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ठाठ-बाट के साथ यूपी से एमपी पहुंचे 8 बाबाओं की खुली पोल, प्रशासन को गुमराह करने का आरोप

बीती रात रेस्ट हाउस पहुंचे 8 बाबाओं को झूठ बोलना मंहगा पड़ गया. पुलिस इन बाबाओं को अपने साथ कोतवाली ले गयी जहां उनसे पूछताछ की जा रही है. वीवीआईपी वाहन से डिंडौरी रेस्ट हाउस पहुंचे इन बाबाओं ने रूतबा दिखाते हुये कलेक्टर से एक तहसीलदार की मांग की थी, जो उनके खाने-पीने और रुकने की व्यवस्था करे.

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Published : Mar 12, 2019, 10:45 AM IST

डिंडौरी। बीती रात रेस्ट हाउस पहुंचे 8 बाबाओं को झूठ बोलना मंहगा पड़ गया. पुलिस इन बाबाओं को अपने साथ कोतवाली ले गयी जहां उनसे पूछताछ की जा रही है. वीवीआईपी वाहन से डिंडौरी रेस्ट हाउस पहुंचे इन बाबाओं ने रूतबा दिखाते हुये कलेक्टर से एक तहसीलदार की मांग की थी, जो उनके खाने-पीने और रुकने की व्यवस्था करे.

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रेस्ट हाउस पहुंचते ही बाबाओं ने बताया था कि वह लालबहादुर शास्त्री अकादमी से आये हैं. इसी बीच कलेक्टर सुरभि गुप्ता के पास फोन आया कि कुछ लोग अमरकंटक जाने के दौरान रेस्ट हाउस में रूकेंगे. जिसके बाद कलेक्टर ने एसडीएम को उन लोगों की जानकारी देते हुये निर्देशित भी किया था. जब यह 8 बाबा रेस्ट हाउस पहुंचे तो प्रशासन को उनकी बातचीत और वेशभूषा पर शक हुआ, अधिकारियों ने उनसे सख्ती से पूछताछ की और दिल्ली से जानकारी ली तो बाबाओं की सभी बातें झूठी निकलीं.


इन बाबाओं में प्रोफेसर मधु सूदन स्वामी अपने आप को लाल बहादुर अकेडमी का प्रोफेसर बता रहा था. जो जांच के दौरान झूठ साबित हुआ. जिन वाहनों से बाबा वहां पहुंचे थे, वह उत्तरप्रदेश के आगरा आरटीओ में रजिस्टर्ड है. एक लग्जरी वाहन में फर्जी स्टीकर लगा था, जिसमें लालबहादुर शास्त्री भवन लिखा हुआ था, जिसे उत्तर प्रदेश के मुख्य स्वागत अधिकारी द्वारा जारी किया गया था. इधर, मौके पर कोतवाली पहुंचीं कलेक्टर ने बताया कि बाबाओं ने प्रशासन को गुमराह किया है, जिन पर जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

डिंडौरी। बीती रात रेस्ट हाउस पहुंचे 8 बाबाओं को झूठ बोलना मंहगा पड़ गया. पुलिस इन बाबाओं को अपने साथ कोतवाली ले गयी जहां उनसे पूछताछ की जा रही है. वीवीआईपी वाहन से डिंडौरी रेस्ट हाउस पहुंचे इन बाबाओं ने रूतबा दिखाते हुये कलेक्टर से एक तहसीलदार की मांग की थी, जो उनके खाने-पीने और रुकने की व्यवस्था करे.

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रेस्ट हाउस पहुंचते ही बाबाओं ने बताया था कि वह लालबहादुर शास्त्री अकादमी से आये हैं. इसी बीच कलेक्टर सुरभि गुप्ता के पास फोन आया कि कुछ लोग अमरकंटक जाने के दौरान रेस्ट हाउस में रूकेंगे. जिसके बाद कलेक्टर ने एसडीएम को उन लोगों की जानकारी देते हुये निर्देशित भी किया था. जब यह 8 बाबा रेस्ट हाउस पहुंचे तो प्रशासन को उनकी बातचीत और वेशभूषा पर शक हुआ, अधिकारियों ने उनसे सख्ती से पूछताछ की और दिल्ली से जानकारी ली तो बाबाओं की सभी बातें झूठी निकलीं.


