डिंडौरी। अक्टूबर भी 21 दिन बीत चुका है, फिर भी मानसून प्रदेश के कुछ हिस्सों में सक्रिय है. डिंडौरी में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. भारी बारिश ने अन्नदाता की फसलें चौपट कर दी है.
डिंडौरी सहित आसपास के विकासखंडों में तेज आंधी-तूफान के साथ हुई बारिश से जहां धान की खड़ी फसल बर्बाद हो गई, वहीं सब्जी की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है. डिंडौरी जिले में कृषि ही आय का सबसे बड़ा जरिया है. जहां बैगा आदिवासी के साथ-साथ अन्य वर्ग भी खेती-किसानी का काम करते हैं. किसानों ने धान की देसी और हाइब्रिड किस्में लगाई थी, लेकिन फसल कटने से पहले हुई बारिश ने खड़ी फसल को चौपट कर दिया.
समनापुर के किकरझर गांव की सरस्वती बाई ने बताया कि दो एकड़ में देसी धान लगाई थी, जो लगभग पककर तैयार हो गयी थी, लेकिन भारी बारिश ने फसल को बर्बाद कर दिया. सब्जी की खेती करने वाले किसान महेश ने बताया कि बारिश से सबसे ज्यादा सब्जी की फसल को नुकसान हुआ है. जिसमें आलू, गोभी, बंदगोभी की फसल तो पूरी तरफ चौपट हो गई. महेश का पूरा परिवार खेती पर ही आश्रित है, अब उन्हें दोबारा सब्जी की फसल के लिए बीज खरीदकर खेत तैयार करना पड़ेगा.
डिंडौरी एसडीएम ने कहा कि वे राजस्व टीम भेजकर उन क्षेत्रों का सर्वे करवाएंगे, जहां किसानों की फसलों को बारिश से नुकसान पहुंचा है.