भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्माणाधीन कारम बांध में हुई लापरवाही को लेकर लिया बड़ा निर्णय. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर आठ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से किया गया निलंबित. पूर्व में बांध निर्माण से जुड़ी दो कंपनियों को किया जा चुका है ब्लैक लिस्टेड.
निलंबित होने वाले अधिकारियों की लिस्ट:
पी जोशी, अधीक्षण यंत्री जल संसाधन, विजय कुमार जत्थाप उपयंत्री,। अशोक कुमार उपयंत्री, दशाबंता सिसोदिया उपयंत्री, आरके श्रीवास्तव उपयंत्री, सी एस घटोले मुख्य अभियंता , बीएल निनामा कार्यपालन यंत्री, और वकार अहमद सिद्धकी एसडीओ को निलंबित किया गया है.
कमल नाथ ने उठाए थे सवाल: कारम डैम मामले को लेकर शुक्रवार को पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमल नाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा था. कांग्रेस नेता कमलनाथ ने ट्वीट किया था जिसमें जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई थी. उन्होंने लिखा था. "मध्य प्रदेश के धार ज़िले के कारम डैम क्षतिग्रस्त मामले में 15 दिन बीत चुके है लेकिन अभी तक किसी भी दोषी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई. शिवराज सरकार ने चार सदस्यीय जांच समिति बनाकर पांच दिन में इसकी जांच कर , कार्यवाही करने का दावा किया था लेकिन 11 दिन हो चले हैं, जांच रिपोर्ट कहां है , किसके पास है, अभी तक उसका ही पता नहीं और अभी तक कोई कार्यवाही नहीं. इस बांध को लेकर जिस तरह की बयानबाजियां हो रही है , उसी से समझा जा सकता है कि सरकार लीपा पोती में और दोषियों को बचाने में लग गयी है."कमलनाथ के इस पूरे मामले पर सरकार के दावों पर सवाल उठाए जाने के कुछ घंटे बाद ही सीएम शिवराज ने 8 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
इसलिए की गई कार्रवाई:
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उन्हें तो कड़ी से कड़ी सजा मिलना चाहिये लेकिन सरकार के इस निर्णय ने बता दिया है कि भ्रष्टाचार को सरकार का संरक्षण प्राप्त है और वास्तविक दोषियों का कुछ होने वाला नहीं है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">उन्हें तो कड़ी से कड़ी सजा मिलना चाहिये लेकिन सरकार के इस निर्णय ने बता दिया है कि भ्रष्टाचार को सरकार का संरक्षण प्राप्त है और वास्तविक दोषियों का कुछ होने वाला नहीं है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 26, 2022उन्हें तो कड़ी से कड़ी सजा मिलना चाहिये लेकिन सरकार के इस निर्णय ने बता दिया है कि भ्रष्टाचार को सरकार का संरक्षण प्राप्त है और वास्तविक दोषियों का कुछ होने वाला नहीं है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 26, 2022
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हमने पहले ही चेता दिया था कि सरकार ने जाँच समिति बनाकर इस मामले में लीपा पोती का काम शुरू कर दिया है, वास्तविक दोषियों व ज़िम्मेदारों को बचाने का खेल खेला जा रहा है और वही हुआ।
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— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 26, 2022हमने पहले ही चेता दिया था कि सरकार ने जाँच समिति बनाकर इस मामले में लीपा पोती का काम शुरू कर दिया है, वास्तविक दोषियों व ज़िम्मेदारों को बचाने का खेल खेला जा रहा है और वही हुआ।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 26, 2022
यह है मामला: 12 अगस्त को धार में भरुडपुरा और कोठीदा के बीच कारम नदी पर बनाए जा रहा डैम से पानी रिसने के बाद इसके फूटने का खतरा पैदा हो गया था. 12 घंटे के अंदर इस बांध में दो अलग-अलग जगहों से पानी का रिसाव हुआ था. इलाके में हुई जबरदस्त बारिश के बाद निर्माणाधीन बांध में जैसे ही पानी का दवाब बढ़ा तोबांध के एक हिस्से में मिट्टी का कटाव शुरू हो गया था. जिसे कड़ी मशक्कत के बाद देर रात तक ठीक कर लिया गया था, लेकिन सुबह दूसरे जगह पानी का रिसाव शुरू हो गया. 304.44 करोड़ की लागत से धार की कारम नदी पर बनाए जा रहे डैम का काम पिछले 4 सालों से चल रहा है.