धार। कोहरे से ढकी और हरियाली से पटी विंध्याचल की पर्वतमाला पर बसी मध्यप्रदेश की पर्यटन नगरी मांडू में इन दिनों पर्यटकों की खूब हलचल है. मांडू बारिश में खूबसूरत दुल्हन की तरह सजी हुई दिख रही है, इन दिनों मांडू के चारों ओर हरियाली ही हरियाली है, वहीं आंख मिचौली करता मौसम कभी पर्यटकों को कोहरे से ढक देता है तो कभी रिमझिम फुहार से लोग भीग जाते हैं. मांडू की पहाड़ी से गिरते झरने पर्यटकों के मन को प्रसन्न कर देते हैं, दूसरी ओर मांडू का वैभवशाली इतिहास और मांडू की इमारतों में छिपी हिन्दू-मुस्लिम संस्कृति की झलक भी पर्यटकों को खूब लुभाती है.
बाज बहादुर और रानी रूपमती के प्रेम प्रसंग की दासतां आज भी मांडू में पर्यटकों को सुनाई देती हैं. मुंज और कपूर तालाब में तैरता जहाज महल और झूले की तरह झूलता हिंडोला महल, चंपा बावड़ी से आती चंपा के फूलों की खुशबू, सफेद मोती सा चमकत, संगमरमर से बना खूबसूरत होशंगशाह का मकबरा और रूपमती मंडप से चांदी सी चमकती नर्मदा पर्यटकों को खूब भा रही है. बारिश के मौसम में मांडू की खूबसूरती पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है.
कभी घना कोहरा तो कभी रिमझिम फुहार
पर्यटकों का कहना है कि मांडू बहुत ज्यादा खूबसूरत है. मांडू की वादियां बेहद हसीन हैं, बारिश में मांडू की पहाड़ियों को हरियाली ने ढक रखा है. मांडू का पल-पल बदलता मौसम उन्हें बेहद पसंद है. कभी मांडू में घना कोहरा हो जाता है तो कभी रिमझिम फुहार पड़ने लगती है. जिसके बीच मांडू की इमारतों की खूबसूरती देखना उन्हें बेहद पसंद आ रहा है.
शांति का टापू मांडू
पर्यटकों का कहना है कि उन्हें मांडू में बेहद शांति मिलती है. उनका मानना है कि मांडू एक शांति का टापू है, मांडू की वादियां बेहद खूबसूरत हैं, मांडू के चारों ओर फैली हरियाली से उठती हुई ठंडी हवाएं मांडू आने वाले पर्यटकों के मन को शांति प्रदान करती हैं. मांडू कि नैसर्गिक सुंदरता और यहां कि ऐतिहासिक इमारतों में छिपी कौमी एकता वाली संस्कृति की झलक पर्यटकों का मन मोह लेती है. पहली बार बारिश के मौसम में मांडू घूमने आए पर्यटकों को मांडू इतना पसंद आया है कि वो दोबारा मांडू घूमने की योजना बना रहे हैं.