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नए नोट से बनी ये सरकार, युवाओं को चाहिए रोजगार, 'भैया जी का अड्डा' पर बदनावर से उठी आवाज - बदनावर विधानसभा सीट

ईटीवी भारत का खास प्रोग्राम 'भैया जी का अड्डा' हर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर मतदाताओं के मन की बात जानने की कोशिश कर रहा है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत धार के बदनावर विधानसभा क्षेत्र पहुंचा और मतदाताओं से चुनावी मुद्दों के बारे में चर्चा की.

bhaiya ji ka adda program
भैया जी का अड्डा
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Published : Oct 24, 2020, 11:00 PM IST

धार। मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिसमें धार जिले कि बदनावर विधानसभा सीट भी है, यहां पर कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव की टक्कर कांग्रेस प्रत्याशी कमल सिंह पटेल से है. बदनावर उपचुनाव में जनता के क्या मुद्दे हैं, वह प्रत्याशियों को लेकर क्या सोचती है, क्या सरकार के वादे हैं, इसको लेकर ईटीवी भारत अपने खास प्रोग्राम भैया जी के अड्डे के जरिए बदनावर की जनता के बीच पहुंचा और बदनावर उपचुनाव के सियासी समीकरण, जनता कि समस्या को जानने की कोशिश की.

बदनावर विधानसभा में भैया जी का अड्डा

नए नोट की सरकार है

ईटीवी भारत की टीम जब बदनावर विधानसभा के ग्राम गाजनोद पहुंची और भैया जी के अड्डे पर गाजनोद वासियों से चर्चा की तो गाजनोद के निवासी नारायण पाटीदार ने कहा कि उपचुनाव नए नोटों से बनी सरकार का उपचुनाव है. इस चुनाव में विकास का कोई मुद्दा नहीं है. प्रदेश की कमलनाथ सरकार यह कहकर गिराई गई कि 15 माह में विकास के कार्य नहीं हुए हैं, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है, कमलनाथ सरकार नेताओं ने अपने निजी स्वार्थ के लिए गिराई गई थी. इस उपचुनाव में बदनावर की जनता इसका जवाब देगी.

निजी स्वार्थ या बदनावर का हकग्राम गाजनोद के भरतलाल पाटीदार ने कहा कि राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कमलनाथ सरकार बदनावर के हक के लिए नहीं बल्कि अपने निजी स्वार्थ के लिए गिराई है. बदनावर की जनता ने उन्हें तीन बार विधायक चुना. लेकिन जब भी उन्हें किसी काम के लिए उन्हें फोन लगाते हैं तो वह फोन नहीं उठाते. उन्हें ऐसा लगता है कि बदनावर की जनता नहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया उन्हें चुनाव जिता रहे हैं. इस बार के उपचुनाव में बदनावर की जनता ने मन बना लिया है वह अपने हक के लिए विधायक बदनावर से विधायक चुनेगी.

कांटे की टक्कर समय आने पर मिलेगा जवाब

गाजनोद निवासी बाबूलाल पाटीदार ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी दोनों ही बदनावर उपचुनाव में योग्य उम्मीदवार है. बदनावर चुनाव में कांटे की टक्कर है, मुद्दे तो बहुत हैं, लेकिन जो भी बदनावर का विकास करेगा, बदनावर की जनता उसे अपना मत देगी. अब आने वाला समय ही बताएगा कि बदनावर का उपचुनाव किस तरफ करवट लेता है.

युवाओं को मिले रोजगार नर्मदा आए हमारे द्वार

बदनावर के युवा मतदाता मनोज राठौर ने कहा, बदनावर का युवा रोजगार चाहता है. बदनावर का किसान सिंचाई और पीने के लिए नर्मदा का पानी चाहता है. यही मुद्दा इस बार के चुनाव में खूब चल रहा है. राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने उद्योग मंत्री बनते ही बदनावर की जनता और यहां के युवाओं के लिए रोजगार के कई रास्ते खोले हैं. नर्मदा का जल जल्द ही शिवराज सरकार बदनावर में लेकर आएगी. इसलिए बदनावर के उपचुनाव में इस बार युवाओं के रोजगार और नर्मदा जल का मुद्दा खूब चल रहा है. इसी के आधार पर बदनावर की जनता वोट देगी और उपचुनाव में दोनों ही प्रत्याशियों के बीच में कांटे की टक्कर है. अब यह समय ही बताएगा कि बदनावर में जीत का सेहरा किसके सिर बंधता है.

