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बैगा जनजाति को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ, कलेक्टर से लगाई गुहार - बैगा जनजाति को नही मिल पा रहा लाभ

डिंडौरी में बैगा जनजाति के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ ना मिलने से ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में सुधार की गुहार लगाई है.

बैगा जनजाति को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ
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Published : Aug 28, 2019, 10:39 AM IST

Updated : Aug 28, 2019, 10:59 AM IST

डिंडौरी। आदिवासी जिले में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए बैगा जनजाति के लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर है. जिला कलेक्ट्रेट में तीन ऐसे बड़े मामले सामने आए जहां लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ न मिलने से परेशान होना पड़ रहा है.

बैगा जनजाति को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

पहला मामला-
भरवई गांव में जहां प्रधानमंत्री आवास का लाभ न मिलने से ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे. ग्रामीणों में मंगल सिंह ने बताया कि उनके गांव में लगभग 300 गरीब परिवार है जिनमे बैगा परिवार ज्यादा है, जिसमें महज 25 परिवारों को ही इसका लाभ दिया गया है.

दूसरा मामला-
बरनई गांन के नरेंद्र नेताम अपनी बेटी का अब तक 14 बार आधार कार्ड सुधरवा चुके है बावजूद इसके उनके जन्मतिथि का सुधार नहीं किया गया है. जिसके चलते अब उन्होने जिला कलेक्टर से सुधार की गुहार लगाई है.

तीसरा मामला-
खारीडीह गांव में सरकार के द्वारा बैगा महिला मुखियाओं को मिलने वाली 1000 रुपए की राशि नहीं मिल पा रही है. इसके लिए बैगा महिलाएं बीते 4 माह से सरकारी विभाग के चक्कर काटने को मजबूर है. वहीं अधिकारी जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों का हवाला देकर उन्हें लौटा देते है.

डिंडौरी। आदिवासी जिले में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए बैगा जनजाति के लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर है. जिला कलेक्ट्रेट में तीन ऐसे बड़े मामले सामने आए जहां लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ न मिलने से परेशान होना पड़ रहा है.

बैगा जनजाति को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

पहला मामला-
भरवई गांव में जहां प्रधानमंत्री आवास का लाभ न मिलने से ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे. ग्रामीणों में मंगल सिंह ने बताया कि उनके गांव में लगभग 300 गरीब परिवार है जिनमे बैगा परिवार ज्यादा है, जिसमें महज 25 परिवारों को ही इसका लाभ दिया गया है.

दूसरा मामला-
बरनई गांन के नरेंद्र नेताम अपनी बेटी का अब तक 14 बार आधार कार्ड सुधरवा चुके है बावजूद इसके उनके जन्मतिथि का सुधार नहीं किया गया है. जिसके चलते अब उन्होने जिला कलेक्टर से सुधार की गुहार लगाई है.

तीसरा मामला-
खारीडीह गांव में सरकार के द्वारा बैगा महिला मुखियाओं को मिलने वाली 1000 रुपए की राशि नहीं मिल पा रही है. इसके लिए बैगा महिलाएं बीते 4 माह से सरकारी विभाग के चक्कर काटने को मजबूर है. वहीं अधिकारी जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों का हवाला देकर उन्हें लौटा देते है.

Intro:एंकर _ आदिवासी जिला डिंडौरी में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए ग्रामीण किस तरह से जद्दोजहद करते है इसकी बानगी जिला कलेक्ट्रेट में लगने वाली जनसुवाई में दिखाई दिया। जहाँ अलग अलग जनपद क्षेत्रो से पहुँचे ज्यादातर बैगा जनजाति के लोग सरकार की योजना ने मिलने से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर है।


Body:वि ओ 01 जिला कलेक्ट्रेट में तीन ऐसे बड़े मामले सामने आए जहाँ लोगो को शासकीय योजनाओं का लाभ न मिलने से परेशान होना पड़ रहा है।

पहला मामला _ जनसुनवाई में पहला मामला भरवई ग्राम का सामने आया जहाँ प्रधानमंत्री आवास का लाभ न मिलने दर्जनों ग्रामीण महिला पुरुष कलेक्ट्रेट पहुँचे।ग्रामीणों में मंगल सिंह ने बताया कि उनके ग्राम भरवई में लगभग 300 अति गरीब और गरीब परिवार है जिसमें महज 25 परिवारों को ही इसका लाभ दिया गया है जबकि 2011 के सर्वे में उन परिवारों का नाम भी शामिल है। जिनमे बैगा परिवार ज्यादा है।

दूसरा मामला _ जनसुनवाई में दूसरा मामला बरनई गाँव का सामने आया है जहाँ के निवासी नरेंद्र नेताम अपनी बेटी हिमांशी नेताम के लिए अब तक 14 बार आधार कार्ड सुधरवा चुके है बावजूद इसके उनके जन्मतिथि का सुधार नही किया गया है।नरेंद्र नेताम अपनी बच्ची का आधार कार्ड सुधार के लिए करंजिया,गोरखपुर, डिंडौरी,कुकर्रामठ गाँव के चक्कर काट चुका है जहां अब उसे जिला कलेक्टर से सुधार की गुहार लगाई है।

तीसरा मामला _ वही जिला कलेक्ट्रेट में तीसरा मामला खारीडीह ग्राम का सामने आया है जहाँ के सरपंच मधुवन सिंह धुर्वे के साथ लगभग 200 बैगा महिलाओ ने कलेक्ट्रेट में डेरा डाले रखा। बैगा महिला को सरकार के द्वारा बैगा महिला मुखियाओं को मिलने वाली 1000 रुपए की राशि नही मिल पा रही है।इसके लिए बैगा महिलाए बीते 4 माह से सरकारी विभाग के चक्कर काटने को मजबूर है।वही अधिकारी जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजो का हवाला देकर उन्हें लौटा देते है।


Conclusion:बाइट 01 _ मंगल सिंह बैगा, ग्राम भरवई

बाइट 02 _ नरेंद्र नेताम, हिमांशी छात्रा के पिता

बाइट 03 मधुवन सिंह धुर्वे,सरपंच खारीडीह
Last Updated : Aug 28, 2019, 10:59 AM IST
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