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बच्चों के लिए मुसीबत बनी 'स्कूल चले हम' योजना - dindori

प्रदेश सहित जिले भर में स्कूल चले हम अभियान के तहत छात्र-छात्राओं को साइकिलें बांटी जानी है. लेकिन सरकार ने जिस फर्म को उसका ठेका दिया है वो बनी बनाई साइकिल न लाकर साइकिल के पुर्जे जिले में भेज रहे हैं.

बच्चों के लिए मुसीबत बनीं 'स्कूल चले हम' योजना
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Published : Jul 23, 2019, 5:29 PM IST

डिंडौरी| आदिवासी जिला डिंडौरी में शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते छात्र-छात्राएं खासे परेशान हैं. प्रदेश सरकार की योजना अब बच्चों के लिए मुसीबत बनती जा रही है. इन दिनों प्रदेश सहित जिले भर में स्कूल चले हम अभियान के तहत छात्र-छात्राओं को साइकिलें बांटी जानी है. लेकिन सरकार ने जिस कंपनी को उसका ठेका दिया है वो बनी बनाई साइकिल न देकर,साइकिल के पुर्जे जिले में भेज रहे हैं.

इन साइकिलों को तैयार करने के लिए कारीगर भी दूसरे राज्य से बुलाए गए हैं. अब आलम ये है कि डिंडौरी जिले के सातों विकास खंडों में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जहां जगह मिली उन्होंने साइकिल वहीं रखवा दी. साइकिलों को तैयार करने में कारीगरों को महीनों लग रहे हैं. जिन से निकलने वाली आवाज से स्कूल और छात्रावास सभी जगह के बच्चे और शिक्षक परेशान हैं.

बच्चों के लिए मुसीबत बनीं 'स्कूल चले हम' योजना

जनसुनवाई में दो दर्जन छात्र स्कूल ना जाकर कलेक्ट्रेट पहुंचे. उत्कृष्ट विद्यालय डिंडौरी में पढ़ने वाले छात्रों की ये समस्या है कि उनके हॉस्टल के बाहर और अंदर साइकिलें रख दी गई हैं. जिससे तैयार कर रहे कारीगरों द्वारा आवाज आती है. उन्हें पढ़ाई में परेशानी हो रही है.

वहीं ऐसा ही मामला मनमानी जनपद क्षेत्र के उत्कृष्ट विद्यालय में भी देखने को मिला जहां हजारों की संख्या में साइकिलें उत्कृष्ट स्कूल कैंपस के अंदर तैयार की जा रही हैं. यही नहीं साइकिलों के पार्ट्स बच्चों के शौचालय में रख दिए गए हैं. जिससे उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

डिंडौरी| आदिवासी जिला डिंडौरी में शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते छात्र-छात्राएं खासे परेशान हैं. प्रदेश सरकार की योजना अब बच्चों के लिए मुसीबत बनती जा रही है. इन दिनों प्रदेश सहित जिले भर में स्कूल चले हम अभियान के तहत छात्र-छात्राओं को साइकिलें बांटी जानी है. लेकिन सरकार ने जिस कंपनी को उसका ठेका दिया है वो बनी बनाई साइकिल न देकर,साइकिल के पुर्जे जिले में भेज रहे हैं.

इन साइकिलों को तैयार करने के लिए कारीगर भी दूसरे राज्य से बुलाए गए हैं. अब आलम ये है कि डिंडौरी जिले के सातों विकास खंडों में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जहां जगह मिली उन्होंने साइकिल वहीं रखवा दी. साइकिलों को तैयार करने में कारीगरों को महीनों लग रहे हैं. जिन से निकलने वाली आवाज से स्कूल और छात्रावास सभी जगह के बच्चे और शिक्षक परेशान हैं.

बच्चों के लिए मुसीबत बनीं 'स्कूल चले हम' योजना

जनसुनवाई में दो दर्जन छात्र स्कूल ना जाकर कलेक्ट्रेट पहुंचे. उत्कृष्ट विद्यालय डिंडौरी में पढ़ने वाले छात्रों की ये समस्या है कि उनके हॉस्टल के बाहर और अंदर साइकिलें रख दी गई हैं. जिससे तैयार कर रहे कारीगरों द्वारा आवाज आती है. उन्हें पढ़ाई में परेशानी हो रही है.

वहीं ऐसा ही मामला मनमानी जनपद क्षेत्र के उत्कृष्ट विद्यालय में भी देखने को मिला जहां हजारों की संख्या में साइकिलें उत्कृष्ट स्कूल कैंपस के अंदर तैयार की जा रही हैं. यही नहीं साइकिलों के पार्ट्स बच्चों के शौचालय में रख दिए गए हैं. जिससे उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

Intro:एंकर _ आदिवासी जिला डिंडौरी में शिक्षा तंत्र की लापरवाह व्यवस्था से जिले के नौनिहाल खासे परेशान हैं । प्रदेश सरकार की योजना ही अब उन बच्चों के लिए मुसीबत बनती नजर आ रही है । इन दिनों प्रदेश सहित जिले भर में स्कूल चले हम अभियान के तहत छात्र छात्राओं को साइकिलें बांटी जानी है। लेकिन सरकार ने जिस फर्म को उसका ठेका दिया है वह बनी बनाई साइकिल ना लाकर कल पुर्जे जिले में भेज रहे हैं।जिससे छात्रों को खासी परेशानी हो रही है।


Body:वि ओ 01 _ जिन को तैयार करने के लिए कारीगर भी दूसरे राज्य से बुलाए गए हैं अब आलम यह है कि डिंडोरी जिले के सातों विकास खंडों में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जहां जगह पाई वहां साइकिल रखवा दिया अब साइकिलें 12 हो तो बच्चे सहन भी कर ले लेकिन यह क्या हजारों की तादात में साइकिल ओं को तैयार करने में कारीगरों को महीनों लग रहे हैं जिन से निकलने वाली आवाज से क्या स्कूल क्या छात्रावास सभी जगह के बच्चे और शिक्षक परेशान है

वि ओ 02_ ताजा मामला डिंडोरी कलेक्ट्रेट का है जहां जनसुनवाई में 2 दर्जन छात्र स्कूल ना जाकर कलेक्ट्रेट पहुंचे उत्कृष्ट विद्यालय डिंडोरी में पढ़ने वाले छात्रों की यह समस्या है कि उनकी छात्रावास के बाहर और अंदर साइकिलें रख दी गई हैं जिससे तैयार कर रहे कारीगरों द्वारा आवाज आती है जिससे उन्हें पढ़ाई में परेशानी हो रही है जबकी साइकिल तैयार करने का काम दिन रात चल रहा है। छात्र आनंद विद्या का कहना है कि उनके छात्रावास में 4 कमरे हैं जिसमें एक कमरा कार्यालय के लिए रख दिया गया है तो दूसरा स्कूल साइकिल बनाने वालों के लिए।

वि ओ 03 _ ठीक इसी तरह का मामला मनमानी जनपद क्षेत्र के उत्कृष्ट विद्यालय में भी देखने को मिला जहां हजारों की संख्या में साइकिलें उत्कृष्ट स्कूल कैंपस के अंदर तैयार की जा रही हैं यही नहीं साइकिलों के पार्ट्स बच्चों के शौचालय में ही रख दिए गए हैं जिससे उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है बहरहाल सरकार के इस व्यवस्था से शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौन धारण किए हुए हैं


Conclusion:बाइट 01 आनंद बेलिया,छात्र
बाइट 02 राघवेंद्र मिश्रा, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी,डिंडौरी
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