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गंभीर बीमारी से जूझ रहा है जय का बचपन, ईटीवी भारत ने मंत्री तक पहुंचाई गुहार

2 साल 4 महीने का मासूम जय बर्मन अपने परिवार के साथ डिंडोरी के समनापुर विकासखंड के ग्राम बम्हनी में रहता है. जय को चर्मरोग की एक गंभीर बीमारी है, जो इलाज के बाद भी नहीं सही हो रही. ईटीवी भारत ने प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमकार सिंह मरकाम को जय की परेशानी से अवगत कराया. उन्होंने अच्छे इलाज का भरोसा दिलाया है.

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Published : Nov 23, 2019, 12:10 AM IST

Updated : Nov 24, 2019, 12:01 AM IST

जय बर्मन

डिंडोरी। आज पूरा मध्यप्रदेश कुपोषण का दंश झेल रहा है. वहीं डिंडौरी जिले में भी एक मासूम ऐसा है जिसका बचपन लाइलाज गंभीर बीमारी से जूझ रहा है. एक ऐसी बीमारी जो मासूम और उसके परिवार को घुट-घुट कर जीने को मजबूर कर रही है. अपने इकलौते बेटे को कलेजे से लगाये मासूम की मां हर संभव इलाज के लिए डॉक्टरों के चक्कर काट चुकी है. लेकिन बेटे की बीमारी को कोई आराम नहीं मिला.

बीमारी से जूझ रहा है जय बर्मन

महज 2 साल 4 महीने का जय बर्मन अपने परिवार के साथ समनापुर विकासखंड के ग्राम बम्हनी में रहता है. जिसे चर्मरोग की थियोसिस नाम की गंभीर बीमारी है. इस बीमारी के चलते जय की स्किन काली पड़ती जा रही है, साथ ही काले दाने भी उठने लगे हैं.

जन्म के कुछ दिनों बाद हुई बीमारी

जय की मां रीना बर्मन ने बताया कि जय को जन्म के कुछ दिनों के बाद से ही यह बीमारी होने लगी थी. जिसके इलाज के लिए उसने कई अस्पताल और डॉक्टरों को दिखवाया, लेकिन आराम नहीं मिला. जय के शरीर में रह-रह कर खुजली होती है, जिससे वह खुजाता है और आराम नहीं मिलने पर बहुत रोता है. हाथो से खुजलाने के कारण उसका शरीर भी छिल जाता है.

थकहार जब रीना जिला चिकित्सालय के पोषण पुनर्वास केंद्र आई, तो उसे डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को गंभीर बीमारी है, जिसका इलाज होना संभव नहीं है. जय अभी पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती है जिसका आयुर्वेदिक इलाज चल रहा है.

मंत्री मरकान ने दिया मदद का भरोसा

मामले को जब ईटीवी भारत ने मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के संज्ञान में लाया तो उन्हें बच्चे का अच्छे से अच्छा इलाज करवाने का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि इस विषय मे प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात की जाएगी और जहां अच्छा इलाज होगा वहां कराया जाएगा.

ऐसे में ईटीवी भारत आशा करता है कि मासूम जय बर्मन को अच्छा इलाज मिले और उसका इस गंभीर बीमारी से पीछा छूट सके. ताकि वह भी और बच्चों की तरह अपना जीवन जी सके.

डिंडोरी। आज पूरा मध्यप्रदेश कुपोषण का दंश झेल रहा है. वहीं डिंडौरी जिले में भी एक मासूम ऐसा है जिसका बचपन लाइलाज गंभीर बीमारी से जूझ रहा है. एक ऐसी बीमारी जो मासूम और उसके परिवार को घुट-घुट कर जीने को मजबूर कर रही है. अपने इकलौते बेटे को कलेजे से लगाये मासूम की मां हर संभव इलाज के लिए डॉक्टरों के चक्कर काट चुकी है. लेकिन बेटे की बीमारी को कोई आराम नहीं मिला.

बीमारी से जूझ रहा है जय बर्मन

महज 2 साल 4 महीने का जय बर्मन अपने परिवार के साथ समनापुर विकासखंड के ग्राम बम्हनी में रहता है. जिसे चर्मरोग की थियोसिस नाम की गंभीर बीमारी है. इस बीमारी के चलते जय की स्किन काली पड़ती जा रही है, साथ ही काले दाने भी उठने लगे हैं.

