डिंडौरी। देश भर में कोरोना को लेकर काफी खौफ है, लोग कोरोना पॉजिटिव लोगों का बहिष्कार कर रहे हैं. इनमें से सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग के लोग शामिल हैं, जिन्हें शक की निगाह से देखा जा रहा है. जगह-जगह से आए लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें उनके घर भेजा जा रहा है, लेकिन गांव पहुंचने के बाद मजदूरों से बुरा बर्ताव ग्रामीणों के द्वारा किया जा रहा है, जिसके चलते उनकी परेशानी और भी बढ़ गई है. ताजा मामला डिंडौरी जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत चिचरिंगपुर से सामने आया है, जहां धार से लौटे मजदूरों का ग्रामीणों ने 3 दिनों तक पानी बंद कर दिया है. अब मजदूर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
लॉकडाउन के दौरान धार जिले के पीथमपुर से 48 मजदूर कुछ दिनों पूर्व जिला प्रशासन की मदद से डिंडौरी पहुंचे थे. इस दौरान उन सभी मजदूरों का धार जिला में स्वास्थ्य परीक्षण कर सूचीबद्ध बस में बैठाया गया था, इसके बाद डिंडौरी पहुंचने पर स्थानीय प्रशासन के द्वारा उन सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण कर एक दिन क्वॉरेंटाइन करने के बाद उन्हें उनके गांव भिजवाया गया था. लेकिन गांव पहुंचने पर उन मजदूरों के साथ ग्रामीणों के द्वारा भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है.
हैंडपंप की चेन उतार दी
मजदूर कैलाश चंद मरावी का आरोप है कि गांव पहुंचने के दौरान कुछ ग्रामीणों ने उनका हैंडपंप से पानी भरना बंद कर दिया है, जिसके चलते 8 मजदूरों का परिवार खासा परेशान है. 3 दिनों से मजदूर 4 किलोमीटर दूर से दूषित पानी लाकर पीने को मजबूर हैं. इस बात की शिकायत मजदूरों ने स्वास्थ्य के अधिकारियों को दी ताकि वे ग्रामीणों को समझा सकें कि वह पूर्णत स्वस्थ हैं. प्रवासी मजदूरों का आरोप है कि गांव में एक ही हैंडपंप है जिसका उपयोग पूरे गांव वाले करते हैं और ग्रामीणों ने उस हैंडपंप की चेन उतार दी है. जिसके कारण वे पानी नहीं भर पा रहे हैं. मजदूरों ने प्रशासन से मांग की है कि हैंडपंप को ठीक करा कर उन्हें पानी भरने दिया जाए.
जागरूकता बन रही परेशानी का सबब
कोरोना वायरस से बचाव को लेकर ग्रामीणों को स्थानीय प्रशासन ने जागरूक किया था कि आपके गांव में बाहर से अगर कोई व्यक्ति आता है तो उसकी जानकारी फौरन स्थानीय अधिकारी को दें, पुलिस को दें ताकि उन्हें हेल्थ चेकअप कर क्वॉरेंटाइन किया जा सके, लेकिन यह जागरूकता कहीं ना कहीं उन मजदूरों के लिए नुकसानदायक हो रही है जो बाहर से अपने गांव पूर्ण हेल्थ चेकअप करवा कर लौट रहे हैं. प्रशासन को जल्द ही इस मामले का निपटारा कर उन प्रवासी मजदूरों को उनके गांव में व्यवस्थित करना होगा, ताकि उन्हें आगे परेशानी का सामना ना करना पड़े.