धार। कमलनाथ सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आदिवासी क्षेत्रों में गैर आदिवासियों को जमीन के डायवर्सन का अधिकार देने का फैसला किया है. इसके लिए भू-राजस्व संहिता 1959 की धाराओं में संशोधन किया गया है. प्रदेश सरकार के इस फैसले के चलते जिले की मनावर तहसील के आदिवासी इलाकों में विरोध होना शुरु हो गया. जिसकी शुरुआत उनके विधायक हीरालाल अलावा ने की है.
बता दें पहले आदिवासी क्षेत्रों में गैर आदिवासियों को जमीन के डायवर्सन के लिए कलेक्टर से अनुमति लेनी पड़ती थी. जिसे बुधवार के दिन कमलनाथ सरकार की कैबिनेट मीटिंग में हटा दिया गया. धार जिले कि मनावर विधानसभा से जयस के राष्ट्रीय संरक्षक और विधायक हीरालाल अलावा ने अपनी ही सरकार के फैसले की खिलाफत शुरु कर दी है.
हीरालाल अलावा का कहना है कि सरकार के फैसले से आदिवासी समाज के लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई है. इस फैसले के बाद आदिवासियों की जमीन उद्योगपतियों और कॉरपोरेट जगत के लोगों को बड़ी आसानी से दे दी जाएगी. इससे अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियों का अधिकार उनसे छीन लिया जायेगा.