छतरपुर: मध्य प्रदेश की रहने वाली सोलो साइकिलिस्ट आशा मालवीय बुंदेलखंड के छतरपुर पहुंच गई हैं. यहां से वे अब पन्ना होते हुए आगे की यात्रा पर रवाना होंगी. आशा महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण का संदेश देने के लिए 26 हजार किलोमीटर की यात्रा पर निकली हैं. उनकी यह यात्रा देश के सभी 28 राज्यों से होते हुए नई दिल्ली में समाप्त होगी. अभी तक वे 16 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुकी हैं.
युवाओं और महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं आशा
आशा मालवीय ने अपनी यह यात्रा कारगिल विजय दिवस के रजत जयंती के अवसर पर शुरू की थी. उन्होंने यह यात्रा भारतीय सेना की वीरता अदम्य शौर्य व साहस का जश्न मनाने और युवाओं व महिलाओं को सुरक्षा और सशक्तिकरण का संदेश देने के लिए शुरू की है. राजगढ़ जिले की ग्राम नाटाराम निवासी सोलो साइकिलिस्ट व एथलीट आशा ने यात्रा की शुरुआत कन्याकुमारी से की थी, जो देश के 28 राज्यों के 26 हजार किलोमीटर का सफर पूरा करते हुए देश की राजधानी नई दिल्ली में समाप्त होगी.
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16 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी
छतरपुर पहुंचने पर कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने आशा को प्रशंसा पत्र सौंपते हुए उनके इस काम की सराहना की और आगे की जर्नी के लिए शुभकामनाएं दी. आशा मालवीय ने बताया कि "लगभग 26 हजार किमी की यह यात्रा कन्याकुमारी से कारगिल-सियाचिन होते हुए दिल्ली तक जाएगी. जिसमें से अभी तक मैंने 16 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली है." उन्होंने बताया कि इससे पहले भी वे पूरे भारत में साइकिल से 26 हजार किलोमीटर की यात्रा कर चुकीं हैं.