जन्म के कुछ दिनों बाद हुई बीमारी

जय की मां रीना बर्मन ने बताया कि जय को जन्म के कुछ दिनों के बाद से ही यह बीमारी होने लगी थी. जिसके इलाज के लिए उसने कई अस्पताल और डॉक्टरों को दिखवाया, लेकिन आराम नहीं मिला. जय के शरीर में रह-रह कर खुजली होती है, जिससे वह खुजाता है और आराम नहीं मिलने पर बहुत रोता है. हाथो से खुजलाने के कारण उसका शरीर भी छिल जाता है.

थकहार जब रीना जिला चिकित्सालय के पोषण पुनर्वास केंद्र आई, तो उसे डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को गंभीर बीमारी है, जिसका इलाज होना संभव नहीं है. जय अभी पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती है जिसका आयुर्वेदिक इलाज चल रहा है.

मंत्री मरकान ने दिया मदद का भरोसा

मामले को जब ईटीवी भारत ने मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के संज्ञान में लाया तो उन्हें बच्चे का अच्छे से अच्छा इलाज करवाने का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि इस विषय मे प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात की जाएगी और जहां अच्छा इलाज होगा वहां कराया जाएगा.

ऐसे में ईटीवी भारत आशा करता है कि मासूम जय बर्मन को अच्छा इलाज मिले और उसका इस गंभीर बीमारी से पीछा छूट सके. ताकि वह भी और बच्चों की तरह अपना जीवन जी सके.

Intro:एंकर _कुपोषण एक ऐसा दंश है जिसकी जद में जो आया उसका जीवन अंधकार मय हो गया । आदिवासी जिला डिंडौरी में भी एक मासूम ऐसा है जिसका बचपन लाइलाज गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। एक ऐसी बीमारी जो रह रह कर मासूम के परिवार को घुट घुट कर जीने को मजबूर कर रही है।अपने एक लोते बेटे को कलेजे से लगाये मासूम की माँ हर संभव इलाज के लिए डॉक्टरों के चक्कर काट चुकी है।लेकिन बेटे की गंभीर बीमारी के चलते आराम नही लग पाया।वही जिला चिकित्सालय के पोषण पुनर्वास केंद्र में आने के बाद उसे डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को गंभीर बीमारी है जिसका इलाज होना संभव नही है ।सामाजिक सरोकार निभाते हुए वही मामले को जब ईटीवी भारत ने मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के संज्ञान में लाया तो उन्हें बच्चे का अच्छे से अच्छा ईलाज करवाने का भरोसा दिलाया।


Body:वि ओ 01 दरअसल पूरा कहानी जय बर्मन की है जो महज 2 वर्ष 4 माह का है।जय अपने परिवार के साथ समनापुर विकासखंड के ग्राम बम्हनी में रहता है।जिसे चर्मरोग की थियोसिस नामक गंभीर बीमारी है।इस बीमारी के चलते जय की स्किन काली पड़ती जा रही है और उसे काले दाने भी उठने लगे है।जय की माँ रीना बर्मन की माने तो उसे जन्म के कुछ दिनों के बाद से ही यह बीमारी होने लगी थी जिसके इलाज के लिए उसने कई अस्पताल और डॉक्टरों से दिखवाया लेकिन आराम नही लगा।रीना थकहार कर जिला अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में बीते 2 दिन पहले ही भर्ती कराया ।जहाँ जांच कर डॉक्टरों ने उसे यह बता दिया कि जय का इलाज नही हो सकता है।वही जय अभी पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती है जिसका आयुर्वेदिक इलाज चल रहा है।

जय की माँ की माने तो जय के शरीर मे रह रह कर खुजली होती है जिसे वह खुजाता है और आराम नही लगने पर बहुत रोता है।हाथो से खुजलाने के दौरान उंसका शरीर भी छिल भी जाता है।नन्हे से मासूम को असहनीय खुजली से जहाँ मसूम की आँखे भर आती है तो वही उसकी माँ भी रो पड़ती है।

वही इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत ने प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम से बात की तो मंत्री ने कहा कि बच्चे का अच्छे से अच्छा इलाज कराया जाएगा।इस विषय मे प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात की जाएगी और जहाँ अच्छा ईलाज होगा वहाँ कराया जाएगा ।


Conclusion:बाइट 01 रीना बर्मन, जय की मां
बाइट 02 ओमकार सिंह मरकाम,जनजातीय कार्य मंत्री,मप्र
Last Updated : Nov 24, 2019, 12:01 AM IST
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