ETV Bharat / state

डिंडौरी से आए चौकाने वाले आंकड़े, 100 में से केवल 55 प्रतिशत लोग कर रहे शौचालय का इस्तेमाल - etv bharat

डिंडौरी जिलें में खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए शासन और प्रशासन लाख कोशिश कर रहा है, लेकिन जागरुकता की कमी के कारण लोगआज भी खुले में शौच करते हुए पाए जाते हैं.

डिंडौरी में स्वच्छ भारत अभियान की हकीकत
author img

By

Published : Oct 3, 2019, 12:03 PM IST

Updated : Oct 3, 2019, 1:57 PM IST

डिंडौरी। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार ने भले ही देश को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया हो. लेकिन डिंडौरी जिले में जमीनी स्तर की तस्वीरें कुछ और ही हकीकत बयां करती हैं. जिले के प्रशासनिक अधिकारियों लोगों को जागरुक करने के भरकस प्रयास किेए हैं. लेकिन अब भी कई गांव के लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं. ईटीवी भारत ने जब जिले के शहपुरा जनपद की पड़ताल करने पहुंचा तो लोग खुले में शौच करते हुए पाए गए.

डिंडौरी जिलें में 100 में से केवल 55 प्रतिशत लोग कर रहे शौचालय का इस्तेमाल

आदिवासी जिला होने के कारण यहां के सातों विकासखंड में अधिकतर जंगली इलाकों में बैगा जनजाति निवास करती है. यहां प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती शौचालय बनाना था. लेकिन जैसे तैसे प्रशासन ने शौचालय बना तो दिए पर लोगों में आज भी जागरुकता की कमी के कारण वह खुले में ही शौच कर रहे हैं. आकड़ों की माने तो 100 प्रतिशत में 55 प्रतिशत लोग शौचालय का उपयोग करते हैं.

ऐसा ही हाल शहपुरा नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नं तीन का है. वार्ड के निवासी लक्ष्मण और तेजी लाल से बात की गई तो उन्होंने बेझिझक ईटीवी भारत से बताया कि वे और उनके परिवार सहित आसपास के लोग भी शौचालय न बनने के कारण खुले मैदान में जाने को मजबूर हैं. शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक भूपेंद्र मरावी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पूर्व की सरकार में शौचालयो का निर्माण घटिया कराया गया था और कई गांवों में तो निर्माण की राशि भी नहीं दी गई है.

डिंडौरी। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार ने भले ही देश को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया हो. लेकिन डिंडौरी जिले में जमीनी स्तर की तस्वीरें कुछ और ही हकीकत बयां करती हैं. जिले के प्रशासनिक अधिकारियों लोगों को जागरुक करने के भरकस प्रयास किेए हैं. लेकिन अब भी कई गांव के लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं. ईटीवी भारत ने जब जिले के शहपुरा जनपद की पड़ताल करने पहुंचा तो लोग खुले में शौच करते हुए पाए गए.

डिंडौरी जिलें में 100 में से केवल 55 प्रतिशत लोग कर रहे शौचालय का इस्तेमाल

आदिवासी जिला होने के कारण यहां के सातों विकासखंड में अधिकतर जंगली इलाकों में बैगा जनजाति निवास करती है. यहां प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती शौचालय बनाना था. लेकिन जैसे तैसे प्रशासन ने शौचालय बना तो दिए पर लोगों में आज भी जागरुकता की कमी के कारण वह खुले में ही शौच कर रहे हैं. आकड़ों की माने तो 100 प्रतिशत में 55 प्रतिशत लोग शौचालय का उपयोग करते हैं.

ऐसा ही हाल शहपुरा नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नं तीन का है. वार्ड के निवासी लक्ष्मण और तेजी लाल से बात की गई तो उन्होंने बेझिझक ईटीवी भारत से बताया कि वे और उनके परिवार सहित आसपास के लोग भी शौचालय न बनने के कारण खुले मैदान में जाने को मजबूर हैं. शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक भूपेंद्र मरावी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पूर्व की सरकार में शौचालयो का निर्माण घटिया कराया गया था और कई गांवों में तो निर्माण की राशि भी नहीं दी गई है.

Intro:एंकर _ स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत खुले में शौच मुक्त जिला बनाने के लिए जिला से लेकर जनपद स्तर के अधिकारी और कर्मचारियों ने ग्राम पंचायत तक भरसक प्रयास किया।लेकिन प्रशासन को जिले के हालात सुधारने में अभी बहुत समय लगेगा।लोगो को खुले में शौच करने से रोकने के लिए सुबह उठ कर अधिकारियों ने जागरूक तक करने का प्रयास किया था ।लेकिन खुले में आज भी शौच जारी है कारणों की वजह जानने के लिए जब हम शहपुरा जनपद क्षेत्र का मुआयना किया और आम जनता सहित क्षेत्रीय विधायक से बात की तो वजह निकल कर सामने आई।


Body:वि ओ 01 डिंडौरी जिले में सात विकासखंड है जिनमे डिंडौरी,समनापुर,शाहपुरा,करंजिया,बजाग,मेहदवानी,अमरपुर शामिल है। जिले के सात विकासखंडों में आदिवासी सहित बैगा जनजाति के लोग अधिकांश तौर पर ऊपरी और पहाड़ी इलाको में पूर्वजो से निवासरत है।वही समनापुर,बजाग,अमरपुर ऐसे जंगली इलाके है जहाँ आदिवासी और बैगा परिवार ज्यादातर रहते है।इन इलाको पर जिला प्रशासन को शौचालय बनाना एक चुनोती थी और उससे भी बड़ा काम बने शौचालयों का उपयोग करना। युवा जनप्रतिनिधि ननकू सिंह की माने तो कई जगहों पर शौचालय घटिया तैयार किये गए तो कई शौचालयों का उपयोग नही किया जा रहा है।आकड़ो की माने तो 100 प्रतिशत में 55 प्रतिशत लोग शौचालय का उपयोग करते है और बाकी खुले में शौच।

वि ओ 02 इसी तरह से जब शहपुरा नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नं 3 का मुआयना किया गया तो हालात बेहद खराब नजर आए।वार्ड में सुअरों की बढ़ती तादात देख गंदगी का सहज की अंदाजा लगाया जा सकता है।वही वार्ड के निवासी लक्ष्मण और तेजी लाल से बात की गई तो उन्होंने बेझिझक ईटीवी भारत से बताया कि वे और उनके परिवार सहित आसपास के लोग भी शौचालय न बनने के कारण खुले मैदान में जाने को मजबूर है।इनमें इन परिवारों की महिलाएं भी शामिल है।वही गंदगी फैलने की बात को स्वीकार करते हुए दोनों ने बताया कि वे करे भी तो क्या !

वि ओ 03 वही शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक भूपेंद्र मरावी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पूर्व की सरकार में शौचालयो का निर्माण घटिया कराया गया था और कई गाँवो में तो निर्माण की राशि तक लोगो को नही दी जा सकी है। अब जब इलाके के विधायक ही यह बात स्वीकार कर रहे है तो जिले में ओ डी एफ की स्थिति का कागजो में दौड़ना लाजमी है।


Conclusion:बाइट 01 ननकू सिंह परस्ते,युवा जनप्रतिनिधि
बाइट 02 सुखदेव सिंह,ग्रामीण
बाइट 03 लक्षमण यादव,निवासी वार्ड नं 3 शहपुरा
बाइट 04 तेजीलाल ,निवासी वार्ड नं 3 शहपुरा
बाइट 05 भूपेंद्र मरावी, शहपुरा विधायक
Last Updated : Oct 3, 2019, 1:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.