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पर्यावरण संरक्षण के लिए जैव विविधता प्रबंधन समिति ने शुरू की अनोखी पहल - Plantation on the banks of river Narmada

डिंडौरी की ग्राम पंचायत कलगीटोला की जैव विविधता प्रबंधन समिति, नर्मदा तटों के किनारे पर्यावरण संरक्षण के लिए लगातार काम कर रही है. समिति के द्वारा अब तक 7 हजार जड़ी बूटी सहित अन्य प्रजाति के पौधे नर्मदा नदी के किनारे प्लांटेशन कर लगाए है.

Plantation on the banks of river Narmada
नर्मदा नदी के किनारे प्लांटेशन
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Published : May 27, 2020, 6:25 PM IST

डिंडौरी। मेहदवानी जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत कलगीटोला की जैव विविधता प्रबंधन समिति, नर्मदा तटों के किनारे पर्यावरण संरक्षण के लिए लगातार काम कर रही है. कलगीटोला पंचायत की जैव विविधता प्रबंधन समिति के द्वारा अब तक 7 हजार जड़ी बूटी सहित अन्य प्रजाति के पौधे नर्मदा नदी के किनारे प्लांटेशन कर लगाए है. जिनमें कहुआ, आंवला, नीम, जामुन, आम, सीसम, गुरसकरी और साला वर शामिल है.

नर्मदा नदी के किनारे प्लांटेशन

जैव विविधता प्रबंधन समिति हर साल जुलाई से पौधरोपण का काम शुरू कर देती है. कलगीटोला ग्राम के बाबारोड, नर्मदा मार्ग में अब बांस की नर्सरी तैयारी की है. समिति के प्रभारी केशव मानिकपुरी ने कहा है कि, उनकी समिति लगातार 3 साल से पर्यावरण को बचाने के साथ- साथ संकटग्रस्त प्रजाति के पौधों को भी बचाने का काम कर रही है.

इसके लिए उनके द्वारा ग्राम पंचायत से राशि की मांग की गई है, लेकिन ग्राम पंचायत इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. समिति ने 625 पौधों के लिए 5 लाख रुपये के लगभग का इस्टीमेट तैयार कर पंचायत को दिया गया है, लेकिन पंचायत ने आज तक पैसे नहीं रिलीज किए.

डिंडौरी। मेहदवानी जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत कलगीटोला की जैव विविधता प्रबंधन समिति, नर्मदा तटों के किनारे पर्यावरण संरक्षण के लिए लगातार काम कर रही है. कलगीटोला पंचायत की जैव विविधता प्रबंधन समिति के द्वारा अब तक 7 हजार जड़ी बूटी सहित अन्य प्रजाति के पौधे नर्मदा नदी के किनारे प्लांटेशन कर लगाए है. जिनमें कहुआ, आंवला, नीम, जामुन, आम, सीसम, गुरसकरी और साला वर शामिल है.

नर्मदा नदी के किनारे प्लांटेशन

जैव विविधता प्रबंधन समिति हर साल जुलाई से पौधरोपण का काम शुरू कर देती है. कलगीटोला ग्राम के बाबारोड, नर्मदा मार्ग में अब बांस की नर्सरी तैयारी की है. समिति के प्रभारी केशव मानिकपुरी ने कहा है कि, उनकी समिति लगातार 3 साल से पर्यावरण को बचाने के साथ- साथ संकटग्रस्त प्रजाति के पौधों को भी बचाने का काम कर रही है.

इसके लिए उनके द्वारा ग्राम पंचायत से राशि की मांग की गई है, लेकिन ग्राम पंचायत इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. समिति ने 625 पौधों के लिए 5 लाख रुपये के लगभग का इस्टीमेट तैयार कर पंचायत को दिया गया है, लेकिन पंचायत ने आज तक पैसे नहीं रिलीज किए.

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