इन बाबाओं में प्रोफेसर मधु सूदन स्वामी अपने आप को लाल बहादुर अकेडमी का प्रोफेसर बता रहा था. जो जांच के दौरान झूठ साबित हुआ. जिन वाहनों से बाबा वहां पहुंचे थे, वह उत्तरप्रदेश के आगरा आरटीओ में रजिस्टर्ड है. एक लग्जरी वाहन में फर्जी स्टीकर लगा था, जिसमें लालबहादुर शास्त्री भवन लिखा हुआ था, जिसे उत्तर प्रदेश के मुख्य स्वागत अधिकारी द्वारा जारी किया गया था. इधर, मौके पर कोतवाली पहुंचीं कलेक्टर ने बताया कि बाबाओं ने प्रशासन को गुमराह किया है, जिन पर जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Intro:एंकर _ आदिवासी जिला डिंडौरी में उस समय अफरा तफरी मच गई जब पंजाब और उत्तरप्रदेश पासिंग वीवीआईपी वाहन से 8 बाबा रेस्ट हाउस डिंडौरी पहुँचे।डिंडौरी रेस्ट हाउस पहुँचने के बाद अपना रुतबा दिखाते हुए बाबाओ ने डिंडौरी कलेक्टर से तहसीलदार की मांग की जो उनके खाने पीने का इंतजाम करता।लेकिन बाबाओ की हेडकी ज्यादा देर नही चल पाई और बाबाओ का काफिला पहुँचा दिया गया डिंडौरी कोतवाली।जहाँ देर रात बाबाओ से पूछताछ के लिए खुद कलेक्टर डिंडौरी सुरभि गुप्ता और एसपी मांगी लाल सोलंकी को आना पड़ा। मामला हाई प्रोफाइल जुड़ता देख प्रशासन और पुलिस ने जांच जारी रखा है।


Body:वि ओ 01 _ कलेक्टर डिंडौरी सुरभि गुप्ता की माने तो उन्हें कुछ दिन पहले लाल बहादुर शास्त्री भवन दिल्ली से फ़ोन आया था कि कुछ लोग अमरकंटक जाने के दौरान रेस्ट हाउस में रुकेंगे।जिस पर डीएम डिंडौरी ने एसडीएम को निर्देशित किया था।लेकिन 2019 के लोकसभा के चलते पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है जिसके बाद हर आने जाने वालों पर नजर रखी जा रही थी।बाबाओ के वेश भूषा को देख प्रशासन के लोगो को कुछ शंका हुई जिसके बाद नाम और जगह की जानकारी जुटाई गई जो सिरे से झूठी निकली।दरअसल डीएम डिंडौरी सुरभि गुप्ता ने जब बाबा से बात की जो खुद को प्रोफेसर मधु सूदन स्वामी बता रहे थे और लाल बहादुर शास्त्री अकेडमी के प्रोफेसर बताए गए कि पड़ताल शुरू की तो मामला पहली बार मे ही फर्जी निकला । वही कलेक्टर ने बताया कि उत्तरप्रदेश पासिंग का वाहन आगरा आरटीओ में रजिस्टर्ड है।जिसके बाद कलेक्टर ने बाबा के साथ आये एक छोटे बच्चे से पुछताछ की तो उसने भी कलेक्टर को गुमराह करने वाली बात बताई । इसके बाद से कलेक्टर का शक सही निकला और बाबाओ की टीम जो अपने लक्जरी वाहन फर्जी स्टीकर लगाकर डिंडौरी पहुँचे थे कोतवाली डिंडौरी के हवाले कर दिया।जिस लक्जरी काली कार में कथित बाबा मधु सूदन सवार थे उसमे एक स्टिकर लगा हुआ था जिसमे श्री लालबहादुर शास्त्री भवन लिखा हुआ था और उसे उत्तर प्रदेश के मुख्य स्वागत अधिकारी के द्वारा जारी किया गया था।जिसका क्रम संख्या 0288 है वही दूसरा वाहन पीबी 12 एच 0333 था।

वि ओ 02 _ गौरतलब है कथित बाबा प्रोफेसर मधु सूदन स्वामी जिनके साथ मध्यप्रदेश के सतना जिले निर्भय नंद महाराज भी डिंडौरी पहुँचे थे जब मीडिया ने उनसे रेस्ट हाउस में रुकने की अनुमति पूछी तो उनका साफ कहना था कि उनके पास कोई अनुमति नही है वे लोग कथित प्रोफेसर बाबा मधु सूदन स्वामी के साथ डिंडौरी किसी संत के अंतिम दर्शन के लिए पहुँचे थे।

वि ओ 03 _ बहरहाल मामला हाई प्रोफाइल होने के चलते पुलिस अभी कुछ भी बताने से साफ इंकार कर रही है वही आठो बाबाओ से सख्ती से पूछताछ कर रही है।बाकी 6 बाबा कहा के रहने वाले है क्या नाम है और बच्चा उनके साथ कैसे पहुँचा सभी मामलों की जांच में जुट गई है।वही कलेक्टर की माने तो 8 बाबाओ के ऊपर फ्राड करने का मामला दर्ज किया जा रहा है।जिसके मुख्य सरगना कथित बाबा प्रोफेसर मधु सूदन स्वामी है।


Conclusion:बाइट _ सुरभि गुप्ता _ कलेक्टर डिंडौरी
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