देवास। जिले के ग्राम अतवास में विवादित भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने और रोका गया रास्ता खुलवाकर सुलह कराने गई प्रशासनिक टीम पर हमले के बाद, साथ ही वहां मौजूद एक महिला के आत्मदाह के प्रयासों का वीडियो सामने आने के बाद घटना को लेकर राजनीति तेज हो गई है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और अरुण यादव ने जहां सीएम शिवराज के राज में अल्पसंख्यक महिला के खेत में खड़ी फसल पर जेसीबी चलाने का विरोध किया है, वहीं पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भी शिवराज सरकार पर हमला बोला है. आज पीड़ित महिला से मिलने अस्पताल पहुंचे सज्जन सिंह वर्मा, एमपी कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री अजिता वाजपेयी, अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य नूरी खान ने महिला का हाल जानने के बाद कलेक्टर से मुलाकात करते हुए मामले को लेकर जानकारी ली.
वहीं पीड़िता और जिलाधीश से मुलाकात के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि मैं इस घटना की निंदा करता हूं और प्रशासन से पूछना चाहता हूं कि गाइडलाइन के हिसाब से जब खेत में फसल खड़ी हो तो कोई अतिक्रमण नहीं हटाया जा सकता, तो टीम जेसीबी लेकर क्यों गई.
दूसरी बात प्रशासन के अनुसार जब दोनों पक्षों में समझौता हो गया था, तो उस पर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर क्यों नहीं हैं और तीसरी बात मामले में 8 अगस्त की अगली तारीख लगी थी, तो अतिक्रमण हटाने की इतनी जल्दी क्यों थी कि खड़ी फसल बर्बाद कर दी और पीड़िता को आत्मदाह के लिए मजबूर होना पड़ा.
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा पीड़िता को 25 हजार की सहायता राशि देने की बात भी कही. दरअसल जिले की सतवास तहसील के अतवास गांव में न्यायालय के फैसले से विवादित रास्ता खुलवाने प्रशासन की टीम पहुंची थी. विवादित जमीन पर अतिक्रमणकर्ताओं की सोयाबीन फसल खड़ी थी और टीम के साथ जेसीबी मशीन देखकर वे भड़क गए और टीम से विवाद कर हमला बोल दिया था.
इस बीच शाबरा बी पति रमजान खान ने अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली थी. टीम पर कुछ लोगों द्वारा हमला किये जाने पर अलग-अलग बातें और बयान सामने आ रहे हैं. वैसे अब कलेक्टर द्वारा आगामी तीन दिन में घटना की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश एसडीएम नरेन्द्र धुर्वे को दिए जा चुके हैं, जिसकी रिपोर्ट सामने आने पर घटना के कुछ और पहलू सामने आने की संभावना है.