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मां और विधवा भाभी के साथ लाचारी की जिंदगी जी रहा बुधराम मार्को, पाकिस्तानी जेल में काट चुका है सजा

अवैध रूप से पाकिस्तान की सीमा में घुसने के अपराध में सजा काट चुके बुधराम मार्को बेबसी की जिंदगी जी रहा है. तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयास के बाद बुधराम के भारत लौटने पर देश के कई नेताओं ने उसे मदद का आश्वासन दिया था, लेकिन उसके बाद किसी ने मुड़कर नहीं देखा.

मां और विधवा भाभी के साथ लाचारी की जिंदगी जी रहा बुधराम मार्को
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Published : Sep 20, 2019, 1:26 PM IST

डिंडौरी। जिले के करंजिया क्षेत्र के रहने वाले बुधराम मार्को मानसिक स्थिति सही नहीं होने के चलते 5 जुलाई 2012 को पंजाब के पाकिस्तान की सीमा में घुस गया था. जिसे वहां की अदालत ने अवैध रूप से पाकिस्तान की सीमा में घुसने की सजा में जेल भेज दिया था. सजा काटने के बाद तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयासों से बुधराम भारत वापस लौटा था, तब देश के कई नेताओं ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन बुधराम की हालत आज बेहद खराब है. उसे मदद के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिला है.

मां और विधवा भाभी के साथ लाचारी की जिंदगी जी रहा बुधराम मार्को

पाकिस्तान की सीमा में अवैध रूप से घुसने के अपराध में बुधराम 2 साल 4 महीने पाकिस्तान की जेल में रहा था. भारत लौटने के बाद सुर्खियों में आए बुधराम के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने को लेकर नेताओं ने कई वादे किए थे, लेकिन वक्त के साथ सभी अपने द्वारा किए वादों को भूल गए. बुधराम आज भी कच्चे मकान में अपनी मां, भाभी और दो बच्चों के साथ रहता है.

बता दें कि बुधराम करंजिया के सुहारिनटोला में अपने परिवार के साथ रहता है. बुधराम की मानसिक हालत ठीक नहीं है. वहीं उसकी मां वृद्ध हो चुकी है. बुधराम की विधवा भाभी मेहनत-मजदूरी कर घर का खर्च चलाती है. बुधराम की मां सुमलिया बाई ने जिला प्रशासन से बुधराम की मदद के लिए कई बार गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं दी गई.

मामले में कमलनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री ओंकार सिंह मरकाम ने कहा है कि बुधराम उनके परिवार और समाज का हिस्सा है, जिसकी यथासंभव मदद की जाएगी.

डिंडौरी। जिले के करंजिया क्षेत्र के रहने वाले बुधराम मार्को मानसिक स्थिति सही नहीं होने के चलते 5 जुलाई 2012 को पंजाब के पाकिस्तान की सीमा में घुस गया था. जिसे वहां की अदालत ने अवैध रूप से पाकिस्तान की सीमा में घुसने की सजा में जेल भेज दिया था. सजा काटने के बाद तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयासों से बुधराम भारत वापस लौटा था, तब देश के कई नेताओं ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन बुधराम की हालत आज बेहद खराब है. उसे मदद के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिला है.

मां और विधवा भाभी के साथ लाचारी की जिंदगी जी रहा बुधराम मार्को

पाकिस्तान की सीमा में अवैध रूप से घुसने के अपराध में बुधराम 2 साल 4 महीने पाकिस्तान की जेल में रहा था. भारत लौटने के बाद सुर्खियों में आए बुधराम के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने को लेकर नेताओं ने कई वादे किए थे, लेकिन वक्त के साथ सभी अपने द्वारा किए वादों को भूल गए. बुधराम आज भी कच्चे मकान में अपनी मां, भाभी और दो बच्चों के साथ रहता है.

बता दें कि बुधराम करंजिया के सुहारिनटोला में अपने परिवार के साथ रहता है. बुधराम की मानसिक हालत ठीक नहीं है. वहीं उसकी मां वृद्ध हो चुकी है. बुधराम की विधवा भाभी मेहनत-मजदूरी कर घर का खर्च चलाती है. बुधराम की मां सुमलिया बाई ने जिला प्रशासन से बुधराम की मदद के लिए कई बार गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं दी गई.

