डिंडोरी। मध्य प्रदेश के आदिवासी जिले डिंडोरी में बड़ा बीज घोटाला सामने आया है (Gram seed Scam in Dindori District). डिंडोरी जिले में कृषि विभाग ने ग्राम सेवकों के माध्यम से टरफा योजना के अंतर्गत धरती पुत्रों को कागजों में चना बीज बांट दिया है. इसका बड़ा खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट रूपभान पारासर ने कृषि विभाग से पहले RTI के माध्यम से दस्तावेज लेकर गांव गांव जाकर किसानों से मिलकर किया है. वर्ष 2021-22 में चना बीज वितरण घोटाला उजागर होने के बाद कृषि विभाग में अफरा-तफरी का माहौल है तो वही जांच की आंच में विभाग कब तक आता है देखना होगा.
किसानों को बंटे ही नहीं बीज: जिले के समनापुर जनपद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मोहदा की अगर बात की जाए तो कागजों में ग्राम सेवकों ने पंजीकृत सभी किसानों को बीज वितरित कर दिए, जब उस ग्राम में आरटीआई कार्यकर्ता रूपभान पारासर ने दस्तावेजों के साथ ग्रामीण किसानों से चर्चा की तो पता चला कि गाँव के लगभग 17 किसानों के नाम कृषि विभाग के दस्तावेजों में चना बीज प्राप्त की श्रेणी में अंकित किये गए पर जमीनी स्तर पर बंटे ही नहीं, किसानों ने बाजार से खरीद कर बीज खेतो में डाले थे, ऐसे में मोहदा ग्राम के किसानों ने जिला प्रशासन से बीज घोटाला करने वालों के खिलाफ जांच कर कठोर कार्रवाई की मांग की है.
बीज घोटाला उजागर, उच्चस्तरिय जांच की मांग: इसी तरह से वर्ष 2021-22 में ग्राम किकरझर निवासी किसान रामकुमार को 30 किलो चना बीज 1140 रु में मिला है, जबकि उन्होंने बताया कि उनके नाम के आगे 75 किलो बीज विभाग ने चढ़ाया हुआ है, सवाल यही है कि आखिर किसानों के नाम का चना बीज गया कहा. इस पूरे मामले में आरटीआई कार्यकर्ता रूपभान पारासर ने कहा है कि ''डिंडोरी जिले के 7 विकासखंडों लाखों रुपए खर्च कर उनके द्वारा बीज घोटाला उजागर किया गया है, जिसकी उच्चस्तरिय जांच किया जाना चाहिए''.