा बिल आए हैं, जिससे उपभाेक्ताओं में ताे आक्राेश है.

Businessmen submitted memorandum against higher electricity bill in guna
बिजली बिल की मार
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Published : May 11, 2020, 7:44 PM IST

गुना। कोरोना महामारी के चलते लगे लंबे लॉकडाउन ने सभी वर्गों की आर्थिक कमर तोड़ कर रख दी है. वहीं अप्रैल 2019 की खपत काे आधार मान कर अप्रैल 2020 का बिजली बिल बनाने के मामले में सवाल उठने लगे हैं. शहर में लाेगाें के 20 गुना तक ज्यादा बिल आए हैं, जिससे उपभाेक्ताओं में ताे आक्राेश है. इस तरह से आ रहे बिजली बिल को लेकर शहर के लाइट, टेंट, डीजे कारोबारियों ने इसके विरोध में जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर आर्थिक मदद की गुहार लगाई है.

बिजली बिल की मार

इन दुकानदारों के अनुसार लॉकडाउन के कारण उनका पूरा सीजन चल गया है. अब ना तो किसी के प्रकार शादी समारोह हो रहे हैं या अन्य कोई कार्यक्रम. हालात ये हैं कि दुकान का किराया, बिजली का बिल, बच्चों की स्कूलों की फीस और यहां तक की परिवार का भरण-पोषण करना भी मुश्किल हो गया है. दुकानदारों के अनुसार ऐसे कठिन समय में शासन द्वारा अभी तक कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गई है. जबकि उनकी परिस्थितियां बहुत ही खराब है.

कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन से काम धंधे बंद होने के कारण छोटे-बड़े व्यवसाइयों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इसमें शादी-ब्याह के सीजन पर ज्यादा निर्भर रहने वाले लाइट डेकोरेशन, टेंट हाउस, डीजे, फोटोग्राफी, हलवाई आदि पेशे से जुड़े लोग ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. इनका पूरा सीजन चौपट होने के कारण इनके परिवारों के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

गुना। कोरोना महामारी के चलते लगे लंबे लॉकडाउन ने सभी वर्गों की आर्थिक कमर तोड़ कर रख दी है. वहीं अप्रैल 2019 की खपत काे आधार मान कर अप्रैल 2020 का बिजली बिल बनाने के मामले में सवाल उठने लगे हैं. शहर में लाेगाें के 20 गुना तक ज्यादा बिल आए हैं, जिससे उपभाेक्ताओं में ताे आक्राेश है. इस तरह से आ रहे बिजली बिल को लेकर शहर के लाइट, टेंट, डीजे कारोबारियों ने इसके विरोध में जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर आर्थिक मदद की गुहार लगाई है.

बिजली बिल की मार

इन दुकानदारों के अनुसार लॉकडाउन के कारण उनका पूरा सीजन चल गया है. अब ना तो किसी के प्रकार शादी समारोह हो रहे हैं या अन्य कोई कार्यक्रम. हालात ये हैं कि दुकान का किराया, बिजली का बिल, बच्चों की स्कूलों की फीस और यहां तक की परिवार का भरण-पोषण करना भी मुश्किल हो गया है. दुकानदारों के अनुसार ऐसे कठिन समय में शासन द्वारा अभी तक कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गई है. जबकि उनकी परिस्थितियां बहुत ही खराब है.

कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन से काम धंधे बंद होने के कारण छोटे-बड़े व्यवसाइयों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इसमें शादी-ब्याह के सीजन पर ज्यादा निर्भर रहने वाले लाइट डेकोरेशन, टेंट हाउस, डीजे, फोटोग्राफी, हलवाई आदि पेशे से जुड़े लोग ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. इनका पूरा सीजन चौपट होने के कारण इनके परिवारों के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

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