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'इंद्रदेव' के अधिक प्यार ने अन्नदाता को किया परेशान, भारी बारिश में फसलें हो गईं बर्बाद

डिंडौरी में बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने क्षेत्र के किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है. डिंडौरी सहित आसपास के विकास खंडों में तेज आंधी और भारी बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है.

भारी बारिश ने किसानों की तोड़ी कमर
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Published : Oct 21, 2019, 8:38 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 10:36 PM IST

डिंडौरी। अक्टूबर भी 21 दिन बीत चुका है, फिर भी मानसून प्रदेश के कुछ हिस्सों में सक्रिय है. डिंडौरी में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. भारी बारिश ने अन्नदाता की फसलें चौपट कर दी है.

भारी बारिश में फसलें हो गईं बर्बाद

डिंडौरी सहित आसपास के विकासखंडों में तेज आंधी-तूफान के साथ हुई बारिश से जहां धान की खड़ी फसल बर्बाद हो गई, वहीं सब्जी की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है. डिंडौरी जिले में कृषि ही आय का सबसे बड़ा जरिया है. जहां बैगा आदिवासी के साथ-साथ अन्य वर्ग भी खेती-किसानी का काम करते हैं. किसानों ने धान की देसी और हाइब्रिड किस्में लगाई थी, लेकिन फसल कटने से पहले हुई बारिश ने खड़ी फसल को चौपट कर दिया.

समनापुर के किकरझर गांव की सरस्वती बाई ने बताया कि दो एकड़ में देसी धान लगाई थी, जो लगभग पककर तैयार हो गयी थी, लेकिन भारी बारिश ने फसल को बर्बाद कर दिया. सब्जी की खेती करने वाले किसान महेश ने बताया कि बारिश से सबसे ज्यादा सब्जी की फसल को नुकसान हुआ है. जिसमें आलू, गोभी, बंदगोभी की फसल तो पूरी तरफ चौपट हो गई. महेश का पूरा परिवार खेती पर ही आश्रित है, अब उन्हें दोबारा सब्जी की फसल के लिए बीज खरीदकर खेत तैयार करना पड़ेगा.

डिंडौरी एसडीएम ने कहा कि वे राजस्व टीम भेजकर उन क्षेत्रों का सर्वे करवाएंगे, जहां किसानों की फसलों को बारिश से नुकसान पहुंचा है.

डिंडौरी। अक्टूबर भी 21 दिन बीत चुका है, फिर भी मानसून प्रदेश के कुछ हिस्सों में सक्रिय है. डिंडौरी में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. भारी बारिश ने अन्नदाता की फसलें चौपट कर दी है.

भारी बारिश में फसलें हो गईं बर्बाद

डिंडौरी सहित आसपास के विकासखंडों में तेज आंधी-तूफान के साथ हुई बारिश से जहां धान की खड़ी फसल बर्बाद हो गई, वहीं सब्जी की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है. डिंडौरी जिले में कृषि ही आय का सबसे बड़ा जरिया है. जहां बैगा आदिवासी के साथ-साथ अन्य वर्ग भी खेती-किसानी का काम करते हैं. किसानों ने धान की देसी और हाइब्रिड किस्में लगाई थी, लेकिन फसल कटने से पहले हुई बारिश ने खड़ी फसल को चौपट कर दिया.

समनापुर के किकरझर गांव की सरस्वती बाई ने बताया कि दो एकड़ में देसी धान लगाई थी, जो लगभग पककर तैयार हो गयी थी, लेकिन भारी बारिश ने फसल को बर्बाद कर दिया. सब्जी की खेती करने वाले किसान महेश ने बताया कि बारिश से सबसे ज्यादा सब्जी की फसल को नुकसान हुआ है. जिसमें आलू, गोभी, बंदगोभी की फसल तो पूरी तरफ चौपट हो गई. महेश का पूरा परिवार खेती पर ही आश्रित है, अब उन्हें दोबारा सब्जी की फसल के लिए बीज खरीदकर खेत तैयार करना पड़ेगा.

