डिंडौरी। सरकार लगातार शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कई प्रयास कर रही है. लेकिन उनके ही अधिकारी सरकार की योजनाओं पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं. जिले की अमरपुर में संचालित कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास का संचालन कई सालों से सामुदायिक केंद्र में हो रहा है. जहां छात्राओं को मूलभूत सुविधाएं न होने के कारण खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है. इसके बाद भी प्रशासन और जनप्रतिनिधी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
सामुदायिक केंद्र में चल रहा छात्रावास, नहीं मिल रहीं मूलभूत सुविधाएं - madhya pradesh news
अमरपुर में संचालित कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास का संचालन कई सालों से सामुदायिक केंद्र में हो रहा है. जहां छात्राओं को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है.
सामुदायिक केंद्र चल रहा छात्रावास
डिंडौरी। सरकार लगातार शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कई प्रयास कर रही है. लेकिन उनके ही अधिकारी सरकार की योजनाओं पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं. जिले की अमरपुर में संचालित कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास का संचालन कई सालों से सामुदायिक केंद्र में हो रहा है. जहां छात्राओं को मूलभूत सुविधाएं न होने के कारण खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है. इसके बाद भी प्रशासन और जनप्रतिनिधी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
Intro:डिंडोरी जिले के अमरपुर में 14 वर्षो से सामुदायिक भवन में हो रहा छात्रावास का संचालन, 2 कमरों में रह रही है 100 छात्राएं, मूलभूत सुविधा को तरसते छात्राएं, लाखो का छात्रावास भवन बनने के बाद हो गया खंडर, मामला कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास अमरपुर का
एंकर--डिंडोरी जिले के अमरपुर विकासखंड के अंतर्गत जनपद मुख्यालय अमरपुर में संचालित कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास की छात्राएं अपने नये छात्रावास भवन मैं जाने का सपना संजोए वर्षों से इंतजार कर रही है किंतु शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण लाखों रुपए की लागत से बने नए भवन में छात्रावास संचालित होने का सपना अभी भी पूरा नहीं हो पाया है. सरकारे तो बदली लेकिन क्षेत्र के हालात न बदल पाये।
Body:वीओ-1 छात्रावास अधीक्षिका के अनुसार कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास का संचालन सन 2005 से सामुदायिक केंद्र में हो रहा है ।जहां पर छात्राओं को रहने के लिए दो कमरे हैं जिनमें 100 छात्राएं रहती हैं ।अनुमान लगाया जा सकता है कि 2 कमरों में किस प्रकार 100 छात्राएं निवास करती होंगी और उन्हें कितनी विकट समस्याओं का सामना करना पड़ता होगा। छात्रावास में रहने वाली छोटी-छोटी बच्चियों ने बताया कि उन्हें जमीन पर बिस्तर लगा कर सोना पड़ता है क्योंकि छात्रावास में कमरे इतने बड़े नहीं हैं कि पलंग लगाया जा सके । प्रतिदिन शाम को बिस्तर लगाना और सुबह उन्हें सबको उठाकर हाल को खाली करना रोज का काम बन गया है। छात्राओं के उपयोग में आने वाली सामग्री जैसे बाल्टी पेटी स्कूली बैग किताबें रखने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं है।वर्तमान में संचालित छात्रावास सामुदायिक केंद्र में छात्राओं के लिए मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी शौचालय खेल मैदान का अत्यंत अभाव है ।हॉस्टल अधीक्षक और छात्राओं की मानें तो छात्राओं के लिए शौचालय की भी व्यवस्था पर्याप्त नहीं है जिस वजह से छात्राओं को नित्य क्रियाओं के लिए बाहर जाना पड़ता है।
