डिंडोरी। मध्यप्रदेश के आदिवासी जिला डिंडोरी जहां 20 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बाद जिला प्रशासन की सूझबूझ और स्वास्थ्य विभाग की मुस्तैदी से 7 मई को कोरोना मुक्त बन गया. वहीं इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत ने डिंडोरी के डीएम से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि असली चुनौतियां तो अब शुरू हुई हैं.
20 अप्रैल को डिंडोरी ऑरेंज जोन में आया
ईटीवी भारत से खास बातचीत में डिंडोरी जिला के कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने बताया कि, 20 अप्रैल को जबलपुर लैब से रिपोर्ट आने के बाद पता चला था कि जिले के करंजिया विकासखंड के इंद्रा कॉलोनी में रहने वाला 14 साल का बच्चा, जो छत्तीसगढ़ राज्य के गौरेला जिला से चोरी छिपे सब्जी वाहन में करंजिया पहुंचा है, वो कोरोना पॉजिटिव है. इसके बाद जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने करंजिया क्षेत्र में हाई अलर्ट एरिया घोषित किया और वहां आवागमन में प्रतिबंध लगा दिया. साथ ही कोरोना पॉजिटिव केस के संपर्क में आये सभी 35 से 40 लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा, जो कि कुछ दिनों के बाद सभी की नेगेटिव रिपोर्ट आई.
7 मई को जिला कोरोना मुक्त हुआ
वहीं कोरोना पॉजिटिव 14 वर्षीय बालक को डिंडोरी विकासखंड क्षेत्र के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय जिसे क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था. वहां शिफ्ट किया गया. लगभग 16 दिनों के सघन जांच और सरकार सहित स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी के बाद कोरोना पॉजिटिव की सेहत में लगातार स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ उसकी सभी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने लगी. इसमें स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारीयों का अहम योगदान रहा हैं.
अब आगे हैं चुनौतियां
ईटीवी भारत से डिंडोरी कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने कहा कि हमें ज्यादा उत्साहित होने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है. क्योंकि चुनौतियां अब आनी शुरू हो गई हैं, साथ ही कहा कि जितने भी मजदूर बाहर से आ रहे हैं, हम लोगों ने डिसाइड किया है कि उन सभी का हेल्थ चेकअप करेंगे. जो भी हॉटस्पॉट या हाईरिस्क जगह से आ रहे हैं उन्हें 14 दिन के लिए अनिवार्य क्वारंटाइन सेंटर में रखेंगे, बाकि लोगों की जांच के बाद उन्हें घर भेज देंगे और घर में होम क्वारंटाइन में रहना अनिवार्य होगा.