डिंडौरी एसडीएम ने कहा कि वे राजस्व टीम भेजकर उन क्षेत्रों का सर्वे करवाएंगे, जहां किसानों की फसलों को बारिश से नुकसान पहुंचा है.

Intro:एंकर _ डिंडौरी जिले में बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने क्षेत्र के किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है।डिंडौरी सहित आसपास के विकासखंडों में तेज आंधी तूफान के साथ हुई बारिश से जहाँ धान की खड़ी फसलें बर्बाद हो गई तो वही सब्जी भाजी के पौधे भी खराब हो गए।जिले के समनापुर और अमरपुर क्षेत्र का ईटीवी भारत ने ग्राउंड 0 में जाकर मुआयना किया और इस मामले को लेकर डिंडौरी एसडीएम से बात की।वही एसडीएम डिंडौरी ने राजस्व की टीम भेजकर किसानों को पहुँची क्षति का सर्वे करवाने की बात कही है।


Body:वि ओ 01 डिंडौरी जिला कृषि पर आधारित जिला है।जहाँ बैगा आदिवासी वर्ग के साथ साथ अन्य वर्ग भी खेती किसानी करते है।क्षेत्र में बात अगर समनापुर विकासखंड क्षेत्र की करें तो यहाँ अधिकांश ग्रामीण किसानी पर आश्रित है।किसानों ने अपने खेतों पर देशी और हाइब्रिड धान लगाई थी लेकिन जब फसल कटने का समय था उसी दौरान बीते 2 दिनों तेज आंधी तूफान के साथ बारिश हुई जिसके चलते खेतों में खड़ी फसल बिछ गई । आलम यह रहा कि जो किसान अपनी फसलों को लेकर खुश थे वही अब सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे है।

समनापुर क्षेत्र के किकरझर ग्राम की महिला किसान सरस्वती बाई की माने तो उन्होंने 2 एकड़ में देशी धान लगाया हुआ था जो जल्द पककर तैयार होने वाली थी लेकिन बीते दो दिनों से हुई आफत की बारिश से उनकी फसल खेत मे बिछ गई है।वही सरई गाँव के किसान इंगल सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने खेत मे 8 एकड़ में धान लगाया था लेकिन बारिश ने उनके खेत मे भारी तबाही मचाई है अब सरकार से ही कुछ उम्मीद है कि मदद के रूप में मुआवजा मिल जाये।इसी तरह से किसान सुमारू लाल जिनका खेतो का अभी बटवारा भी नही हुआ दो भाइयों के बीच मे 2 से ढाई एकड़ के खेत मे धान लगाए हुए थे आंधी तूफान ने पूरी फसल चौपट कर दी।सुमारू कि माने तो उनका खेती के जरिये ही जीवनयापन चलता है अब दीवाली का त्योहार कैसे मनाएंगे यह बड़ी चिंता है।

सब्जी भाजी की खेती करने वाले किसान महेश कछवाहा ने बताया कि इस बारिश से आलू,गोभी,बंधा की फसल को बहुत नुकसान हुआ है उनके परिवार में 4 सदस्य है जो जीविका के लिए खेती पर आश्रित है अब उन्हें दोबारा सब्जी के बीजो को खरीदकर खेत तैयार करना पड़ेगा।

वही इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत ने डिंडौरी एसडीएम कुमार सत्यम से बात की ।एसडीएम डिंडौरी का कहना है कि वे अपनी राजस्व टीम को भेजकर उन क्षेत्रों का सर्वे करवाएंगे जहाँ जहाँ किसानों की फसलों को प्राकृतिक नुकसान हुआ है।सर्वे रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।


Conclusion:बाइट 01 सरस्वती बाई, किसान_किकरझर गाँव
बाइट 02 इंगल सिंह,किसान_सरई गाँव
बाइट 03 सुमारू लाल,किसान_किकरझर गाँव
बाइट 04 महेश कछवाहा,किसान सब्जी भाजी
बाइट 05 कुमार सत्यम , एसडीएम डिंडौरी
Last Updated : Oct 21, 2019, 10:36 PM IST
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