धार। लापता बेटे के नहीं मिल पाने से निराश सरदारपुर का एक परिवार सत्याग्रह करते हुए भोपाल के रास्ते दिल्ली के लिए पैदल निकल पड़ा है. परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि अगर वह अपना काम सही से करते, तो उनका बेटा अभी तक मिल गया होता.
पिता का आरोप है कि 9 मई को शशांक के दोस्त के पास एक कॉल आया था, जिसमें कहा गया कि 'मैं यहीं पर हूं' आवाज शशांक जैसी थी. बाद में उस नंबर पर फोन लगाया गया तो फोन उठाने वाले ने बोला कि वह माहांकाल टिफिन सेंटर देवास गेट उज्जैन से बोल रहा है और शशांक को 1200 रुपये देकर बरमंडल की बस में बैठा दिया है. फोन की जानकारी पुलिस दी गई पर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. पिता का कहना है कि अगर पुलिस नंबर को ट्रेस कर कार्रवाई करती, तो उनका बेटा मिल जाता.
अब सेवाराम जाट अपनी पत्नी और बूढ़ी मां के साथ भोपाल में मुख्यमंत्री व दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से गुहार लगाने का मन बनाया है. सेवाराम जाट ने राजोद थाने में पहुंच कर पुलिस वालों को गुलाब का फूल हाथ में दिया और उन्हें राजोद में ही आराम करने की बात कहकर पैदल ही राजोद से भोपाल और दिल्ली के लिए चल पड़े.
वहीं एसडीओपी ऐश्वर्य शास्त्री का कहना है, कि पुलिस अपना काम ठीक से कर रही है, जबकी लापता लड़के के परिवार वाले पुलिस का सहयोग नहीं कर रहे हैं.