डिंडौरी। जब देश में चंद लोग हर परिस्थिति में रंग, जाति और धर्म के आधार पर विवाद फैलाते रहते हैं. तो ऐसे में इन सब से उपर उठकर डिंडौरी की सुजाता ने मानवता की मिसाल पेश करने वाला काम किया है और आग से जली एक मुस्लिम युवती के इलाज के लिए खून की जरूरत पड़ने पर सारे काम पीछे रख पहुंच गईं और रक्तदान किया.
जिला अस्पताल में चिमनी से जली मुस्लिम युवती भर्ती थी, जिसके इलाज में उसके पिता ने अब तक 11 दिनों में डेढ़ लाख रुपये खर्च कर चुके थे. युवती के पिता को डॉक्टरों ने कहा कि बच्ची की जान बचाने के लिए तत्काल बी पॉजिटिव ब्लड की जरूरत है, जिसकी जानकारी लगने पर सुजाता ने रक्तदान कर मुस्लिम युवती की जान बचा ली और दो धर्मों में पड़ रही खाई को पाटने का काम कर सुजाता ने धार्मिक दलालों के मुहं पर तमाचा मारा है.
जानकारी के अनुसार डिंडौरी के वार्ड क्रमांक 1 के निवासी मोहम्मद सलीम की बेटी कुछ दिनों पहले चिमनी जलाते हुए जल गई थी, अपनी बेटी के इलाज के लिए मोहम्मद सलीम को रेयर मिलने वाले बी पॉजिटिव ब्लड की जरूरत थी, जानकारी जब डिंडौरी के रेडी टू हेल्प टीम को लगी तो उन्होंने डिंडौरी नगर के रहने वाली सुजाता शर्मा से बात की जिसपर वो तुरंत ही तैयार हो गई और अस्पताल पहुंच कर रक्तदान किया.
रमजान के दिनों में एक तरफ जहां मुस्लिम वर्ग इबादत कर दुआ कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ बेटी के इलाज के लिए एक व्यक्ति घर बार तक बेचने पर आमादा था. ऐसे में मुस्लिम युवती के लिए किया गया सुजाता शर्मा का रक्तदान जीवन दान से कम नहीं.