वीओ--2 जनपद मुख्यालय अमरपुर से लगभग 1 किलोमीटर दूर अंदर ही में नए छात्रावास भवन का निर्माण विगत वर्षों में शासन के द्वारा कराया गया। लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी भवन अधूरा और अनुपयोगी साबित हो रहा है ।काफी लंबे समय से भवन खाली पड़ा है जिसकी कोई देख रहे थे करने वाला नहीं है परिणाम स्वरूप भवन जर्जर होते जा रहा है ।देखरेख के अभाव के कारण भवन के दरवाजे और खिड़कियां भी खराब होने लगी है ।बताया जाता है कि उक्त भवन में छात्रावास के संचालन के संबंध में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, संबंधित विभागों एवं जिला प्रशासन को भी कई बार आवेदन किया जा चुका है लेकिन वर्षों से बन रहा भवन आज भी अपूर्ण है।
Conclusion:बाइट - छात्रा
बाइट - होस्टल अधीक्षका
बाइट - जनपद अध्यक्ष मल्ली बाई
बाइट - विधायक भूपेंद्र मरावी
एंकर--डिंडोरी जिले के अमरपुर विकासखंड के अंतर्गत जनपद मुख्यालय अमरपुर में संचालित कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास की छात्राएं अपने नये छात्रावास भवन मैं जाने का सपना संजोए वर्षों से इंतजार कर रही है किंतु शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण लाखों रुपए की लागत से बने नए भवन में छात्रावास संचालित होने का सपना अभी भी पूरा नहीं हो पाया है. सरकारे तो बदली लेकिन क्षेत्र के हालात न बदल पाये।
Body:वीओ-1 छात्रावास अधीक्षिका के अनुसार कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास का संचालन सन 2005 से सामुदायिक केंद्र में हो रहा है ।जहां पर छात्राओं को रहने के लिए दो कमरे हैं जिनमें 100 छात्राएं रहती हैं ।अनुमान लगाया जा सकता है कि 2 कमरों में किस प्रकार 100 छात्राएं निवास करती होंगी और उन्हें कितनी विकट समस्याओं का सामना करना पड़ता होगा। छात्रावास में रहने वाली छोटी-छोटी बच्चियों ने बताया कि उन्हें जमीन पर बिस्तर लगा कर सोना पड़ता है क्योंकि छात्रावास में कमरे इतने बड़े नहीं हैं कि पलंग लगाया जा सके । प्रतिदिन शाम को बिस्तर लगाना और सुबह उन्हें सबको उठाकर हाल को खाली करना रोज का काम बन गया है। छात्राओं के उपयोग में आने वाली सामग्री जैसे बाल्टी पेटी स्कूली बैग किताबें रखने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं है।वर्तमान में संचालित छात्रावास सामुदायिक केंद्र में छात्राओं के लिए मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी शौचालय खेल मैदान का अत्यंत अभाव है ।हॉस्टल अधीक्षक और छात्राओं की मानें तो छात्राओं के लिए शौचालय की भी व्यवस्था पर्याप्त नहीं है जिस वजह से छात्राओं को नित्य क्रियाओं के लिए बाहर जाना पड़ता है।
वीओ--2 जनपद मुख्यालय अमरपुर से लगभग 1 किलोमीटर दूर अंदर ही में नए छात्रावास भवन का निर्माण विगत वर्षों में शासन के द्वारा कराया गया। लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी भवन अधूरा और अनुपयोगी साबित हो रहा है ।काफी लंबे समय से भवन खाली पड़ा है जिसकी कोई देख रहे थे करने वाला नहीं है परिणाम स्वरूप भवन जर्जर होते जा रहा है ।देखरेख के अभाव के कारण भवन के दरवाजे और खिड़कियां भी खराब होने लगी है ।बताया जाता है कि उक्त भवन में छात्रावास के संचालन के संबंध में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, संबंधित विभागों एवं जिला प्रशासन को भी कई बार आवेदन किया जा चुका है लेकिन वर्षों से बन रहा भवन आज भी अपूर्ण है।
Conclusion:बाइट - छात्रा
बाइट - होस्टल अधीक्षका
बाइट - जनपद अध्यक्ष मल्ली बाई
बाइट - विधायक भूपेंद्र मरावी