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ट्राइबल एरिया में गैर आदिवासी की जमीन का होगा डायवर्सन, कमलनाथ सरकार इस फैसले के विरोध में उन्हीं के विधायक

कमलनाथ सरकार के आदिवासी क्षेत्रों में गैर आदिवासियों को जमीन के डायवर्सन का अधिकार देने के फैसले की वजह से धार जिले की मनावर तहसील में विरोध हो रहा है.

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विधायक हीरालाल अलावा
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Published : Nov 29, 2019, 12:29 AM IST

धार। कमलनाथ सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आदिवासी क्षेत्रों में गैर आदिवासियों को जमीन के डायवर्सन का अधिकार देने का फैसला किया है. इसके लिए भू-राजस्व संहिता 1959 की धाराओं में संशोधन किया गया है. प्रदेश सरकार के इस फैसले के चलते जिले की मनावर तहसील के आदिवासी इलाकों में विरोध होना शुरु हो गया. जिसकी शुरुआत उनके विधायक हीरालाल अलावा ने की है.

गैर आदिवासी की जमीन का होगा डायवर्सन

बता दें पहले आदिवासी क्षेत्रों में गैर आदिवासियों को जमीन के डायवर्सन के लिए कलेक्टर से अनुमति लेनी पड़ती थी. जिसे बुधवार के दिन कमलनाथ सरकार की कैबिनेट मीटिंग में हटा दिया गया. धार जिले कि मनावर विधानसभा से जयस के राष्ट्रीय संरक्षक और विधायक हीरालाल अलावा ने अपनी ही सरकार के फैसले की खिलाफत शुरु कर दी है.

हीरालाल अलावा का कहना है कि सरकार के फैसले से आदिवासी समाज के लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई है. इस फैसले के बाद आदिवासियों की जमीन उद्योगपतियों और कॉरपोरेट जगत के लोगों को बड़ी आसानी से दे दी जाएगी. इससे अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियों का अधिकार उनसे छीन लिया जायेगा.

धार। कमलनाथ सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आदिवासी क्षेत्रों में गैर आदिवासियों को जमीन के डायवर्सन का अधिकार देने का फैसला किया है. इसके लिए भू-राजस्व संहिता 1959 की धाराओं में संशोधन किया गया है. प्रदेश सरकार के इस फैसले के चलते जिले की मनावर तहसील के आदिवासी इलाकों में विरोध होना शुरु हो गया. जिसकी शुरुआत उनके विधायक हीरालाल अलावा ने की है.

गैर आदिवासी की जमीन का होगा डायवर्सन

बता दें पहले आदिवासी क्षेत्रों में गैर आदिवासियों को जमीन के डायवर्सन के लिए कलेक्टर से अनुमति लेनी पड़ती थी. जिसे बुधवार के दिन कमलनाथ सरकार की कैबिनेट मीटिंग में हटा दिया गया. धार जिले कि मनावर विधानसभा से जयस के राष्ट्रीय संरक्षक और विधायक हीरालाल अलावा ने अपनी ही सरकार के फैसले की खिलाफत शुरु कर दी है.

हीरालाल अलावा का कहना है कि सरकार के फैसले से आदिवासी समाज के लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई है. इस फैसले के बाद आदिवासियों की जमीन उद्योगपतियों और कॉरपोरेट जगत के लोगों को बड़ी आसानी से दे दी जाएगी. इससे अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियों का अधिकार उनसे छीन लिया जायेगा.

Intro:अनुसूचित क्षेत्र में लैंड यूज में बदलाव के लीये अब नहीं लेना पड़ेगी कलेक्टर कि परमिशन,27 नवंबर को कमलनाथ सरकार कि कैबिनेट का फैसला , जयस के राष्ट्रीय संरक्षक एवं मनावर विधायक डॉ.हिरालाल आलावा ने कमलनाथ कैबिनेट के इस निर्णय का किया विरोध


Body:27 नवंबर को मध्यप्रदेश कि कमलनाथ सरकार की कैबिनेट बैठक में मध्यप्रदेश के विकास के लिए कई अहम निर्णय लिए गए, इसी कैबिनेट की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अब मध्यप्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में सामान्य वर्ग के लोगों को लेंड यूज में बदलाव के लिए डायवर्शन कि अनुमति कलेक्टर से अब नहीं लेनी पड़ेगी, इसके लिए बकायदा भू-राजस्व सहिंता 1959 की धारा 165 -170,172 में बदलाव किया गया, जिसका अब प्रदेश के आदिवासी समाज के लोग विरोध कर रहे हैं ,वही कमलनाथ सरकार में धार जिले कि मनावर विधानसभा से जयस के राष्ट्रीय संरक्षक एवं विधायक डॉ हीरालाल अलावा अपनी ही सरकार की कैबिनेट बैठक में लिए गए इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं ,विधायक डॉक्टर हीरालाल अलावा की मानें तो सरकार ने जो यह निर्णय लिया है उसका आदिवासी समाज में व्यापक विरोध है,आदिवासी समाज के लोगों में यह भ्रम की स्थिति बन गई है कि इस निर्णय के बाद चरनोई भूमि,निस्तार पपत्र मे दर्ज भुमि अब सरकार उद्योगपतियों और कारपोरेट जगत के लोगो को बड़ी आसानी से दे देगी, इससे अनुसूचित क्षेत्र में भी आदिवासियों का अधिकार उनसे छीन लिया जायेगा,वही जयस के राष्ट्रीय संरक्षक एवं मनावर विधायक डॉ. हिरालाल अलावा आदिवासी समाज के इस विरोध में उनके साथ में है और उन्होंने कहा कि में व्यक्तिगत रूप से भी कमलनाथ सरकार की कैबिनेट बैठक में लिए गए इस निर्णय का विरोध करता हूं और इसमें बदलाव के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर अपना विरोध दर्ज करूँगा,अब देखने वाली बात यह होगी कि कमलनाथ सरकार की कैबिनेट बैठक में प्रदेश में अनुसूचित छेत्र में लेंड यूज में बदलाव के लिए भू राजस्व की धारा 165-170 में जो बदलाव किया गया है उसका विरोध किस प्रकार का होता है ,क्या विरोध के बाद कमलनाथ सरकार अपना निर्णय बदलती है या फिर अपने लिए गए निर्णय पर अडिग रहेगी, प्रदेश के आदिवासी इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं जिसमें उनका साथ जयस के राष्ट्रीय संरक्षक एवं कमलनाथ सरकार के विधायक डॉ हिरालाल अलावा भी दे रहे।


Conclusion:बाइट-01- डॉ हीरालाल अलावा-जयस राष्ट्रीय संरक्षक एवं मनावर विधायक(कांग्रेस)
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