धार। विध्यांचल की पहाड़ी में प्रकृति की गोद में विराजे महादेव के बारे में कहा जाता है कि इनके दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. भक्तों की हर एक समस्या का निवारण हो जाता है. मंदिर में प्राकृतिक रूप से बहने वाले पवित्र झरने के जल से हमेशा महादेव का जलाअभिषेक होता रहता है. पर्यटन नगरी मांडू के पहाड़ों में विराजमान नीलकंठेश्वर महादेव के दरबार में पहुंचने वाले भक्तों की पीड़ा दूर हो जाती है, बल्कि वहां की नैसर्गिक सुंदरता उनका मन मोह लेती है. यहां का शांत वातावरण एक खास कारण है कि साल भर यहां भक्तों का तांता लगा रहता है.
मुगल शासक अकबर ने कराया नीलकंठ महादेव मंदिर का निर्माण
जानकारी के मुताबिक नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण लाल पत्थरों से किया गया है. मंदिर की बनावट और उसकी शैली मुगलकालीन है, नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर एकमात्र ऐसा महादेव का मंदिर है, जिसमें गुंबद नहीं है. ऐसा कहा जाता है कि मुगल शासक अकबर ने प्रकृति की गोद में शांति के लिए नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण कराया था, जिसे उन्होंने अपनी हिंदू पत्नी जोधाबाई की शिव भक्ति को समर्पित किया था. अकबर द्वारा इस मंदिर का निर्माण कराए जाने के कारण मंदिर परिसर की बनावट और उसकी शैली मुगलकालीन है. जो इस शिवालय को दूसरे शिवायलों से अलग पहचान दिलाती है. इसी खूबी के चलते मांडू आने वाले पर्यटक नीलकंठेश्वर महादेव के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं.
![neelkantheshwar mahadev mandir](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8273077_thutry.jpg)
प्राकृतिक झरना करता है नीलकंठेश्वर महादेव का जलाभिषेक
प्रकृति की गोद में विराजमान नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर में प्राकृतिक रूप से बहने वाले झरने के पवित्र जल से साल भर महादेव का जलाभिषेक होता रहता है. वहीं नीलकंठेश्वर महादेव के भक्त भी झरने के जल से ही महादेव का जलाभिषेक करते हैं. हमेशा बहने वाला झरना महादेव के स्वरूप और प्राकृतिक सौंदर्य को और बढ़ा देता है. वहीं कड़ी गर्मी में भी झरने का पानी नहीं बंद होता है.
![neelkantheshwar mahadev mandir](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8273077_thu2.jpg)
नीलकंठेश्वर महादेव के दर्शन से विष रूपी कष्टों से मिलती है मुक्ति
नीलकंठेश्वर महादेव के दर्शन से ही महादेव के भक्तों को विष रूपी कष्टों से मुक्ति मिलती है. भोलेनाथ श्रद्धालुओं की हर परेशानी का निवारण करते हैं. यही वजह है कि साल भर बड़ी संख्या में नीलकंठेश्वर महादेव के भक्त उनके दर्शन के लिए पहुंचते हैं. यहां आने वाले भक्त महादेव को बिल्व पत्र और आंकड़े के फूल अर्पित कर उनका आशीर्वाद लेते हैं.
![neelkantheshwar mahadev mandir](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8273077_thu11.jpg)
श्रावण मास में बड़ी संख्या में कांवड़ यात्री यहां पर नर्मदा का जल भरकर लाते हैं और उससे नीलकंठेश्वर महादेव का जलाभिषेक करते हैं. नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर परिसर की प्राकृतिक सुंदरता और झरने की मधुर आवाज से नीलकंठेश्वर महादेव के भक्तों को प्रकृति की गोद में शांति मिलती है और एक अलग ही तरीके की प्राकृतिक ऊर्जा प्राप्त होती है, जिससे नीलकंठेश्वर महादेव के भक्त का यहां हमेशा तांता लगा रहता है.