डिंडोरी। आज पूरा मध्यप्रदेश कुपोषण का दंश झेल रहा है. वहीं डिंडौरी जिले में भी एक मासूम ऐसा है जिसका बचपन लाइलाज गंभीर बीमारी से जूझ रहा है. एक ऐसी बीमारी जो मासूम और उसके परिवार को घुट-घुट कर जीने को मजबूर कर रही है. अपने इकलौते बेटे को कलेजे से लगाये मासूम की मां हर संभव इलाज के लिए डॉक्टरों के चक्कर काट चुकी है. लेकिन बेटे की बीमारी को कोई आराम नहीं मिला.
महज 2 साल 4 महीने का जय बर्मन अपने परिवार के साथ समनापुर विकासखंड के ग्राम बम्हनी में रहता है. जिसे चर्मरोग की थियोसिस नाम की गंभीर बीमारी है. इस बीमारी के चलते जय की स्किन काली पड़ती जा रही है, साथ ही काले दाने भी उठने लगे हैं.
जन्म के कुछ दिनों बाद हुई बीमारी
जय की मां रीना बर्मन ने बताया कि जय को जन्म के कुछ दिनों के बाद से ही यह बीमारी होने लगी थी. जिसके इलाज के लिए उसने कई अस्पताल और डॉक्टरों को दिखवाया, लेकिन आराम नहीं मिला. जय के शरीर में रह-रह कर खुजली होती है, जिससे वह खुजाता है और आराम नहीं मिलने पर बहुत रोता है. हाथो से खुजलाने के कारण उसका शरीर भी छिल जाता है.
थकहार जब रीना जिला चिकित्सालय के पोषण पुनर्वास केंद्र आई, तो उसे डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को गंभीर बीमारी है, जिसका इलाज होना संभव नहीं है. जय अभी पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती है जिसका आयुर्वेदिक इलाज चल रहा है.
मंत्री मरकान ने दिया मदद का भरोसा
मामले को जब ईटीवी भारत ने मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के संज्ञान में लाया तो उन्हें बच्चे का अच्छे से अच्छा इलाज करवाने का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि इस विषय मे प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात की जाएगी और जहां अच्छा इलाज होगा वहां कराया जाएगा.
ऐसे में ईटीवी भारत आशा करता है कि मासूम जय बर्मन को अच्छा इलाज मिले और उसका इस गंभीर बीमारी से पीछा छूट सके. ताकि वह भी और बच्चों की तरह अपना जीवन जी सके.