मामले में कमलनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री ओंकार सिंह मरकाम ने कहा है कि बुधराम उनके परिवार और समाज का हिस्सा है, जिसकी यथासंभव मदद की जाएगी.

Intro:बुधराम की अधूरी कहानी

एंकर _ आदिवासी जिला डिंडौरी का रहने वाला बुधराम मार्को कभी पाकिस्तान की जेल का कैदी हुआ करता था।बुधराम जिसकी मानसिक हालात ठीक नही रहती यही बजह थी कि वह 5 साल पहले घर से भागकर पंजाब के रास्ते वह पाकिस्तान की सीमा जा घुसा था जिसके चलते पाकिस्तानी सेना ने उसे गिरफ्तार कर अवैध रूप से पाकिस्तान की सीमा में घुसने की सजा में जेल भेज दिया था।करीब 2 साल 4 महीने जेल की सजा काटने के बाद तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयास के बाद बुधराम भारत वापस लौटा था। उस समय बड़े बड़े वादे नेताओ के द्वारा बुधराम के लिए किए गए थे । लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया और बुधराम मार्को से अब तक कोई भी सरकार का नुमाइंदा और प्रशासन के लोग उसकी खोज खबर लेने नही पहुँचे जिसके चलते उसकी और उसके परिवार की माली हालत खराब हो रही है।जहाँ मीडिया के मार्फत बुधराम की माँ और पड़ोसी ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है वही प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने हर संभव मदद करने की बात कही है।


Body:वि ओ 01 आदिवासी जिला डिंडौरी के जनपद क्षेत्र करंजिया की पंचायत में सुहारिनटोला है जहाँ अपनी माँ विधवा भाभी और उसके बच्चे के साथ कच्चे घर मे रहता बुधराम मार्को। ये वही बुधराम मार्को है जो अपनी मानसिक हालात खराब होने की वजह से 5 जुलाई 2012 को पाकिस्तान की सीमा में घुस गया था।जिसे पाकिस्तान सेना ने गिरफ्तार कर लिया था । पाकिस्तान की सीमा में अवैध रूप से घुसने की सजा पर पाकिस्तान की न्यायालय ने 2 साल 4 महीने की सजा सुनाई गई थी।सजा काटने के बाद उसे भारत वापस भेजने के लिए उंसके परिवार की खोज खबर ली गई तब तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयास से बुधराम को वापस भारत लाया जा सका था।

वि ओ 02 बुधराम मार्को के डिंडौरी वापस आने के बाद उसकी माँ सुमलिया बाई का आरोप है कि कोई जनप्रतिनिधि या प्रशासन ने उसकी पूछ परख नही ली।सुमलिया बाई बहुत बुजुर्ग हो चुकी है तो वही बुधराम दिमागी संतुलन खोने की वजह से बेकाम ।अब पूरी जिम्मेदारी उसकी विधवा भाभी ही संभाल रही है।घर कच्चा है जो कभी भी गिर सकता है।सुमलिया बाई जिला प्रशासन से बुधराम के लिए मदद की गुहार लगा रही है।वही पड़ोसी राजू सिंह का भी कहना है कि बुधराम मार्को की मदद के लिए प्रशासन को आगे आना चाहिए और उसे सरकारी योजना का लाभ देना चाहिए।बुधराम मार्को बेबस,लाचार ,और गुमनामी का जीवन जीने को मजबूर है जिसे दरकार है तो सिर्फ मदद की।

वही इस पूरे मामले में कमलनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री ओंकार सिंह मरकाम ने कहा है कि बुधराम उनके परिवार समाज का हिस्सा है जिसकी यथा संभव मदद की जाएगी इसके लिए कलेक्टर से बात कर सुनिश्चित करते है।


Conclusion:बाइट 01 सुमलिया बाई मार्को,बुधराम की माँ
बाइट 02 राजू सिंह _पड़ोसी
बाइट 03 ओमकार सिंह मरकाम,जनजातीय कार्य मंत्री
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