इस तरह ईटीवी भारत के खास प्रोग्राम भैया जी के अड्डे पर बदनावर की जनता ने उपचुनाव को लेकर अपनी राय रखी. बेबाकी से बदनावर के मुद्दे उठाए तो वहीं नेताओं के दावे और वादों पर भी अपनी राय रखी. बदनावर का यह उपचुनाव टक्कर वाला है. उपचुनाव में सियासी समीकरण और नेताओं की चहल-पहल खूब हो रही है. उप चुनाव का माहौल काफी गर्म है, अब देखते हैं चुनावी ऊंट किस करवट बैठता है.

धार। मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिसमें धार जिले कि बदनावर विधानसभा सीट भी है, यहां पर कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव की टक्कर कांग्रेस प्रत्याशी कमल सिंह पटेल से है. बदनावर उपचुनाव में जनता के क्या मुद्दे हैं, वह प्रत्याशियों को लेकर क्या सोचती है, क्या सरकार के वादे हैं, इसको लेकर ईटीवी भारत अपने खास प्रोग्राम भैया जी के अड्डे के जरिए बदनावर की जनता के बीच पहुंचा और बदनावर उपचुनाव के सियासी समीकरण, जनता कि समस्या को जानने की कोशिश की.

बदनावर विधानसभा में भैया जी का अड्डा

नए नोट की सरकार है

ईटीवी भारत की टीम जब बदनावर विधानसभा के ग्राम गाजनोद पहुंची और भैया जी के अड्डे पर गाजनोद वासियों से चर्चा की तो गाजनोद के निवासी नारायण पाटीदार ने कहा कि उपचुनाव नए नोटों से बनी सरकार का उपचुनाव है. इस चुनाव में विकास का कोई मुद्दा नहीं है. प्रदेश की कमलनाथ सरकार यह कहकर गिराई गई कि 15 माह में विकास के कार्य नहीं हुए हैं, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है, कमलनाथ सरकार नेताओं ने अपने निजी स्वार्थ के लिए गिराई गई थी. इस उपचुनाव में बदनावर की जनता इसका जवाब देगी.

निजी स्वार्थ या बदनावर का हकग्राम गाजनोद के भरतलाल पाटीदार ने कहा कि राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कमलनाथ सरकार बदनावर के हक के लिए नहीं बल्कि अपने निजी स्वार्थ के लिए गिराई है. बदनावर की जनता ने उन्हें तीन बार विधायक चुना. लेकिन जब भी उन्हें किसी काम के लिए उन्हें फोन लगाते हैं तो वह फोन नहीं उठाते. उन्हें ऐसा लगता है कि बदनावर की जनता नहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया उन्हें चुनाव जिता रहे हैं. इस बार के उपचुनाव में बदनावर की जनता ने मन बना लिया है वह अपने हक के लिए विधायक बदनावर से विधायक चुनेगी.

कांटे की टक्कर समय आने पर मिलेगा जवाब

गाजनोद निवासी बाबूलाल पाटीदार ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी दोनों ही बदनावर उपचुनाव में योग्य उम्मीदवार है. बदनावर चुनाव में कांटे की टक्कर है, मुद्दे तो बहुत हैं, लेकिन जो भी बदनावर का विकास करेगा, बदनावर की जनता उसे अपना मत देगी. अब आने वाला समय ही बताएगा कि बदनावर का उपचुनाव किस तरफ करवट लेता है.

युवाओं को मिले रोजगार नर्मदा आए हमारे द्वार

बदनावर के युवा मतदाता मनोज राठौर ने कहा, बदनावर का युवा रोजगार चाहता है. बदनावर का किसान सिंचाई और पीने के लिए नर्मदा का पानी चाहता है. यही मुद्दा इस बार के चुनाव में खूब चल रहा है. राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने उद्योग मंत्री बनते ही बदनावर की जनता और यहां के युवाओं के लिए रोजगार के कई रास्ते खोले हैं. नर्मदा का जल जल्द ही शिवराज सरकार बदनावर में लेकर आएगी. इसलिए बदनावर के उपचुनाव में इस बार युवाओं के रोजगार और नर्मदा जल का मुद्दा खूब चल रहा है. इसी के आधार पर बदनावर की जनता वोट देगी और उपचुनाव में दोनों ही प्रत्याशियों के बीच में कांटे की टक्कर है. अब यह समय ही बताएगा कि बदनावर में जीत का सेहरा किसके सिर बंधता है.

इस तरह ईटीवी भारत के खास प्रोग्राम भैया जी के अड्डे पर बदनावर की जनता ने उपचुनाव को लेकर अपनी राय रखी. बेबाकी से बदनावर के मुद्दे उठाए तो वहीं नेताओं के दावे और वादों पर भी अपनी राय रखी. बदनावर का यह उपचुनाव टक्कर वाला है. उपचुनाव में सियासी समीकरण और नेताओं की चहल-पहल खूब हो रही है. उप चुनाव का माहौल काफी गर्म है, अब देखते हैं चुनावी ऊंट किस करवट बैठता है.

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